लंदन। ब्रिटेन में सीएमए (CMA in UK) ने फेसबुक-जिफी डील (Facebook-Jiffy deal) को सोशल मीडिया कंपनियों के बीच खुली प्रतियोगिता (Competition) व ऑनलाइन विज्ञापनों में तकनीकी इनोवेशन को नुकसान पहुंचाने वाला करार दिया। जिफी ऑनलाइन जिफ व एनिमेटेड फोटो शेयर करने वाला प्लेटफॉर्म है। इसके जरिए फेसबुक इंस्टाग्राम (Facebook Instagram) पर कमेंट के दौरान यूजर्स ऑनलाइन फोटो पोस्ट करते हैं।
बताया जा रहा है कि फेसबुक द्वारा ब्रिटेन में करीब 3,000 करोड़ रुपये में खरीदी गई कंपनी जिफी उसे वापस बेचनी होगी। यह आदेश ब्रिटेन के प्रतियोगिता व बाजार प्राधिकरण (सीएमए) ने दिया है, जो यहां का प्रतिस्पर्धा आयोग है।
वहीं सीएमए ने फेसबुक-जिफी डील को सोशल मीडिया कंपनियों के बीच खुली प्रतियोगिता व ऑनलाइन विज्ञापनों में तकनीकी इनोवेशन को नुकसान पहुंचाने वाला करार दिया। जिफी ऑनलाइन जिफ व एनिमेटेड फोटो शेयर करने वाला प्लेटफॉर्म है। इसके जरिए फेसबुक इंस्टाग्राम पर कमेंट के दौरान यूजर्स ऑनलाइन फोटो पोस्ट करते हैं। गूगल की कंपनी टेनर भी यही काम करती है। फेसबुक ने मई 2020 में जिफी खरीदा था।
खबरों के अनुसार डील में कहा कि जिफी स्वतंत्र काम करता रहेगा, लेकिन सीएमए ने शुरुआती जांच में संदेह जताया कि डील से यह स्वतंत्रता, कंपनियों की आपसी प्रतियोगिता व डिजिटल विज्ञापनों में इनोवेशन को नुकसान हो सकता है। ताजा आदेश पर डील की जांच समिति के अध्यक्ष स्टुअर्ट मैकिंटोश ने कहा ‘फेसबुक को जिफी बेचने का आदेश देकर हम करोड़ों सोशल मीडिया यूजर्स के अधिकारों की रक्षा कर रहे हैं।
बता दें कि 5.94 लाख करोड़ के बाजार पर एकाधिकार की कोशिश में था मेटा : मेटा और जिफी दोनों दरअसल अमेरिकी कंपनियां हैं। ब्रिटेन में मेटा करीब 50 प्रतिशत ऑनलाइन डिस्पले विज्ञापनों पर नियंत्रण रखती है। इस बाजार की कीमत करीब 5.94 लाख करोड़ रुपए आंकी गई है। जिफी के जरिए मेटा अपना एकाधिकार बढ़ाने की फिराक में है।
मेटा कंपनी जिफी के जरिए ट्विटर, स्नैपचैट, टिकटॉक आदि को बाध्य कर सकती है कि वे यूजर्स का ज्यादा डाटा मेटा से शेयर करें। बदले में उन्हें जिफी उपयोग करने दिया जाएगा। मेटा नजर रखेगा कि प्रतियोगी जिफी का कैसे उपयोग कर रहे हैं।
जिफी ने अमेरिका में इनोवेटिव विज्ञापन सेवाएं शुरू की हैं, लेकिन ब्रिटेन में चूंकि मेटा ने उसे खरीद लिया, यह सेवाएं शुरू नहीं कीं। इस प्रकार इनोवेशन को रोका गया।
असहमत होते हुए मेटा के प्रवक्ता ने कहा कि वह आदेश का अध्ययन करवा रहे हैं, इसके खिलाफ अपील की जाएगी। उनके पास अपील के लिए चार हफ्ते का समय है।