जिनेवा । विश्व स्वास्थ्य संगठन एक समिति गठित करने जा रहा है जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कोरोना वायरस के दौरान लागू की गई स्वास्थ्य पाबंदियों के नतीजों का मूल्यांकन करेगी। डब्ल्यूएचओ प्रमुख टेड्रोस एडेहनम ग्रेब्रेयेसस ने कहा कि यह घोषणा की। यह समिति इंटरनेशनल हेल्थ रेगुलेशंस के कामकाज के साथ-साथ संभावित संशोधनों के बारे में भी सिफारिशें देगी। इस समिति की पहली बैठक 8 से 9 सितंबर को होगी।
दरअसल संवाददाताओं की ओर से कहा गया था कि विश्व स्वास्थ्य संगठन को अपने दिशानिर्देशों में बदलाव करना चाहिए। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इन्हीं सुझावों के मद्देनजर यह फैसला किया है। बता दें कि गुरुवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दुनियाभर के संवाददाताओं के सवालों का जवाब दिया। संवाददाताओं ने सवाल पूछा था कि महामारी के इतने दिनों बाद भी टीका क्यों नहीं आ सका है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुख्य वैज्ञानिक स्वामीनाथन ने बताया कि कोरोना के खिलाफ वैक्सीन के ट्रायल के तीसरे चरण के नतीजे सामने आए हैं। इसमें बड़ा महत्वपूर्ण डाटा हाथ लगा है। इन टीकों में से कुछ के बुजुर्गों पर नतीजे बेहतर रहे हैं।
डब्ल्यूएचओ ने चेतावनी दी है कि युवाओं में कोरोना के बढ़ते मामलों से बुजुर्गों में संक्रमण के फैलने का खतरा अधिक होता है। यूरोप के लिए डब्ल्यूएचओ के प्रमुख डॉ. हांस क्लूज की मानें तो इससे मौतों के मामले में इजाफा हो सकता है। डॉ. क्लूज का यह भी कहना है कि यूरोप में ठंड बढ़ने के साथ ही युवाओं के बुजुर्ग लोगों के संपर्क में आने की संभावना है जिससे महामारी के फैलने का खतरा है। उन्होंने कहा कि हम गैरजरूरी पूर्वानुमान नहीं जताना चाहते लेकिन निश्चित तौर पर यह उन आशंकाओं में से एक है कि मरीजों की संख्या के साथ ही मृत्यु दर में भी बढ़ोतरी हो सकती है। डब्ल्यूएचओ की मानें तो यूरोपीय क्षेत्र में 55 में से 32 परिक्षेत्रों में कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है।
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