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लो प्रोफाइल नेता Bhupender Patel क्‍यों चुने गए गुजरात के नए मुख्‍यमंत्री, जानें पीछे की पूरी राजनीति

अहमदाबाद। गुजरात (Gujarat) के नए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल (CM Bhupender Patel) ने साल 2017 में अपना पहला चुनाव लड़ा था. इससे पहले वह अहमदाबाद अरबन डेवलपमेंट अथॉरिटी के अध्यक्ष रह चुके थे. राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर 59 वर्षीय भूपेंद्र पटेल (Bhupender Patel) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की पसंद हैं, जिसने सबको चौंका दिया. लो प्रोफाइल नेता भूपेंद्र पटेल (Bhupender Patel) के बारे में किसी ने नहीं सोचा था कि वह अगले सीएम (CM) होंगे. रविवार सुबह तक पटेल के ट्विटर पर सिर्फ 14,000 फॉलोवर्स थे और अगर मीडिया में चल रही अटकलों पर गौर किया जाए तो वह शायद ही इस कुर्सी के लिए रेस में थे. इससे पहले वह रविवार को अपने निर्वाचन क्षेत्र में कुछ समर्थकों के साथ पौधारोपण कर रहे थे. इसके बाद उन्होंने एक छोटी सी बैठक की. माना जा रहा है कि इसी बैठक के दौरान उन्हें इस बात की जानकारी दी गई कि वह अगले मुख्यमंत्री (CM) होंगे.



इतना ही नहीं जब भूपेंद्र पटेल (Bhupender Patel) रविवार दोपहर 3 बजे भाजपा विधायकों की बैठक में पहुंचे तो वह सबसे आखिरी में बैठे. इस दौरान किसी का ध्यान भूपेंद्र पटेल (Bhupender Patel) पर नहीं गया. इसी बैठक में उनके नाम की घोषणा हुई और वह सर्वसम्मति से सीएम चुने गए. ध्यान से देखें तो पाएंगे कि भूपेंद्र पटेल (Bhupender Patel) को सीएम बनाने के फैसले के राजनीतिक मायने अधिक हैं. पाटीदार होने के अलावा नए सीएम एक कडुआ पटेल हैं, जो गुजरात की आबादी का लगभग 7 फीसदी हैं. वह राज्य के सीएम बनने वाले पहले कडुआ पटेल हैं. यह समुदाय उत्तर गुजरात और सौराष्ट्र में प्रमुख रूप से रहता है. मौजूदा सीएम से पहले गुजरात के सभी पटेल मुख्यमंत्री लेउवा पटेल थे. भूपेंद्र पटेल (Bhupender Patel) की विभिन्न पाटीदार संघों पर भी अच्छी पकड़ है.
सीएम बनने की रेस में भूपेंद्र पटेल (Bhupender Patel) ने राज्य में कई नेताओं को पीछे छोड़ दिया. इतना ही नहीं राज्य के डिप्टी सीएम नितिन पटेल का भविष्य फिलहाल अधर में है. वह राज्य में खुद को बड़े पाटीदार चेहरे के तौर पर मानते थे.
भूपेंद्र पटेल (Bhupender Patel) साल 2017 के विधानसभा चुनाव में घटलोडिया से विधायक बने और कुल मतों का 72% हिस्सा उन्हें मिला. उन्होंने बड़े अंतर से जीत दर्ज की. सीएम चुने जाने के बाद उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी चीफ जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह को उन पर विश्वास करने के लिए धन्यवाद दिया. साथ ही उन्होंने आनंदीबेन पटेल को अतीत में उनका समर्थन करने के लिए धन्यवाद दिया. ऐसा लगता है कि सिविल इंजीनियर पहले ही अच्छा संतुलन बना चुका है.

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