नई दिल्ली। ब्रिटेन (Britain) में एक खाद्य पदार्थों पर नए तरीके का टैक्स (Tax) लगाने जा रहा है। अब ब्रिटेन (Britain) में जल्द ही प्रोसेस्ड मीठे (processed sweets) व नमकीन खाद्य पदार्थों पर शुगर टैक्स (sugar tax) लगाने की तैयारी है। पीएम बोरिस जॉनसन (PM Boris Johnson) द्वारा नियुक्त खाद्य विशेषज्ञ व कारोबारी हेनरी डिंबलबाय नेराष्ट्रीय खाद्य रणनीति रिपोर्ट में यह सिफारिश की है।
इसके अनुसार खाद्य पदार्थों में हर एक किलो चीनी के उपयोग पर 310 रु. और 1 किलो नमक के उपयोग पर 620 रु. टैक्स की सिफारिश की गई है। इसे स्नैक्स टैक्स (snacks tax) कहा जा रहा है क्योंकि यह प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों पर लगेगा। इनमें चॉकलेट, बिस्कुट, चिप्स जैसे खाद्य पदार्थ शामिल हैं।
नए प्रस्तावों पर विशेषज्ञों को आशंका है कि इसे लागू किया तो इंग्लैंड के लोग हर साल करीब 35,000 करोड़ रुपए अतिरिक्त टैक्स चुकाएंगे। यानी 5.60 करोड़ की आबादी वाले इंग्लैंड में चार लोगों वाला हर परिवार करीब 25,000 रुपए सालाना चुकाएगा।
कई डॉक्टरों और स्वास्थ्य संगठनों ने इसका स्वागत किया, लेकिन उद्योग समूहों ने चेताया कि कंपनियां खाद्य पदार्थों की बढ़ी हुई कीमतें ग्राहकों से ही वसूलेंगी।
लक्ष्य
टैक्स का लक्ष्य भोजन से रोज 4 से 10 ग्राम चीनी व 0.2 से 9.6 ग्राम नमक कम करना है , ताकि 15 से 38 ग्राम कैलोरी घटे।
गरीबों पर बोझ
इंग्लैंड की फूड एंड ड्रिंक फेडरेशन में प्रमुख वैज्ञानिक केट हैलिवेल ने कहा , इससे कमजोर परिवारों प्रभावित होंगे।
समाधान भी बताए
रिपोर्ट में खाद्य पदार्थ की महंगाई का असर घटाने के लिए लाखों बच्चों को इसे स्कूली भोजन में शामिल करने की सिफारिश की , ताकि मुफ्त भोजन मिल सके।
नमक-चीनी ने बिगाड़ी ब्रिटेनवासियों की सेहत
- 45 वर्ष से ऊपर के लोगों को खानपान वाले रोग
- 64,000 मौतें बुरे खानपान से हर साल
- 7.64 लाख करोड़ रु . का सालाना आर्थिक बोझ
- 8 रु. में से 1 रुपया टाइप-2 डायबिटीज पर खर्च
- 1.30 करोड़ लोगों को मोटापा, 20 वर्ष में दोगुने
2032 तक बदल जाएगा अंग्रेजों का खाना पीना
ब्रिटिश सरकार अपने नागरिकों के खानपान में 2032 तक बुनियादी बदलाव लाने पर काम कर रही है। 2032 तक भोजन में फलों और सब्जियों का उपभोग 30% और फाइबर की मात्रा 50% बढ़ाने का लक्ष्य है। चीनी, नमक और सैचुरेटेड फैट युक्त भोजन 25% और मांस का सेवन 30% घटाने का लक्ष्य है।