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2 अगस्त की 10 बड़ी खबरें

1. मशहूर आर्ट डायरेक्टर नितिन देसाई ने की खुदकुशी

मशहूर आर्ट डायरेक्टर नितिन देसाई (Renowned art director Nitin Desai) ने ख़ुदकुशी (Suicide) कर ली है। उन्होंने मुंबई (Mumbai) से लगभग 80km दूर कर्ज़त इलाके में बने ND स्टूडियो में फांसी लगाकर ख़ुदकुशी की है। नितिन देसाई ने हम दिल दे चुके सनम, लगान, देवदास, जोधा अकबर और प्रेम रतन धन पायो जैसी फिल्मों का सेट डिजाइन किया था। उन्हें चार बार बेस्ट आर्ट डायरेक्शन का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला था। मई में एक एडवर्टाइजिंग एजेंसी ने देसाई पर 51.7 लाख रुपए की धोखाधड़ी का आरोप लगाया था। एजेंसी ने कहा था कि 3 महीने तक काम करवाने के बावजूद देसाई ने पैसा नहीं दिया था। हालांकि, नितिन देसाई ने इन आरोपों का खंडन किया था। उन्होंने कहा था कि एजेंसी पहले भी उन पर इस तरह के आरोप लगा चुकी है।

 

2. केंद्र ने विधेयक अध्यादेश में किया बड़ा बदलाव, अब दिल्ली विधानसभा के पास रहेगी कानून बनाने की शक्ति

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 में महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए हैं। तीन प्रावधान जो अध्यादेश (Ordinance) का हिस्सा थे, उन्हें विधेयक (bill) से हटा दिया गया है। तीन में से दो बदलाव महत्वपूर्ण हैं। इनमें एक दिल्ली विधानसभा (Delhi Assembly) को कानून (Law) बनाने की शक्ति देना है और दूसरे बोर्डों एवं प्राधिकरणों की नियुक्त अब केंद्र को सिफारिश भेजकर नहीं, बल्कि सिविल सेवा प्राधिकरण के जरिये की जाएगी। विधेयक अध्यादेश में उस प्रावधान को हटाता है जो पहले दिल्ली विधानसभा को राज्य लोक सेवाओं और राज्य लोक सेवा आयोग से संबंधित कानून बनाने से रोकता था। अध्यादेश के जरिए जोड़ी गई धारा 3ए में कहा गया था कि दिल्ली विधानसभा के पास सेवाओं से संबंधित कानून बनाने की शक्ति नहीं होगी। इसे अब बिल से बाहर कर दिया गया है। इसके बजाय, बिल अब अनुच्छेद 239 ए पर केंद्रित है, जो केंद्र को राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण (एनसीसीएसए) स्थापित करने का अधिकार देता है।

 

3. ‘मणिपुर में कानून-व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त’, DGP को तलब कर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को लगाई फटकार

मणिपुर (Manipur) की स्थिति से नाराज सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि वहां पर कानून-व्यवस्था एवं संवैधानिक तंत्र पूरी तरह से ध्वस्त हो गया है. शीर्ष अदालत ने जातीय हिंसा की घटनाओं और खासतौर पर महिलाओं को निशाना बनाने वाले अपराधों की ‘धीमी’ और ‘बहुत ही लचर’ जांच के लिये राज्य पुलिस की खिंचाई की और सात अगस्त को सवालों का जवाब देने के लिए पुलिस महानिदेशक (DGP) को पेश होने का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने अनियंत्रित जातीय हिंसा को लेकर कानून लागू करने वाले तंत्र की आलोचना करते हुए कहा कि राज्य पुलिस ने कानून और व्यवस्था की स्थिति पर पूरी तरह से नियंत्रण खो दिया है. अदालत ने राज्य सरकार से हत्या, बलात्कार, आगजनी, लूट, घर और संपत्ति, पूजा स्थलों को नुकसान और महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाले मामलों के बारे में विस्‍तृत जानकारी मांगी. केंद्र का पक्ष रख रहे अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मुख्‍य न्‍यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ से आग्रह किया कि भीड़ द्वारा महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने के वीडियो से संबंधित दो एफआईआर के बजाय 6,523 एफआईआर में महिलाओं और बच्चों से हिंसा से संबंधित सभी 11 मामलों को सीबीआई को सौंपा जा सकता है और मुकदमे की सुनवाई मणिपुर के बाहर कराई जा सकती है.

 


 

4. मणिपुर हिंसा पर INDIA के सांसदों ने राष्ट्रपति को सौंपा ज्ञापन, मल्लिकार्जुन खरगे ने सरकार पर लगाए आरोप

मणिपुर हिंसा को लेकर विपक्षी दल लगातार केंद्र सरकार (Central government) पर हमलावर हैं. इसी बीच अब विपक्षी सांसदों के प्रतिनिधिमंडल ने मणिपुर मामले पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की है. इस डेलीगेशन में अलग-अलग विपक्षी दलों के कुल 21 नेता शामिल थे. राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इसे लेकर जानकारी दी. जिसमें उन्होंने कहा कि मणिपुर को लेकर राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा गया है, राष्ट्रपति ने आश्वासन दिया है कि वो इसे लेकर विचार करेंगीं. मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि राष्ट्रपति जी से हम मिले और जो घटना मणिपुर में घट रही है उस पर बातचीत हुई. INDIA के तमाम सांसदों ने राष्ट्रपति से मुलाकात की और मणिपुर को लेकर उन्हें जानकारी दी. इस दौरान खरगे ने फिर दोहराया कि उन्हें संसद में बोलने से रोका जा रहा है. उन्होंने कहा कि मेरे माइक को बंद कर दिया जाता है. मुझे नहीं पता मैं जब उठता हूं दो सेकेंड मे ही मेरा माइक बंद कर देते हैं.

 

5. ‘PM को नहीं दे सकता और न ही दूंगा सदन में हाजिर रहने का निर्देश’, RS के चेयरमैन बोले- अन्य सांसद की तरह…

मणिपुर में हिंसा (violence in manipur) को लेकर संसद के दोनों सदनों में हंगामा जारी है। विपक्ष लगातार इस मुद्दे पर पीएम नरेंद्र मोदी की तरफ से सदन में बयान की मांग कर रहा है। बुधवार को भी संसद के दोनों सदनों में इस विषय पर हंगामा देखने को मिला। राज्यसभा में इस हंगामे के दौरान चेयरमैन जगदीप धनखड़ ने कहा कि वह पीएम नरेंद्र मोदी को सदन में रहने का निर्देश नहीं दे सकते और न ही देंगे क्योंकि किसी भी अन्य सांसद की तरह सदन में आना प्रधानमंत्री का विशेषाधिकार है। इसके बाद विपक्ष के नेताओं ने संसद से वॉक आउट कर दिया। इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार, चेयरमैन ने कहा कि उन्हें नियम 267 के तहत 58 नोटिस मिले थे, जो मणिपुर में हिंसा और अशांति पर अध्यक्ष की सहमति से किसी मुद्दे पर चर्चा की अनुमति देता है। उन्होंने कहा कि ये नोटिस इसलिए स्वीकार नहीं किए गए क्योंकि उन्होंने पहले ही 20 जुलाई को नियम 167 के तहत इस मुद्दे पर अल्पकालिक चर्चा (short-duration discussion) की मांग मान ली गई थी।

 

6. नूंह हिंसा: VHP की रैलियों पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार, 3 राज्य सरकारों को नोटिस

सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा के नूंह (Nuh of Haryana) में हुई हिंसा के बाद विश्व हिंदू परिषद द्वारा निकाली जा रही रैलियों पर रोक लगाने से बुधवार को इनकार कर दिया। हालांकि कोर्ट ने साथ ही केंद्र समेत उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली की राज्य सरकारों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि नूंह में सांप्रदायिक हिंसा के विरोध में विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल द्वारा निकाले जा रहे मार्च के दौरान दिल्ली-NCR में कोई ‘हेट स्पीच’ न दी जाए और न ही किसी तरह की हिंसा हो। बता दें कि बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के सदस्यों ने नूंह में हुई हिंसा के खिलाफ दिल्ली के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन किया। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति एस. वी. भट्टी की बेंच ने केंद्र एवं संबंधित राज्य सरकारों को यह भी आदेश दिया कि अतिरिक्त पुलिस या अर्धसैनिक बल तैनात किए जाएं और संवेदनशील इलाकों में CCTV कैमरे लगाए जाएं। पत्रकार शाहीन अब्दुल्ला की ओर से पेश वरिष्ठ वकील सी. यू. सिंह ने अदालत से कहा कि दक्षिणपंथी संगठनों विहिप और बजरंग दल द्वारा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) के विभिन्न हिस्सों में 23 प्रदर्शनों की घोषणा की गई है, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश पारित किया। कोर्ट अब 4 अगस्त को इस मामले पर फिर सुनवाई करेगा।

 


 

7. रक्षाबंधन पर्व पर मुस्लिम महिलाओं से राखी बंधवाएंगे भाजपा नेता, PM मोदी का है निर्देश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर आने वाले रक्षाबंधन परर्व पर बीजेपी नेता मुस्लिम महिलाओं के बीच रक्षाबंधन का पर्व मनाएंगे। भाजपा और एनडीए के दलों के सांसद व नेता मुस्लिम महिलाओं से राखी बंधवाएंगे। मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक के दर्द से छुटकारा दिलाने वाले पीएम मोदी ने अब भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को सीधे उनसे जुड़ने का मंत्र दिया है। बीजेपी और एनडीए सांसदों के साथ मोदी बैठक कर रहे हैं। बीते दिनों उन्होंने जब पहली बैठक की, तो उसमें मुस्लिम महिलाओं के बारे में अपने सांसदों को एक अहम निर्देश दिया। मीडिया रिपोर्टस के अनुसार पीएम मोदी ने बीजेपी और घटक दलों के सांसदों से कहा कि वे मुस्लिम महिलाओं के पास जाएं और उनके साथ रक्षाबंधन का फेस्टिवल सेलिब्रेट करें। सूत्रों के मुताबिक बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि बीजेपी और राजग के सांसद मुस्लिम महिलाओं के साथ रक्षाबंधन का त्योहार बनाएं। मुस्लिम महिलाओं से राखी बंधवाने से होने वाली कौमी एकता की मिसाल के संदर्भ में पीएम मोदी ने यह निर्देश दिए हैं। सोमवार को पश्चिम बंगाल, झारखंड और ओडिशा के सांसदों संग मोदी ने बैठक में ये बात कही है।

 

8. वैश्विक स्तर पर मजबूत होगा नारी सशक्तिकरण अभियान, G20 से अमेरिका भी भारत की इस पहल के साथ

महिला सशक्तिकरण अभियान (women empowerment campaign) को अब वैश्विक स्तर पर मजबूत किया जाएगा। इस मिशन के लिए भारत का साथ अमेरिका भी देगा। क्योंकि पीएम मोदी के मिशन की तरह अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन भी महिलाओं को सशक्त बनाने का अभियान चला रहे हैं। महिलाओं संबंधी वैश्विक मामलों के लिए अमेरिका की राजदूत डॉ.गीता राव गुप्ता जी-20 सम्मेलन में भाग लेने और अपने भारतीय समकक्षों से मुलाकात करने के लिए एक अगस्त से आठ अगस्त तक भारत की यात्रा पर हैं। भारतीय मूल की राव की इस यात्रा का मकसद अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन की इस क्षेत्र और दुनियाभर में लैंगिक समानता नीति संबंधी प्राथमिकताओं को सामने लाना और उन्हें आगे बढ़ाना है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय की मंगलवार को जारी आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, राव ने गुजरात से यात्रा शुरू की, जहां वह ‘महिलाओं के आर्थिक प्रतिनिधित्व के सशक्तीकरण और प्रगति (जी20 एम्पावर) सम्मेलन’ में अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगी। विज्ञप्ति में बताया गया कि वह महिला सशक्तीकरण पर जी20 मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में भी भाग लेंगी। भारत की उनकी यात्रा आठ अगस्त को समाप्त होगी और इस दौरान वह मुंबई और बेंगलुरु में रुकेंगी।

 


 

9. राहुल गांधी ने मोदी सरनेम मामले में माफी मांगने से किया इनकार, कही ये बात

कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Congress leader Rahul Gandhi) ने मोदी सरनेम मामले (Modi surname matters) में माफी मांगने से इनकार कर दिया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में हलफनामा दाखिल कर कहा कि माफी मांगने का सवाल नहीं उठता. प्रथम दृष्टया ये मानहानि का मामला ही नहीं बनता है. राहुल गांधी ने कहा कि माफी मांगने का कोई कृत्य ही नहीं है. कांग्रेस नेता ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में ये बातें कही. राहुल गांधी ने कहा कि उनके खिलाफ मामला एक अपवाद है, जिसके मद्देनजर दोषसिद्धी पर रोक लगाई जाए. राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट से गुजरात हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने की मांग की. राहुल गांधी ने 2019 मानहानि मामले में दोषसिद्धि पर रोक लगाने की अपनी याचिका पर पूर्णेश मोदी के जवाब पर हलफनामा दाखिल किया. राहुल गांधी ने मामले से जुड़े याचिकाकर्ता पूर्णेश मोदी द्वारा खुद को अहंकारी कहने पर उनके जवाब की निंदा की. राहुल ने अपने हलफनामे में कहा कि मेरे खिलाफ पूर्णेश मोदी ने अहंकारी शब्द का इस्तेमाल सिर्फ इसलिए किया, क्योंकि उन्होंने इस मामले मे माफी मांगने से इनकार करते हुए मामला कोर्ट पर छोड़ दिया.

 

10. अयोध्या में 16 से 24 जनवरी के बीच की जाएगी राम लला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा

अयोध्या (Ayodhya) में अगले साल 16 से 24 जनवरी के बीच भव्य मंदिर के गर्भगृह में भगवान राम की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा (consecration of the idol of Rama) की जाएगी. सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी. हालांकि, अभी कोई निश्चित तारीख तय नहीं की गई है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) का समय मांगा गया है. वहीं, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट (Ram Janmabhoomi Teerth Kshetra Trust) का मानना है कि उस दिन अयोध्या में सिर्फ एक कार्यक्रम होना चाहिए और वो भी गैर राजनीतिक. इसके अलावा उस कार्यक्रम के लिए कोई मंच भी नहीं बनेगा. सूत्रों की मानें, तो प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में आमंत्रित विशिष्ट अतिथियों को बोलने का थोड़ा-थोड़ा समय दिया जाएगा और उस दिन कोई जनसभा भी आयोजित नहीं की जाएगी. इतना ही नहीं, कार्यक्रम में अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों को आमंत्रित नहीं किया जाएगा, सिर्फ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आमंत्रित होंगे. सूत्रों ने बताया कि कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के शीर्ष नेता मौजूद रहेंगे और कोशिश की जा रही है कि 5000 लोगों के बैठने की व्यवस्था की जा सके. वहीं, देश भर में राम लला की मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा के प्रसारण की भी तैयारी हो रही है, ताकि इस ऐतिहासिक क्षण को लोग अपने गांव, अपने शहर और अन्य स्थानों से देख सकें.

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