उज्‍जैन न्यूज़ (Ujjain News)

गंभीर डेम से हो रही पानी की चोरी, 100 दिन में 600 एमसीएफटी की कमी

  • गर्मी शुरु होते ही खपत के साथ साथ वाष्पीकरण भी होगा

उज्जैन। आज से लगभग 100 दिन पहले तक गंभीर डेम अपनी पूरी क्षमता के साथ भरा हुआ था। अब डेम में 1600 एमसीएफटी के लगभग पानी रह गया है। अगले महीने से गर्मी शुरु हो जाएगी और पानी की खपत भी बढ़ जाएगी तथा वाष्पीकरण का असर भी डेम में जमा पानी की मात्रा पर पड़ेगा। इधर पिछले 4 महीनों में गंभीर तथा शिप्रा से पानी चोरी रोकने में पीएचई को कोई खास सफलता नहीं मिली है। उल्लेखनीय है कि पिछले साल अल्प वर्षा हुई थी और अगस्त महीने तक गंभीर डेम में जलस्तर की स्थिति चिंताजनक बनी हुई थी लेकिन बारिश के आखिरी दौर में इंदौर जिले में हुई अच्छी बारिश के कारण यशवंत सागर के गेट खोल दिए गए थे जिसकी बदौलत गंभीर डेम सितम्बर महीने के अंत तक पूरा भर गया था। इसके बाद भी पानी की आवक हो रही थी और दो हफ्ते तक गंभीर डेम के गेट खोलकर लेवल मेनटेन करने के लिए 1700 एमसीएफटी पानी बहाना पड़ा था। इधर अक्टूबर महीने के अंत में कलेक्टर ने शिप्रा तथा गंभीर के पानी को पेयजल हेतु संरक्षित घोषित कर दिया था।


इसके साथ ही पीएचई व अन्य संबंधित विभागों को टीम गठित कर गंभीर डेम में पानी चोरी रोकने के लिए सतत सर्चिंग के आदेश दिए थे। इसके तहत पीएचई और सहयोगी विभागों की टीमों को गंभीर डेम क्षेत्र में होने वाली पानी चोरी में प्रयुक्त उपकरण जब्त करने के तथा संबंधित लोगों के खिलाफ पेयजल परीरक्षण के अधिनियम के तहत कार्रवाई भी करनी थी। तब से लेकर अब तक सर्चिंग में पीएचई पानी चोरी में प्रयुक्त 17 मोटर पंप ही जब्त कर पाई है। इसके विपरित शिप्रा में अभी भी त्रिवेणी से लेकर नृसिंह घाट तक के क्षेत्र में शिप्रा किनारे सैकड़ों मोटर पंप पानी चोरी के लिए लगे साफ नजर आ रहे हैं। यहाँ पीएचई की टीम एक बार भी कार्रवाई करने नहीं पहुँची है। इधर गंभीर डेम में कल सुबह तक 1590 एमसीएफटी पानी मौजूद था। ऐसे में अगले महीने मार्च से गर्मी शुरु हो जाएगी और अप्रैल मई में गंभीर डेम के पानी का वाष्पीकरण तेजी से होगा। उस दौरान नियमित जलप्रदाय के अलावा वाष्पीकरण के कारण गंभीर डेम से रोजाना होने वाली खपत 6 से 7 एमसीएफटी से बढ़कर 10 से 11 एमसीएफटी तक पहुँच जाएगी। इधर दो माह पहले गेहूँ-चने की उपज की बुआई के बाद से ही गंभीर बाँध केचमेंट ऐरिये के आसपास के दो दर्जन से ज्यादा गाँवों में डेम से ही चोरी कर सिंचाई का पानी लिया गया। कुल मिलाकर अब गंभीर डेम में वर्तमान खपत के मान से 160 दिन का पानी और शेष बचा है। गर्मी के दिनों में इस बार भी जलसंकट की समस्या आ सकती है।

आज नहीं हुआ पूरे शहर में जलप्रदाय
गंभीर तथा गऊघाट प्लांट पर कल दिनभर सुधार कार्य चला। इस कारण पंप बंद रहे और पानी की टंकियाँ नहीं भर पाई। इसके चलते आज पूरे शहर में नलों से पानी नहीं आया। हालांकि सुधार कार्य तथा आज जलप्रदाय नहीं होने की जानकारी पीएचई ने दो दिन पहले ही सार्वजनिक कर दी थी। अधिकारियों का कहना है कि सुधार कार्य पूरा हो गया है और पंप को चालू कर दिया गया है। रात तक शहर की टंकियाँ भर जाएगी तथा कल से नियमित जलप्रदाय होगा।

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