व्‍यापार

Franchise कारोबार से आप बन सकते हैं मालामाल! बस इन 5 बातों का रखें ध्यान

नई दिल्ली। 21वीं सदी में फ्रैंचाइजिंग (Franchise) में बहुत से लोगों की दिलचस्पी बढ़ी है और बढ़नी भी चाहिए। पिछले चार-पांच सालों में हमारे देश में फ्रैंचाइजिंग सेक्टर लगभग 30-35% की दर से आगे बढ़ा है और इसका कुल कारोबार लगभग 4 लाख करोड़ रुपये का है। वर्तमान में यह सेक्टर भारत की जीडीपी में 2% से अधिक का योगदान करता है और साल 2022 तक यह योगदान लगभग 4%तक होने का अनुमान है।

कोई नया कारोबार शुरू करने का सोच रहे लोगों के लिए यह एक अच्छा अवसर हो सकता है, ताकि वे अपना कारोबार शुरू करने और उसे सही तरीके से चलाने के बारे में जानें। हालांकि, सबसे बढ़िया फ्रैंचाइज़ी को चुनना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। भारत में 1.7 लाख से ज़्यादा फ्रैंचाइजी काम कर रहे हैं और इतने सारे फ्रैंचाइजी में से सही विकल्प चुनना एक मुश्किल काम है।

आइए जानते हैं Smergers के फाउंडर विशाल देवनाथ (Vishal Devnath) से फ्रैंचाइजी कारोबार करने के कुछ टिप्स…

सही फ्रैंचाइजी का चयन
एक अच्छी फ्रैंचाइजी होती है, जहां फ्रैंचाइजर अपने फ्रैंचाइजी को पार्टनर जैसा ही मानता है और उनका उसी तरह से ख्याल रखता है जैसे अपने बिज़नेस का। हालांकि, इसके अलावा भी सही फ्रैंचाइजी चुनने से जुड़ी कई ज़रूरी बातें हैं जिन पर निवेशक को फ्रैंचाइजी लेने से पहले विचार करना चाहिए।

1. एक छोटे बिज़नेस या फ्रैंचाइज़ी के रूप में स्थापित करना
किसी नए कारोबारी के लिए सबसे पहले निर्णय यह है कि उनकी दिलचस्पी फ्रैंचाइजी बनने में है या किसी छोटे बिज़नेस का मालिक बनने में। छोटे बिज़नेस के मालिकों को निर्णय लेने की पूरी आज़ादी होती है और वे बिना किसी अड़चन के निर्णय ले सकते हैं,जबकि फ्रैंचाइज़ी आउटलेट का वातावरण आरामदेह होता है और सारा काम फ्रैंचाइजी ब्रांड की सभी ज़रूरतों और दिशा-निर्देशों के हिसाब से चलता है। जो लोग बिजनेस की दुनिया में नए हैं उनके लिए फ्रैंचाइजी बनना एक अच्छी स्ट्रेटेजी की तरह काम कर सकता है क्योंकि इससे नए कारोबारियों को फ्रैंचाइजर की मदद से बिजनेस दुनिया के तौर-तरीकों को गहराई से सीखने और अनुभव करने का मौका मिलता है, और वो भी कम जोखिम के साथ।

2. फिक्स्ड कैपिटल की राशि तय करना
ज्यादातर फ्रैंचाइजी को बिजनेस शुरू करने के लिए फिक्स्ड कैपिटल की एक तय राशिकी ज़रूरत पड़ती है। यह राशि कुछ मामलों में इक्विपमेंट, ट्रेनिंग, एडवरटाइज़िंग, सप्लाई और सॉफ्टवेयरके खर्चों को कवर करती है जो फ्रैंचाइजी शुरू करने के लिए आवश्यक हैं। यह राशि हर फ्रैंचाइज़ी के लिए अलग हो सकती है और फ्रैंचाइजी शुरू करने की लागत आमतौर पर इंडस्ट्री और खास तरह के बिजनेस मॉडल पर बहुत निर्भर करती है। उदाहरण के लिए, किसी मैन्युफैक्चरिंग या एफएंडबी इंडस्ट्री की फ्रैंचाइज़ीकी तुलना में एक ऑनलाइन या सर्विस फ्रैंचाइजी शुरू करने में कम ख़र्च आएगा। कोई भी फ्रैंचाइजी शुरू करने का निर्णय लेने से पहले हर फ्रैंचाइजी को उसके लिए निवेश सीमा तय करनी ज़रूरी है, ताकि उन्हें अपनी जरूरतों के मुताबिक सबसे सही फ्रैंचाइजी चलाने का मौका मिले।

3. बाजार के उतार-चढ़ाव को समझना
फ्रैंचाइजी के अवसरों को तलाशने से पहले बाजार के जोखिमों को समझना ज़रूरी है। कौन सी इंडस्ट्री वर्तमान बाज़ार में फल-फूल रही है या तेज़ी से बढ़ रही है, इसकी समझ रखकर आप ज़्यादा फायदे और भविष्य के लिए शानदार मौके देने वाली फ्रैंचाइज़ी चुन सकेंगे। खास बाज़ारों के बारे में जानकारी लेने के बाद, उन फ्रैंचाइजी की सूची बनाएं, जिनके साथ आप कोई बिज़नेस शुरू करना चाहते हैं। बाज़ार के जोखिमों को समझकर फैसला लेना ही सफल बिज़नेस योजना का मूलमंत्र है और बाज़ार की समझ आपको एक ऐसी फ्रैंचाइज़ी चुनने में मदद करेगी जो आपको मुनाफ़ा कमाकर देगी।

4. फ्रैंचाइजर के उद्देश्य और संबंधित जानकारी
फ्रैंचाइजर के संपर्क में रहना और आरओआई, पीएंडएल, फ़्रेंचाइजर का ग्रोथ प्लान, काम करने की आज़ादी और फ्रैंचाइजी के रूप में ज़िम्मेदारियों के संबंध में अपने सभी सवालों के जवाब पाना ज़रूरी है। फ्रैंचाइजी बिजनेस शुरू करने से पहले समझौते की शर्तों को समझना भी बेहद जरूरी है। आपको पूरी तरह से उनके साथ जुड़ना होगा, ताकि आप उनके मिशन और विज़न को अच्छी तरह से समझ सकें। अगर फ्रैंचाइजर और फ्रैंचाइजी दोनों की सोच एक जैसी हैं, तो फिर आपको सफलता मिलना और फायदे का सौदा होना तय है। साथ ही, यह भी बहुत ज़रूरी है कि भविष्य में फ्रैंचाइजर और फ्रैंचाइजी के बीच कोई मनमुटाव न हो। बुनियादी मूल्यों और उद्देश्यों में कोई भी मतभेद आने से, आने वाले समय में पार्टनरशिप खराब हो सकती है।

5. फ्रैंचाइज़ी की रेपुटेशन और फीडबैक
कोई फ्रैंचाइजी चुनने का आखिरी नियम है उस फ्रैंचाइज़ी की रेपुटेशनका फायदा उठाना और उन लोगों की राय लेना जो पहले से ही फ्रैंचाइज़ी के साथ किसी तरह से जुड़े हुए हैं। आप फ्रैंचाइजर के सपोर्ट सिस्टम, लाइसेंस शुल्क और फ्रैंचाइजर की तरफ से मिलने वाले बाकी फायदों के बारे में पूछ सकतेहै। प्रॉडक्ट खरीदने से पहले, उसके सभी रिव्यु देखना एक अच्छा तरीका है। इसी तरह, उन लोगों से फ्रैंचाइजी के बारे में जानने से आपको फायदा हो सकता है, जो वर्तमान में उनके साथ काम करते हैं। इससे आपको अंदर की खबर मिल जाती है कि फ्रैंचाइजी कैसे काम करता है।

सही फ्रैंचाइज़ी कहां से चुनें
आज कई तरह के ऑफ़लाइन और ऑनलाइन चैनल हैं जो आपकी फ्रैंचाइज़ी चुनने में मदद कर सकते हैं। ऑफलाइन चैनलों से यह फायदा मिलता है कि आपको शुरुआत से ही,फ्रैंचाइज़र के साथ सीधे बातचीत करने का मौका मिल जाता है। हालाँकि, ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म की लोकप्रियता बढ़ रही है क्योंकि इनसे आप घर पे रहकर भी फ्रेंचाइज़ियों को फ़िल्टर करने, उनके बारे में जानकारी पाने, और ब्रांड मालिकों के साथ आसानी से संपर्क में रह पाते हैं।

1. फ्रैंचाइजी के अवसरों का एक प्रमुख स्रोत फ्रैंचाइज़ी एक्सपो है जिसे देखने आम लोग आ सकते हैं।

2. एक और बढ़िया विकल्प हैबिज़नेस और फ्रैंचाइज़ी के लिए ऑनलाइन मार्केटप्लेस पर खुद को रजिस्टर करना। इस तरह की वेबसाइटें दुनिया भर से फ्रैंचाइज़ी लिस्टिंग की एक गाइड उपलब्ध कराती हैं और फ्रैंचाइज़ी ब्रांड्स के बारे में पता लगाने और उन्हें सूचीबद्ध करने के सबसे सुविधाजनक तरीकों में से एक हैं। फ्रैंचाइज़ी के अवसरों की पेशकश करने वाली कुछ प्रमुख वेबसाइटों में फ्रैंचाइज़ी इंडिया, SMERGERS और गेट डिस्ट्रीब्यूटर्स शामिल हैं।

3. फ्रैंचाइजी ब्रोकर्स को फ्रैंचाइजी ब्रांड द्वारा नियुक्त किया जाता है ताकि वे उनकी फ्रैंचाइजी को भावी निवेशकों को बेच सकें और उन्हें इसके लिए कमीशन/रेफरल फीस दी जाती है। हालांकि, इस तरह के ब्रोकर्स को कुछ कंपनियां ही नियुक्त करती हैं, लेकिन फ्रैंचाइजी खरीदने की इच्छा जताने वाले लोगों के लिए ऐसे कंसल्टेंट्स के साथ जुड़ना और बाज़ार में सबसे अच्छे सौदों का पता करना आसान हो जाता है।

Share:

Next Post

Big Bazaar से ऑनलाइन सामान मँगाने पर 2 घंटे में मिलेगी डिलीवरी और साथ ही छूट भी

Fri Apr 2 , 2021
नई दिल्ली । फ्यूचर ग्रुप (Future Group) के रिटेल चेन बिग बाजार (Big Bazaar) दो घंटे की होम डिलीवरी सेवा (home delivery service ) शुरू करने के लिए तैयार है. कंपनी की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, अगर अब आप बिग बाजार के मोबाइल ऐप (Mobile app) या पोर्टल (Portal) के जरिए ऑनलाइन […]