मुंबई: महाराष्ट्र में तेज़ी से बदलते घटनाक्रम के बीच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने कहा है कि उन्हें सीएम के पद से कोई मोह नहीं है. लेकिन उन्होंने ये भी कहा है कि इस पद पर बने रहने के लिए उन्होंने अपनी ज़िद नहीं छोड़ी है. उन्होंने ये बातें ज़िला प्रमुखों की बैठक में कही.
सेना भवन में आज दोपहर 1 बजे से जिला प्रमुख और तहसील प्रमुखों की बैठक हुई. जिसे मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने ऑनलाइन संबोधित किया. उद्धव ठाकरे ने कहा कि मुझे सत्ते का लोभ नहीं है इसलिए मैं सीएम आवास वर्षा छोड़कर मातोश्री में आ गया हम सबको एक साथ रह कर लड़ना है. मर भी जाएंगे तो शिवसेना नहीं छोड़ेंगे बोलकर कुछ लोग भाग गए.
बागी विधायकों पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का निशाना
कौन किस तरह का व्यवहार कर रहा है, इसमें हमें नहीं जानना है. जो लोग बोलते थे कि हम मरने पर भी शिवसेना नही छोड़ेंगे,वो मरने के पहले ही छोड़कर चले गए. ठाकरे और शिवसेना का नाम के बिना उपयोग कर जी कर दिखाये. बागी विधायकों ने शिवसेना को तोड़ने का काम किया है. मेरी तस्वीर के बिना लोगों मे घूमकर दिखाए.
जो छोड़कर गये, उनको लेकर मुझे क्यों बुरा लगेगा? मुझे लगता था कि मेरी मुख्यमंत्री की कुर्सी हिल रही थी, लेकिन वो मेरी रीढ़ की हड्डी हिल रही थी. एकनाथ शिंदे के लिए क्या कम किया, नगर विकास मंत्रालय दिया. संजय राठौड़ पर गम्भीर आरोप होते हुए भी उन्हें संभाला गया. शिवसेना के अस्तित्व पर सवाल उठाने वाले को दिखाना होगा कि शिवसेना के प्रति उनकी निष्ठा क्या है.
वहीं इस बैठक में आदित्य ठाकरे, सांसद विनायक राउत, MLC सचिन अहिर भी शामिल हुए. हैरानी की बात है कि शिवसेना के समर्थक जिस संख्या में सेना भवन पहुंचा करते थे वो संख्या यहां नजर नहीं आई, बल्कि एनसीपी के कुछ विधायक यहां समर्थन के लिए पहुंचे. पार्टी के अधिकतर विधायक एकनाथ शिंदे के साथ है.
वहीं इस बैठक में आदित्य ठाकरे ने भी अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि इससे पहले भी लोग शिवसेना को धोखा दे चुके हैं. उद्धव ठाकरे ने पिछले ढाई साल में जो काम किया है लोग उस काम का समर्थन करते हैं. उन्होंने कहा कि, वह एक ऐसे व्यक्ति हैं जो महाराष्ट्र में अखंडता और शांति बनाए रखते हैं लेकिन अफ़सोस की बात है कि ऐसे व्यक्ति को खतरे में डाल रहा है.
दो दिन पहले जब हम वर्षा से निकले तो स्टाफ के हर सदस्य की आंखों में आंसू थे. सड़क पर शिवसैनिकों की आंखों में आंसू थे. बता दें कि शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे ने ठाकरे के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी है. शिंदे ने दावा किया है कि उन्हें 40 से ज्यादा विधायकों का समर्थन हासिल है. लिहाज़ा ठाकरे सरकार की हालत कमज़ोर हो गई है.
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