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भूमि पूजन पर उद्धव का बयान शिवसेना के पतन का द्योतक: आलोक कुमार

नई दिल्ली । विश्व हिन्दू परिषद् (विहिप) के कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने राम मंदिर भूमि पूजन को विडियो-कॉन्फ़्रेंसिंग से कराने के शिवसेना प्रमुख एवं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के सुझाव पर आश्चर्य व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि उद्धव का बयान शिवसेना के पतन का द्योतक है।
आलोक कुमार ने सोमवार को बयान जारी कर कहा कि यह सुझाव सिर्फ विरोध करने की भावना से आया है। यह शिवसेना का कैसा पतन है, जिसे कभी बालासाहब ठाकरे ने प्रखर हिंदुत्व की राजनीति के लिए गढ़ा था।
उन्होंने कहा कि भूमि पूजन भवन निर्माण के पहले एक आवश्यक और पवित्र रस्म है। भूमि को खोदने से पहले पृथ्वी माँ की पूजा की जाती है। उनसे आशीर्वाद माँगा जाता है और वहां नींव खोदने की अनुमति ली जाती है। यह काम दिल्ली में बैठकर वीडियो-कॉन्फ़्रेंसिंग से नहीं किया जा सकता।
विहिप के कार्याकारी अध्यक्ष ने कहा कि कोरोना की सारी सावधानियां बरतते हुए देश सामान्य जीवन जीने की ओर बढ़ रहा है। थोड़े समय पहले ही सर्वोच्च न्यायालय ने जगन्नाथ रथ यात्रा निकालने की अनुमति दी थी। श्री अमरनाथ यात्रा के स्थगित होने के बावजूद उस यात्रा की सारे धार्मिक रीति-रिवाजों को निभाया गया है। विहिप ने हमेशा स्पष्ट किया है कि भूमि पूजन के कार्यक्रम में केवल 200 लोग रहेंगे और सुरक्षा एवं स्वास्थ्य के सारे निर्देशों का पालन किया जाएगा। इस स्थिति में सार्वजानिक स्वास्थ्य के बारे में ठाकरे की चिंता विरोध करने के लिए रचा गया ढोंग मात्र है।
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