नई दिल्ली (New Delhi)। दो पहाड़ी राज्यों (two hill states) में बादल फटने (Cloudburst) से आफत मच गई। हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के शिमला (shimla) और कुल्लू जिले में बादल फटने की घटना में तीन लोग लापता हो गए। शिमला में भूस्खलन (landslide in shimla) की चपेट में आकर दो लोगों की मौत हो गई। लद्दाख में भी बादल फटने से अचानक आई बाढ़ के कारण मुख्य बाजार में मलबा भर गया। उधर गुजरात के दक्षिण हिस्से (gujarat south part) और सौराष्ट्र क्षेत्र (Saurashtra region) के कई जिलों में भारी बारिश (Heavy rains) होने से बांधों और नदियों में जलस्तर खतरे के निशान तक पहुंच गया। जूनागढ़ में कई कारें और मवेशी पानी की तेज धार में बह गए। वहीं महाराष्ट्र के यवतमाल में बाढ़ के कारण फंसे लगभग 110 लोगों को शनिवार को बचा लिया गया। इसके लिए वायुसेना के हेलीकॉप्टर की मदद ली गई।
हिमाचल प्रदेश के कई क्षेत्रों में शुक्रवार देर रात से भारी बारिश हो रही है। शिमला जिला के कोटखाई की बाग डुमैहर पंचायत में एक मकान भूस्खलन की जद आने से नेपाली मूल के दो व्यक्तियों को मौत हो गई। वहीं रोहड़ू में देर रात एक बजे बादल फटने से लैला खड्ड ने खूब कहर बरपाया और ढाबे सहित एक मकान बाढ़ में बह गया। इस हादसे में एक ही परिवार के तीन लोग लापता हैं। अभी इनका कोई सुराग नहीं लग पाया। बादल फटने की घटना के बाद पूरे गांव में रातभर अफरा-तफरी का माहौल रहा।
बताया जा रहा है कि जगोटी निवासी रोशन लाल उनकी पत्नी भागा देबी लैला में ढाबा चलाते थे। बीती रात उनका पोता कार्तिक भी उनके साथ में था। रात में लैला खड्ड में आई बाढ़ में ढाबा और उसके साथ उनका कमरा भी बह गया। पुलिस और स्थानीय प्रशासन राहत व बचाव कार्य में जुटा हुआ है। राज्य के कई क्षेत्रों में भी भारी बारिश से खूब नुकसान हुआ है। कुल्लू की गड़सा घाटी में बादल फटने से नाले में बाढ़ आ गई। भूस्खलन से खोड़ागे गांव के दो दर्जन से ज्यादा मकान खाली कराए गए।
दिल्ली में भी हाई अलर्ट
दिल्ली सरकार हाई अलर्ट पर है क्योंकि उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में भारी बारिश के बाद हथिनीकुंड बैराज से 2 लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़े जाने के कारण यमुना में जल स्तर लगातार बढ़ रहा है। अधिकारियों ने शनिवार को चेतावनी दी कि दिल्ली में यमुना का जलस्तर बढ़ने से राजधानी के बाढ़ प्रभावित निचले इलाकों में राहत और पुनर्वास कार्य प्रभावित होने की संभावना है।
बादल फटने से लद्दाख में अचानक आई बाढ़
केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में बादल फटने से अचानक बाढ़ आ गई। इससे मलबा बह कर मुख्य बाजार क्षेत्र में आ गया और जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। इसमें किसी प्रकार के जानमाल के नुकसान की कोई खबर नहीं है। अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि शुक्रवार देर रात केंद्र शासित प्रदेश के गैंगल्स क्षेत्र में बादल फट गया और लेह शहर के कई हिस्से जलमग्न हो गए। बाढ़ के कारण लेह में तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा का एक कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया।
नवसारी और जूनागढ़ जिले सबसे ज्यादा प्रभावित
गुजरात के जूनागढ़ में लोग सुरक्षित स्थानों तक पहुंचने के लिए कमर तक पानी में चलते हुए नजर आए। नवसारी और जूनागढ़ जिले बारिश से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। प्रशासन ने लोगों से एहतियात बरतने का अनुरोध किया है। लोगों को बांधों या उनके आसपास के क्षेत्रों में नहीं जाने की चेतावनी दी गई है। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए बचाव दलों को तैनात किया गया है। नवसारी में सुबह छह बजे से शाम चार बजे तक 303 मिलीमीटर बारिश हुई। एक अधिकारी ने बताया कि नवसारी में एक व्यक्ति और उनका पुत्र नाले में बह गए। व्यक्ति को तो बचा लिया गया है तथा उसके बेटे का पता लगाने की कोशिश की जा रही है। वाहनों के इंजन में पानी घुसने से वाहनों का परिचालन बाधित हो गया। बारिश के कारण गुजरात के राष्ट्रीय राजमार्ग 48 पर यातायात जाम हो गया।
महाराष्ट्र: यवतमाल में घरों और सड़कों पर पानी भरा
महाराष्ट्र में यवतमाल जिले के जिलाधिकारी अमोल येडगे ने बताया कि राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के अलावा, भारतीय वायु सेना के एक एमआई-17 वी5 हेलीकॉप्टर को भी आनंदनगर टांडा गांव में बचाव अभियान के लिए तैनात किया गया था। एसडीआरएफ ने फंसे हुए लगभग 110 लोगों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया और बचाव अभियान समाप्त हो गया। इस जिले में शुक्रवार से भारी बारिश हो रही है। इससे पहले, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने ट्वीट किया था कि वायु सेना के दो हेलीकॉप्टर बचाव कार्यों के लिए नागपुर से रवाना हुए हैं, लेकिन एक रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि केवल एक हेलीकॉप्टर को सेवा में लगाया गया है। यवतमाल शहर के घरों और सड़कों पर भी पानी भर गया है। प्रभावित इलाकों के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है। पूर्वी महाराष्ट्र के एक अन्य जिले बुलढाणा की संग्रामपुर तहसील के कसेरगांव गांव में लगभग 140 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।
इरशालवाड़ी में हुए भूस्खलन में मृतकों की संख्या 27 हुई
महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के इरशालवाड़ी गांव में भूस्खलन स्थल पर मलबे से खोज और बचाव दलों ने शनिवार को पांच और शव निकाले जिससे मृतकों की संख्या बढ़कर 27 हो गई। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के एक अधिकारी ने कहा,‘इरशालवाड़ी में शनिवार सुबह भूस्खलन स्थल से तीन महिलाओं और एक पुरुष का शव बरामद हुआ, जब कि पांचवें शव की पहचान नहीं हो सकी है।’ अधिकारी ने कहा, ‘पांच लोगों के शव बरामद होने से भूस्खलन हादसे में मृतकों की संख्या बढ़कर 27 हो गई है।’ उन्होंने बताया कि 81 व्यक्तियों का अभी भी कुछ पता नहीं चला है और उनके लिए खोज एवं बचाव अभियान जारी है।
अमरनाथ यात्रियों को कुछ देर के लिए रामबन में रोका
जम्मू स्थित आधार शिविर से 3,000 से अधिक अमरनाथ यात्रियों का एक जत्था शनिवार सुबह कश्मीर के लिए रवाना हुआ। हालांकि, भारी बारिश के कारण जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर दो जगहों पर हुए भूस्खलन के मद्देनजर जत्थे में शामिल यात्रियों को रामबन में कुछ देर के लिए चंद्रकोट में रोका गया। जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर मेहर और दलवास इलाकों में भूस्खलन होने की सूचना मिली थी। मलबा हटाने के बाद राजमार्ग पर वाहनों की आवाजाही बहाल कर दी गई।
बारिश से जोधपुर की सड़कें को जलमग्न, दो लोग बाइक सहित बहे
राजस्थान में भारी बारिश के कारण जोधपुर में भीषण बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई। शहर की भीतरी सड़कें नदियों में तब्दील हो गई हैं और वाहन बह गए। राजस्थान के जोधपुर में शुक्रवार देर रात भारी बारिश हुई। इसके चलते शहर में भयंकर बाढ़ आ गई और अफरा-तफरी मच गई। शहर की अंदरूनी सड़कें नदियों में तब्दील हो गईं। रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म और पटरियां पानी में डूब गईं, जिससे ट्रेन सेवाएं बाधित हो गईं। एक घटना में एक बाइक पर सवार दो लोग बाइक सहित बह गए। हालांकि, उन्हें बचा लिया गया। एक अन्य वायरल वीडियो में एक व्यक्ति को भारी बारिश के कारण जमा हुए तेज पानी में बहते हुए देखा जा सकता है।
गुरुद्वारा दरबार साहिब की तीर्थयात्रा पर लगी रोक बढ़ी
करतारपुर गलियारे के माध्यम से पाकिस्तान में स्थित ऐतिहासिक गुरुद्वारा दरबार साहिब की तीर्थयात्रा बारिश के कारण शनिवार को अगले दो दिन के लिए निलंबित कर दी गई। गुरदासपुर के उपायुक्त (डीसी) हिमांशु अग्रवाल द्वारा सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ जमीनी स्तर पर स्थिति के मूल्यांकन के बाद यह निर्णय लिया गया। गुरुवार को रावी नदी में जलस्तर बढ़ने के कारण तीर्थयात्रा तीन दिन के लिए रोक दी गई थी।