- दोस्तों को पहचानने से किया इनकार, बेटी के साथ मां भी होस्टाइल
इंदौर। जहर खाकर एक युवती ने बॉयफ्रेंड और उसके दोस्तों को गैंगरेप के जुर्म में फंसा दिया। बाद में अदालत में बयान बदलकर उन्हें सजा से बचा भी लिया। युवती के साथ उसकी मां भी होस्टाइल हो गई और कोर्ट में बयान बदल डाले। सूत्रों के अनुसार फरियादी 25 अप्रैल 2019 को चूहामार दवा खाने के बाद सुयोग अस्पताल पहुंची थी, जहां से पुलिस को सूचना दी गई तो मामले में रिपोर्ट दर्ज हुई। युवती का इल्जाम था कि उसकी बीके सिंधी कॉलोनी के रहनेवाले राहुल माखीजा से डेढ़ साल से दोस्ती थी। वह शादी का झांसा देकर उससे जबरदस्ती करता रहा, फिर शादी करने को बोला तो राहुल ने ऑफर दिया कि वह पहले उसकी बुआ के लडक़े दीपू उर्फ दीपक खत्री निवासी जोशी कॉलोनी व दोस्त नवीन गुलाबानी निवासी प्रजापत नगर एवं लक्की केवलरामानी निवासी बीके सिंधी कॉलोनी से शारीरिक संबंध बनाए तो ही उससे शादी करेगा, अन्यथा नहीं।
युवती उसके कहने पर दीपू के जोशी कॉलोनी स्थित घर गई तो राहुल के दोस्तों ने उससे दुष्कर्म किया। बाद में भी चारों ने उसके साथ खोटा काम किया। मामले में जूनी इंदौर पुलिस ने गैंगरेप का केस दर्ज किया था। अदालत में युवती ने न केवल राहुल के दोस्तों को पहचानने से इनकार कर दिया, बल्कि खोटा काम होने से ही इनकार कर दिया। उसके होस्टाइल होने पर सरकारी वकील ने सवाल भी दागे, किंतु उसने पुलिसिया कहानी से हटकर बयान दिए और राहुल द्वारा शादी का झांसा देने की बात से भी मना कर दिया। उसकी मां भी बोली कि उसकी बेटी डिप्रेशन में थी, जबकि बेटी का कहना था कि उसने गलती से जहर खा लिया था। क्यों खाया उसे याद नहीं। ऐसे में जज चारूलता दांगी ने राहुल व उसके तीन साथियों को बरी करने का फरमान सुनाया।
कल जिला और अधीनस्थ अदालतों में आधे दिन की छुट्टी
इंदौर। जिला व अधीनस्थ न्यायालयों में शुक्रवार को आधे दिन की छुट्टी रहेगी। इंदौर बार एसोसिएशन के पूर्व सचिव गोपाल कचोलिया ने बताया कि अहिल्या उत्सव के उपलक्ष्य में 26 अगस्त की सुबह दस से दोपहर डेढ़ बजे तक ही जिला कोर्ट व अधीनस्थ अदालतों में कामकाज होगा, तत्पश्चात आधे दिन का अवकाश रहेगा।
परियोजना अधिकारी को देना होगी बच्चों की स्कूल फीस
इंदौर। महिला एवं बाल विकास विभाग में देपालपुर में परियोजना अधिकारी के पद पर पदस्थ प्रवीणकुमार सिटोले को अपने दो बच्चों की स्कूल फीस देना होगी। एडवोकेट शिवशंकर दशोरे ने बताया कि नाबालिग बच्चों की मां ने गुजारा भत्ते के लिए केस लगाया था। इसके विचाराधीन रहते इस साल बच्चों की स्कूल फीस के लिए 30 हजार 350 रुपए देने की बारी आर्ई तो मां की अर्जी पर फैमिली कोर्ट ने यह राशि पिता को वहन करने के आदेश दिए।