उज्जैन। हमारे यहाँ गरीब और मजलुम लोगों की हालत बुरी है तथा कई लोग बेकसूर होने के बाद भी सजा भुगत रहे हैं क्योंकि उनके पास लाखों-करोड़ो रुपए नहीं है। नया उदाहरण भैरवगढ़ जेल का है, जहां चार लोगों ने अपनी सजा पूरी कर ली फिर भी जेल में बंद हैं और नगद जुर्माना नहीं भर पाने के कारण उनकी रिहाई नहीं हो पा रही है।
केंद्रीय जेल भैरवगढ़ में लंबे समय से अलग-अलग अपराधों में बंद ऐसे 4 कैदी हैं जो सजा तो भुगत चुके हैं लेकिन जुर्माना नहीं भरने के कारण अभी भी जेल में बंद हैं। सभी पर कोर्ट का जुर्माना बाकी है, जो केवल 25 हजार से लेकर 50 हजार रुपए तक है। जेल से जुड़े सूत्रों की माने तो नियमानुसार जब तक जुर्माना नहीं भर जाता तब तक बंदी को जेल में ही रहना पड़ता हैं। यही कारण हैं कि ये चारों कैदी 50 हजार रुपए के लिए जेल में रहने को मजबूर हैं। हालांकि जेल प्रशासन द्वारा अब इन कैदियों की मदद की बात कहीं गई हैं। इसके लिए प्रशासन ने सरकार को पत्र भी लिखा हैं। आर्थिक मदद स्वीकृति होते हैं, चारों कैदियों को रिहा कर दिया जाएगा। उल्लेखनीय यह है कि जुर्माना नहीं भर पाने के कारण भैरवगढ़ जेल में कितने बंदी है, इसकी जानकारी पिछले दिनों सरकार ने निकलवाई थी। जेल अधीक्षक मनोज साहू द्वारा दी गई जानकारी में महज चार ही बंदी सामने आए है, जो जुर्माना नहीं भर पाने के कारण बंद हैं। अब जेल प्रशासन और सरकार स्वयं ऐसे बंदियों के लिए आगे आई हैं। भविष्य में यदि और भी बंदी ऐसे आते हैं, जिनके पास भरने के लिए जुर्माने की राशि नहीं है, उनकी मदद जेल प्रशासन द्वारा की जाएगी।
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