इंदौर न्यूज़ (Indore News)

देख-रेख के अभाव में करोड़ों के कचरा वाहनों का कबाड़ा

  • खराब होने पर सुधराने के बजाए दौड़ाते रहते हैं वार्डों में गाडिय़ां, झोनलों की लापरवाही आई सामने

इंदौर। नगर निगम ने बीते तीन सालों में करोड़ों के कचरा उठाने वाले वाहन खरीदे, लेकिन अब उनके मेन्टेनेंस के अभाव में कई वाहन खटारा होना लगे हंै। इसमें सबसे ज्यादा झोनलों की लापरवाही सामने आ रही है, क्योंकि खटारा वाहन सुधरने के बजाए उन्हें ऐसी ही स्थिति में दौड़ाया जा रहा है। इसके अलावा 50 नए वाहन आने का मामला भी उलझन में पड़ गया है।

नगर निगम ने शहर के 85 वार्डों में कचरा उठाने के लिए 700 से ज्यादा वाहनों का बड़ा बेड़ा तैनात कर रखा है और हर रोज अलग-अलग निर्धारित समय पर वार्डों में गाडिय़ां कचरा उठाने के लिए पहुंचती हैं। सबसे पहले निगम के पास 450 गाडिय़ां थीं। बाद में कुछ वाहन और खरीदे गए, कुछ वाहन एटूझेड से मिले थे, जिन्हें सुधारकर सडक़ों पर दौड़ाया गया। कई बड़े वाहनों के टैंकर बनाए गए और कचरा उठाने वाले वाहनों को जीप में तब्दील कर दिया गया। करीब सवा सौ वाहन वर्कशाप विभाग में ही तैयार किए गए थे, लेकिन नए वाहनों की स्थिति झोनलों की लापरवाही से अब लगातार खराब हो रही है।

80 से ज्यादा नए वाहन कर दिए खटारा
सुधार कार्य के लिए कुछ दिनों तक गाडिय़ां निर्धारित तिथियों पर नियमित भेजी जाती रहीं, लेकिन बाद में यह सिलसिला बंद हो गया, जिसके चलते 80 से ज्यादा नए वाहनों में आई खराबी के चलते उन्हें सुधारने का कार्य चल रहा है। कई वाहन तो ऐसे हैं, जिन्हें 6 माह पहले ही झोनलों को आवंटित किया था। अब ऐसे वाहन कंपनी में भेजे जाएंगे।


नए 50 वाहनों का मामला भी उलझन में
नगर निगम ने छोटे कचरा वाहनों के मामले में नया प्रयोग करते हुए 50 नए बड़े कचरा वाहन बुलाए थे, जो हल्ला गाडिय़ों से ज्यादा बड़े हैं। निगम स्वास्थ्य विभाग ने कुछ ऐसे वाहन प्रयोग के तौर पर बुलवाकर सडक़ों पर दौड़ाए भी, जिसके परिणाम वार्डों से कचरा कलेक्शन में अच्छे मिले। इसी के चलते अब नए बड़े वाहनों की खरीदी के आर्डर जारी किए हैं।

सुधराने के बजाए दौड़ाते हैं वाहन, होता है कबाड़ा
कई झोनों के अंतर्गत आवंटित किए गए नए कचरा वाहन को एक माह अथवा दो माह की अवधि में कोई खराबी होने पर सुधार कार्य के लिए वर्कशाप भेजना होता है, लेकिन कई स्थानों पर स्वास्थ्य अधिकारी गाडिय़ों के खस्ताहाल होने के बावजूद उन्हें वार्डों में कचरा उठाने के कार्य में दौड़ा रहे हैं, जिसके चलते नए वाहनों में खराबी आ रही है और ऐसे वाहनों को वर्कशाप लाकर लंबा सुधार कार्य करना पड़ रहा है और कई जगह तो यह स्थिति बनती है कि वार्डों में ही गाडिय़ां खराब होने के चलते खड़ी हो जा रही हैं। अस्थायी तौर पर उन वार्डों में दूसरे वाहन आवंटित किए जाते हैं।

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