नई दिल्ली। लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पेश कर दिया गया है। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने संसद में बिल पेश किया है। अब इस बिल पर वोटिंग होगी और पूरी उम्मीद है कि यह बिल लोकसभा से पास हो जाएगा। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि आखिर में इस बिल में क्या होगा? वहीं इस बीच ड्यूल सीट सिस्टम काफी चर्चा में बना हुआ है।
आइए जानते हैं क्या है ड्यूल सीट सिस्टम?
ड्यूल सीट सिस्टम (Dual Seat System) का अर्थ है कि एक ही सीट पर दो सांसदों का निर्वाचित होना। देश में हुए पहले आम चुनाव में हर तीन में से एक सीट ड्यूल सीट सिस्टम के तहत थी। तब ऐसे सीटों की संख्या 86 थी। मतलब 86 सीटों पर दो-दो सांसद निर्वाचित हुए थे। हर सीट पर एक सामान्य वर्ग के उम्मीदवार के साथ एक एससी-एसटी वर्ग का व्यक्ति सांसद पहुंचा था।
वहीं जब 1957 में दूसरी बार आम चुनाव हुआ तो इस दौरान ऐसी सीटों की संख्या 91 पहुंच गई। जबकि 1961 में तीसरे आम चुनाव के दौरान एससी – एसटी के लिए अलग से सीटें आरक्षित कर दी गई और यह व्यवस्था खत्म हो गई।
वहीं अगर महिला आरक्षण बिल में भी ड्यूल सीट सिस्टम का फार्मूला अपनाया जाता है तो 543 में से 181 सीट पर दो सांसद निर्वाचित होंगे। हालांकि इस बारे में अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है कि ड्यूल सीट सिस्टम फार्मूला का इस्तेमाल किया जाएगा या फिर नहीं किया जाएगा।
आज एक यादगार और ऐतिहासिक दिन: पीएम मोदी
वहीं महिला आरक्षण बिल पर पीएम नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में कहा, “आज लोकसभा में एक बिल पेश किया गया है। चर्चा के बाद ये यहां भी आएगा। आज हम महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक अहम कदम उठा रहे हैं। आज एक यादगार और ऐतिहासिक दिन है।”
पीएम मोदी ने आगे कहा, “राज्यसभा में हमारे पास बहुमत नहीं था लेकिन हमें विश्वास था कि राज्यसभा राजनीतिक सोच से ऊपर उठकर देशहित में फैसले लेगी। आपकी (सांसदों) परिपक्वता के कारण, हम कठिन निर्णय लेने में सक्षम हुए।”
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