img-fluid

दुनिया के टॉप 10 देश जो हैं सबसे सूखाग्रस्त, सभी मुस्लिम बहुल देश

November 04, 2025

नई दिल्‍ली। अरब प्रायद्रीप और सहारा मरुस्थल (The Sahara Desert) के करीब बसे अधिकांश मुस्लिम देश दुनिया के सबसे कम वर्षा प्राप्त करने वाले देशों में शुमार हैं। इसकी वजह उनकी भौगोलिक स्थिति है। उप- उष्णकटिबंधीय (Sub Tropical) स्थिति के कारण उन इलाकों में सालों भर उच्च तापमान रहता है। इतना ही नहीं इन देशों में लोग तेज धूप, लंबवत किरणें, और बिना बारिश वाली गर्मियां झेलने को मजबूर हैं। बारिश के मौसम में अगर यहां बारिश होती भी है तो वह बहुत कम मात्रा में होती है और अल्प अवधि के लिए होती है।

ऐसे देशों में मिस्र, सऊदी अरब और लीबिया जैसे देश शामिल हैं। अगर कभी यहां बारिश होती है तो सऊदी अरब में बाढ़ जैसी स्थिति भी उत्पन्न हो जाती है क्योंकि उस समय मॉनसूनी स्ट्रीम तेज बारिश वाली घाटियों से होकर गुजरती है। इससे वहां अचानक बाढ़ आ जाती है और पानी बह जाता है। सऊदी अरब और जॉर्डन में अक्सर ऐसी ही होता है। समतल मैदान और हवा में नमी की कमी के कारण गर्म रेगिस्तानी हवाएँ समंदर से आने वाली आर्द्रता सोख जाती हैं, इसलिए यहां बारिश नहीं होती है।



टॉप 10 देशों में मिस्र सबसे ऊपर

टॉप 10 देशों की लिस्ट में मिस्र सबसे ऊपर है, जहां औसत वार्षिक वर्षा सबसे कम है। यहां 18 मिलीमाटर औसत वार्षिक वर्षा होती है, इसलिए, मिस्र दुनिया के सबसे शुष्क देशों में नंबर वन पर है। हालांकि, चिली के अटाकामा रेगिस्तान जैसे क्षेत्र दुनिया के सबसे शुष्क स्थानों में से गिना जाता है, जहाँ कुछ स्थानों पर सैकड़ों वर्षों से बारिश नहीं हुई है। वर्ल्ड एटलस की रिपोर्ट के मुताबिक, इसके बाद लीबिया का स्थान आता है, जहां औसतन 56 मिलीमीटर वार्षिक वर्षा होती है।
लिस्ट में और कौन-कौन से देश?

टॉप-10 देशों की लिस्ट में सऊदी अरब का नंबर तीसरे पर आता है, जहाँ औसत वार्षिक वर्षा सामान्यतः 50 से 150 मिलीमीटर होती है। खासकर इसके रेगिस्तानी क्षेत्रों में कम बारिश होती है। इसके अलावा कतर में 74, UAE में 78, बहरीन में 83, अल्जीरिया में 89, मॉरिटानिया में 92, जॉर्डन में 111 और कुवैत में 121 मिलीमीटर औसत बार्षिक बारिश होती है।

Share:

  • आदिवासियों के धर्मांतरण से बन रहे तनाव, सामाजिक बहिष्कार और हिंसा के हालातः छत्तीसगढ़ HC

    Tue Nov 4 , 2025
    रायपुर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट (Chhattisgarh High Court) ने हाल ही में ‘मिशनरी प्रेरित धर्मांतरण’ (‘Missionary-inspired conversions’) पर कई अहम टिप्पणियां की हैं। हाई कोर्ट ने कहा कि बड़ी संख्या में आदिवासियों के धर्मांतरण (Tribals Conversion) से तनाव, सामाजिक बहिष्कार और कई बार हिंसा की स्थिति उत्पन्न हो रही है। उच्च न्यायालय ने ये टिप्पणियां उन […]
    सम्बंधित ख़बरें
    खरी-खरी
    गुरुवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives

    ©2025 Agnibaan , All Rights Reserved