इंदौर न्यूज़ (Indore News)

अपना सकेंगे दुर्लभ रुद्राक्ष श्रावण में देता है यह शुभ फल, रुद्राक्ष महोत्सव 13 जुलाई से रवीन्द्र नाट्य गृह गैलरी में

इन्दौर। श्रावण मास (shravan month) में रुद्राक्ष (Rudraksh) धारण करना शुभ फल देता है। इसी मंशा के साथ 13 से 18 जुलाई (July) तक इंदौर (Indore) के रवीन्द्र नाट्य गृह गैलरी (Rabindra Natya Griha Gallery) में विभिन्न प्रकार के रुद्राक्षों का मेला लगेगा, जिसमें श्रद्धालु काउन्टर से 1 से लेकर दुर्लभ 21 मुखी रूद्राक्ष प्राप्त कर सकेंगे।

शहर में प्रतिवर्ष हिमालय की गोद से रुद्राक्ष का खजाना लेकर आने वाले अरविंद पी. बांकर का कहना है कि सांसारिक जीवन में आने वाली अनेक परेशानियों को रुद्राक्षथैरेपी के माध्यम से दूर किया जा सकता है, बशर्ते रुद्राक्ष असली होना चाहिए। रुद्राक्षथैरेपी का व्यापक असर देखना हो तो इसे महादेव के पवित्र माह श्रावण माह में धारण करना चाहिए। बांकर रवीन्द्र नाट्य गृह गैलरी में विभिन्न प्रकार के रुद्राक्षों का भंडार अपने साथ लाए हैं, जिन्हें वह मनुष्य की कुंडली के अनुसार धारण करने की सलाह मुफ्त में देते हैं। शिवमहापुराण और पद्मपुराण के अनुसार श्रावण मास में रुद्राक्ष धारण करना अत्यंत शुभ माना जाता है।


असली रुद्राक्ष की पहचान करने में सहायता करने के लिए एकमात्र संस्था
उन्नत रुद्राक्ष परीक्षण एवं अनुसंधान प्रयोगशाला (एआरटीएल)- मुंबई 400104 आईएसओ 9001-2015 प्रमाणित लैब है। उच्च गुणवत्ता के रुद्राक्ष बीज उपलब्ध करवाने और लोगों को असली रुद्राक्ष की पहचान करने में सहायता करने के लिए हम एकमात्र संस्था है, जो अधिकतम पैरामीटर की पूर्ण सटीकता के साथ सत्यापित करते हैं। हम आईएसओ 9001-2015 प्रमाणित संस्था हैं। हम प्रत्येक रुद्राक्ष बीज की आधुनिक और अन्तरराष्ट्रीय स्तर के उपकरणों से जांच करते हैं, जिससे एक विश्वसनीय रिपोर्ट प्राप्त हो, जो संतोषजनक हो। हर रिपोर्ट में एक अनुमानित चित्र, मेजऱमेंट, विशेषताओं के साथ विशिष्ट रिपोर्ट नंबर होता है।

आसान नहीं है असली और नकली में फर्क करना
पूरे भारतभर में बाजारों में असली रुद्राक्ष के स्थान पर कई तरह के नकली रुद्राक्ष कम कीमत पर बड़ी आसानी से विक्रय किए जाते हैं, क्योंकि असली रुद्राक्ष की पहचान करना इतना आसान नहीं होता। अरविंद के अनुसार असली रुद्राक्ष की पहचान करने के लिए यह देखा जाना चाहिए कि उसका आकार गोल एवं स्पष्ट है कि नहीं और उसका मुख भी स्पष्ट दिख रहा है या नहीं।

हिमालय की गोद में बिखरा पड़ा है रुद्राक्ष का खजाना
हिमालय के पहाड़ों पर पाए जाने वाले दुर्लभ रुद्राक्षों में मुख्य रूप से 1 और 21 मुखी रुद्राक्ष है, जो कठिन खोज के बाद पाया जाता है। इसके अलावा गौरीशंकर, गणेश, त्रिजुटी रुद्राक्ष भी आसानी से उपलब्ध नहीं होते।

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