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श्रद्धांजलि! टाटा को बुलंदियों पर पहुंचाने वाले भारत के ‘स्‍टील मैन’ का निधन

नई दिल्‍ली: टाटा स्‍टील (TATA Steel) के पूर्व एमडी जमशेद जे ईरानी का सोमवार रात 86 साल की उम्र में निधन हो गया. उन्‍होंने अपनी मेहनत से टाटा को स्‍टील की दुनिया का बेताज बादशाह बनाया और उनके इस उल्‍लेखनीय काम के लिए पद्म भूषण से सम्‍मानित किया गया. टाटा कंपनी ने अपने पूर्व एमडी को खास अंदाज में श्रद्धांजलि भी दी है. जमशेद जे ईरानी को पूरी दुनिया स्‍टील मैन ऑफ इंडिया के नाम से जानती थी.

सोमवार देर रात जमशेदपुर के टाटा मेन हॉस्पिटल में उन्‍होंने आखिरी सांस ली है. उनके परिवार में पत्‍नी डेजी और तीन बच्‍चे हैं. टाटा स्‍टील ने अपने पूर्व एमडी को श्रद्धांजलि देते हुए लिखा- ‘भारत के स्टील मैन के नाम से मशहूर पद्म भूषण डॉ. जमशेद जे ईरानी के निधन पर हमें गहरा दुख हुआ है. टाटा स्टील परिवार उनके परिवार और प्रियजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता है.’ वह पिछले कई दिनों से टाटा मुख्य अस्पताल में भर्ती थे, घर में गिर जाने के कारण उनके सिर में गंभीर चोट आई थी.

11 साल पहले रिटायर हुए थे ईरानी
ईरानी ने भारतीय स्‍टील उद्योग में करीब चार दशक से अधिक समय तक काम किया. उन्‍होंने साल 1963 में ब्रिटिश आयरन एंड स्टील रिसर्च एसोसिएशन, शेफील्ड में एक वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी के रूप में अपना करियर शुरू किया था. उसके बाद साल 1968 में भारत लौटने पर निदेशक (आरएंडडी) के सहायक के रूप में टाटा स्टील में शामिल हो गए और उनके बेहतर काम को देखते हुए साल 1985 में उन्‍हें महाप्रबंधक और अध्यक्ष नियुक्त कर दिया गया. इसके बाद साल 1992 में वह कंपनी के प्रबंध निदेशक बने और जुलाई 2001 तक इस पद पर रहे. ईरानी जून, 2011 में टाटा स्‍टील के बोर्ड से रिटायर हुए थे.


नागपुर से किया था एमएससी
ईरानी ने नागपुर विश्‍वविद्यालय से भूविज्ञान में एमएससी किया था और इसके बाद शेफील्‍ड विश्‍वविद्यालय, ब्रिटेन से डॉक्‍टरेट की उपाधि हासिल की. उन्‍हें भारतीय उद्योग जगत में उल्‍लेखनीय काम के लिए देश के तीसरे सर्वोच्‍च नागरिक पुरस्‍कार पद्म भूषण से भी सम्मानित किया गया था. डॉ. ईरानी की पहचान दूरदर्शी उद्यमी के तौर पर थी और उन्‍होंने 43 साल तक टाटा स्‍टील को अपनी सेवा देते हुए कंपनी को अंतरराष्‍ट्रीय पहचान दिलाई.

कैसे लगी थी चोट
सूत्रों का कहना है कि 6 अक्‍तूबर की सुबह ईरानी अपने घर में फिसलकर गिर गए थे और उनकी रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोट लग गई थी. इसके बाद से ही वे टाटा के अस्‍पताल में भर्ती थे. इस दौरान वे कोविड पॉजिटिव हो गए और निमोनिया से भी ग्रस्‍त हुए, जिसके बाद उनका इलाज इमरजेंसी यूनिट में चल रहा था. डॉ. ईरानी का जन्‍म 2 जून, 1936 को नागपुर के जीजी ईरानी और खोरशेद ईरानी के घर हुआ था.

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