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2 दिसंबर को प्रदूषण दिवस (National Pollution Prevention Day) क्‍यों मनातें हैं? जानिए इस का महत्‍व

दोस्‍तो आप तो जानतें ही हैं कि वायु मानव जीवन के लिए बेहद आवश्‍यक है क्‍योंकि इसके बिना जीवन संभव ही नही है । लेकिन जब बात आती है वायु प्रदूषण की तो प्रदूषण एक ऐसा अंवाछनीय परिवर्तन है जो वायु मे मिल कर वायु की शुद्धता में मिलकर हानिकारक प्रदूषण बन जाता है । वायु प्रदूषण के कारण भारत में लोगों की औसत आयु कम हो रही है।वायु प्रदूषण मानव जीवन के लिए बेहद खतरनाक है वायु प्रदूषण से कई प्रकार की बीमारियां हो सकती है । । फ्रैक्ट्री लगाने के लिए पेड़ों की कटाई, सड़कों पर दौड़ने वाली गाड़ियों से निकलने वाला धुआं, कारखानों से गैस का रिवास जैसे कई वजहें प्रदूषण बढ़ाने के लिए जिम्मेदार हैं। जिस पर अगर अभी कंट्रोल न किया गया तो स्थिति और भयावह हो सकती है।

भोपाल गैस त्रासदी

दोस्‍तों आपको बताने की जरूरत ही नही होगी इस दुखदायी घटना के बारें में दुनिया में हुई सबसे खतरनाक दुर्घटनाओं में शामिल भोपाल गैस त्रासदी( मिथाइल आइसोसाइनाइट जहरीली गैस रिसाव ) को इस 2 दिसंबर 2020 को पूरे 36 साल हो जाएंगे और इस दिन को ही बाद में राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस के रूप में चिह्नित किया गया। 2 दिसंबर, 1984 को भोपाल में यूनियन कार्बाइड कंपनी से एमआईसी गैस का रिसाव हुआ था। इस घटना में हजारों लोगों की मौत हो चुकी थी। लोगों का सामूहिक रूप से दफनाया गया और अंतिम संस्कार किया गया। कुछ ही दिन के अंदर 2,000 के करीब जानवरों के शव को विसर्जित करना पड़ा। आसपास के इलाके के पेड़ बंजर हो गए। अस्पतालों और अस्थायी औषधालयों में मरीजों की भीड़ लग गई। एक समय में करीब 17,000 लोगों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक तुरंत 2,259 लोगों की मौत हो गई थी। मध्य प्रदेश सरकार ने गैस रिसाव से होने वाली मौतों की संख्या 3,787 बताई थी। 2006 में सरकार ने कोर्ट में एक हलफनामा दिया। उसमें उल्लेख किया कि गैस रिसाव के कारण कुल 5,58,125 लोग जख्मी हुए। उनमें से 38,478 आंशिक तौर पर अस्थायी विकलांग हुए और 3,900 ऐसे मामले थे जिसमें स्थायी रूप से लोग विकलांग हो गए। समस्या दुर्घटना के समय तक ही सीमित नहीं थी बल्कि अब तक उसका असर पड़ रहा है। पैदा होने वाले बच्चों में गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं देखने को मिल रही हैं।

वायु प्रदूषण का नियंत्रण :

वायु प्रदूषण का नियंत्रण करना बहूत ही आवश्‍यक हैं क्‍योंकि अगर इस पर नियंत्रण नही किया गया है तो यह मानव जीवन के लिन बेहद खतरनाक और भयंकर हो सकता है । तो आइये जानते हैं कि वायु प्रदूषण का नियंत्रण किस प्रकार कर सकतें हैं –
वायु प्रदुषण नियंत्रण का प्रमुख उपाय है वृक्षारोपण करना आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पेड़- पौधों से हमें आक्‍सीक्जन मिलती है और वह हवा शुद्ध होती है इससे जितने ज्‍यादा पैड़- पौधें होंगें वायु प्रदषण पर नियंत्रण किया जा सकता है इसलिए पैड़- पौधों की कटाई को रोकना बहुत ही अनिवार्य और आवश्‍यक है ।

राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस का उद्देश्य

इसका मुख्य रूप से मकसद लोगों को जागरूक बनाना, जल, वायु, मृदा और ध्वनि प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों के बीच जागरुकता फैलना है। दरअसल इसको भोपाल गैस त्रासदी की याद में मनाया जाता है। भोपाल गैस त्रासदी दुनिया की सबसे बड़ी औद्योगिक त्रासदी थी जिसमें ‘मिथाइल आइयोसाइनेट’ नाम की जहरीली गैस के रिसाव की वजह से बड़े पैमाने पर तबाही फैली।

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