भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

जिसने टिकट दिलाई वही जिम्मेदार!

  • भाजपा ने जीत की गारंटी पर दिया महापौर का टिकट

भोपाल। प्रदेश की नगर निगमों के महापौर के लिए मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच है। भाजपा ने इस बार स्थानीय विधायकों, नेताओं, पदाधिकारियों की सिफारिश पर महापौर का टिकट दिया है। इसके पीछे पार्टी का फार्मूला है कि प्रत्याशी की जीत-हार के लिए वही जिम्मेदार होगा, जिसने टिकट दिलवाया है।


गौरतलब है कि भाजपा नेताओं में महापौर के टिकट के लिए ग्वालियर में जमकर खींचतान चल रही है। भोपाल, इंदौर, जबलपुर समेत 14 नगर निगम के मेयर उम्मीदवार घोषित कर दिए गए हैं। ज्यादातर उम्मीदवारों को क्षेत्रीय नेताओं की गारंटी पर टिकट दिया गया है। सागर से संगीता तिवारी को जिताने की जिम्मेदारी नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह पर है। कटनी में पूर्व मंत्री संजय पाठक के समर्थक और रेत कारोबारी विनय दीक्षित की पत्नी ज्योति दीक्षित को टिकट दिया गया है। रीवा से पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ला की गारंटी पर प्रबोध व्यास को टिकट दिया गया है। जिन सीटों पर दावेदारों की संख्या ज्यादा थी, वहां पार्टी ने नए फॉर्मूले के तहत टिकट फाइनल की है। इसके तहत जिसने टिकट देने की सिफारिश की, उस पर ही उम्मीदवार को जिताने की जिम्मेदारी है। यानी नगर सरकार बनाने का दारोमदार सीधे तौर पर क्षेत्रीय नेताओं पर है। सामान्य सीट सिंगरौली से ओबीसी उम्मीदवार को उतारने में ब्राह्मणों की नाराजगी के बावजूद विधायक रामलल्लू वैश्य की सिफारिश पर चंद्रप्रताप विश्वकर्मा को टिकट दिया गया है। खंडवा से उम्मीदवार अमृता यादव को जिताने की जिम्मेदारी सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल और विधायक देवेंद्र वर्मा ने ली है। भोपाल में फंसे पेंच को निकालने के लिए इसी फॉर्मूले का इस्तेमाल किया गया है। यहां मंत्री विश्वास सारंग, विधायक रामेश्वर शर्मा और कृष्णा गौर ने उम्मीदवार मालती राय को जिताने की गारंटी दी है।

5 सीटों पर गारंटी फॉर्मूले से टिकट
ऐसा पहली बार हुआ है, जब भाजपा ने उम्मीदवारों के चयन में गारंटी का फॉर्मूला इस्तेमाल किया है। दरअसल, क्षेत्रीय नेताओं के बीच अपने समर्थक को टिकट दिलाने की खींचतान को खत्म करने के लिए यह फॉर्मूला लागू किया गया। भोपाल से उम्मीदवार मालती राय दो बार पार्षद का चुनाव हार चुकी हैं। बावजूद, इसके विधायक उन्हें टिकट देने पर अड़े रहे।

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