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चीन की दादागीरी से मिलकर निपटेंगे, रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत मुहिम का अभिन्न हिस्सा बनेगा फ्रांस


पेरिस। हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती दादागीरी और आतंकवाद की चुनौतियों से भारत-फ्रांस एकजुट होकर निपटेंगे। यूरोप की तीन दिवसीय यात्रा के अंतिम चरण में फ्रांस पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के बीच काफी गर्मजोशी भरी मुलाकात हुई। दोनों की बातचीत के बाद बुधवार को जारी साझा बयान में कहा गया है कि दोनों देश लोकतंत्र के साझा मूल्यों, मौलिक स्वतंत्रता, कानून के शासन और मानवाधिकारों के सम्मान के लिए प्रतिबद्ध हैं।

भारत और फ्रांस ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि को आगे बढ़ाने के लिए सामरिक साझेदारी पर सहमति जताई। दोनों देश एक ऐसे मुक्त और कानून आधारित हिंद-प्रशांत क्षेत्र के पक्ष में हैं, जहां अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन हो, क्षेत्रीय अखंडता व संप्रभुता का सम्मान हो, आवाजाही की आजादी हो और किसी एक पक्ष का दबाव, किसी तरह का तनाव और संघर्ष की गुंजाइश न हो।

भारत व अमेरिका समेत कई विश्व शक्तियां हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते सैन्य दखल पर गंभीर चिंता जाहिर कर चुकी हैं। चीन विवादित दक्षिण चीन सागर पर पूरी तरह अपना दावा जताता रहा है, जबकि ताइवान, फिलीपीन, ब्रुनेई, मलयेशिया और वियतनाम सभी इस पर अपना-अपना दावा करते हैं। वहीं, पीएम मोदी तीन दिवसीय यूरोप यात्रा के बाद बृहस्पतिवार को देश लौट आए।

सीमा पार आतंकवाद पर भी एकजुट
साझा बयान के अनुसार, भारत और फ्रांस सभी तरह के आतंकवाद की कड़ी निंदा करते हैं। आतंकवाद विरोधी सहयोग भारत-फ्रांस सामरिक साझेदारी की एक आधारशिला है, विशेष रूप से हिंद प्रशांत क्षेत्र में। पाकिस्तान का जिक्र किए बिना कहा गया कि पर्दे के पीछे से आतंकी गतिविधियों को अंजाम देना, सीमा पार से आतंकवाद को बढ़ावा देना बंद हो।


आतंकी फंडिंग के खिलाफ अगला सम्मेलन भारत में
आतंकी फंडिंग पर अंकुश लगाने के इरादे से अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन ‘नो मनी फॉर टेरर’ का तीसरा संस्करण इस वर्ष भारत में होगा। दोनों देशों ने इस दिशा में सहयोग पर सहमति जताई है।

फ्रांस के साथ आधुनिक हथियारों के विकास, डिजाइन और विनिर्माण में बढ़ेगा सहयोग
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आत्मनिर्भर भारत मुहिम में फ्रांस एक प्रमुख साझेदार बनेगा, खासतौर से रक्षा क्षेत्र में फ्रांस बढ़ चढ़कर सहयोग करेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बातचीत में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने यह आश्वासन दिया। उन्होंने कहा, भारत में बनने वाले आधुनिक हथियारों व रक्षा उपकरणों के विकास, डिजाइन और विनिर्माण में फ्रांस सहयोग करेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी यूरोप यात्रा के अंतिम चरण में फ्रांस पहुंचे। जहां मैक्रों ने पेरिस के एलिसी पैलेस में उनका गर्मजोशी से स्वागत किया और मोदी को गले लगाया। इस दौरान उनकी पत्नी ब्रिजेट मैक्रों भी मौजूद रहीं।

पीएम मोदी तीन यूरोपीय देशों की यात्रा कर स्वदेश लौटे
तीन यूरोपीय देशों की यात्रा के बाद पीएम मोदी बृहस्पतिवार को देश लौट आए। इस दौरे में कारोबार, ऊर्जा और हरित तकनीक से संबंधित कई समझौतों पर हस्ताक्षर हुए हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट कर जानकारी दी।

अंतरिक्ष, प्रौद्योगिकी, शिक्षा समेत कई क्षेत्रों को मिलेगी संजीवनी
दोनों नेताओं के बीच परमाणु, अंतरिक्ष, प्रौद्योगिकी, शिक्षा, जलवायु परिवर्तन व ऊर्जा समेत कई मुद्दों पर द्विपक्षीय सहयोग पर चर्चा हुई। भारत के रक्षा उद्योग को बढ़ावे पर फ्रांस सहमत हुआ। वह रक्षा प्रौद्योगिकी, विनिर्माण व आयात में सहयोग करेगा। दोनों देशों के सैन्य अभ्यासों का स्वरूप बढ़ाया जाएगा। फ्रांस की रक्षा कंपनियां भारतीय कंपनियों के साथ मिलकर काम करेंगी।

भविष्य में राफेल का भारत में हो सकेगा निर्माण
विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने साझा बयान जारी करते हुए बताया कि दोनों देश न सिर्फ कारोबार को बढ़ावा देंगे बल्कि विभिन्न मंचों पर सह विकास, सह डिजाइन और सह विनिर्माण का दायरा भी बढ़ेगा। राफेल के भारत में निर्माण पर उन्होंने कहा, अभी कुछ कहना जल्दबाजी है लेकिन इसकी प्रबल संभावनाएं हैं। संभव है कि भविष्य में फ्रांसीसी कंपनियों की मदद से भारतीय एरोनॉटिकल लिमिटेड राफेल लड़ाकू विमानों का निर्माण करे।


समान विचारधारा वाले देशों से करेंगे साझेदारी
भारत और फ्रांस हिंद-प्रशांत साझेदारी में रक्षा और सुरक्षा, व्यापार, निवेश, कनेक्टिविटी, स्वास्थ्य और स्थिरता शामिल है। भारत और फ्रांस क्षेत्र में और क्षेत्रीय संगठनों के भीतर समान विचारधारा वाले देशों के साथ विभिन्न स्तरों पर नई साझेदारी करेंगे।

समुद्री व साइबर सुरक्षा पर सहमति
समुद्री व साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में साथ काम करने पर सहमति। बढ़ते डिजिटल दखल के बीच दोनों देशों की सुरक्षा एजेंसियां एक दूसरे का सहयोग करेंगे। खतरे भांपने में मुस्तैदी बढ़ेगी। सी डैक व एटीओएस के बीच सहयोग बढ़ेगा। 5जी और 6जी टेलीकॉम सिस्टम विकसित करेंगे।

सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन
मैक्रों ने दोहराया, फ्रांस संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता और परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह में प्रवेश का समर्थन करेगा।

2025 तक बीस हजार भारतीय छात्रों को प्रवेश देगा फ्रांस
साझा बयान में बताया गया कि फ्रांस ने 2025 तक 20,000 भारतीय छात्रों को अपने यहां पढ़ाई करने के लिए बुलाने की योजना बनाई है। इससे दोनों देशों के बीच नए व्यवसायों, स्टार्ट-अप और नवाचार के अवसर पैदा करेगा।

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