इंदौर न्यूज़ (Indore News)

144 बीघा जमीन पर बांट दिए फर्जी पट्टे, मचा हड़कंप


गरीबों के नाम पर बांटी जमीन, रसूखदार जीम गए
इंदौर संतोष मिश्र। महू क्षेत्र के एक गांव में करोड़ों रुपए की जमीन पर फर्जी पट्टे बांट दिए गए। प्रशासन ने खुद अपनी जांच में पाया कि जिन 37 लोगों को पट्टे दिए गए हैं उनमें से 33 लोग फर्जी हैं , जिसको लेकर हड़कंप मचा हुआ है। अब सभी लोगों को नोटिस दिया गया है।
महू तहसील के ग्राम पठान पीपल्या में 144 बीघा जमीन के रिकार्डों की जांच-पड़ताल की जा रही है, जिसमें पता चला है कि जो लोग इस जमीन पर खेती कर रहे हैं,उनके नाम सरकारी रिकॉर्ड में नहीं हंै। एसडीएम अभिलाष मिश्रा ने बताया कि नियमानुसार प्रशासन द्वारा जिसे पट्टा दिया जाता है उसका बाकायदा रिकॉर्ड में नाम अंकित रहता है, लेकिन पठान पीपल्या गांव में 45 लोगों को पट्टे दिए गए हैं, जिनमें 33 पट्टे प्रथम दृष्टया जांच में फर्जी प्रतीत हो रहे हैं, इसलिए उन्हें नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है।

आजादी के पहले सरकारी थी जमीन
आजादी के पहले यह जमीन सरकारी थी, जबकि वर्तमान में इस जमीन पर खेती की जा रही है। पट्टा लेने वालों में कुछ लोग रसूखदार भी हैं, शेष ग्रामीण हैं। उल्लेखनीय है कि इस जमीन का मामला कुछ साल पहले भी बेहद तूल पकड़ा था, लेकिन कुछ दिनों बाद ही ठंडे बस्ते में चला गया था।

बडग़ोंदा में दो फार्म हाउस की आड़ में कृषि भूमि पर बेच दिए 40 प्लाट…मकान भी बन गए
महू तहसील के ग्राम बडग़ोंदा में दो फार्म हाउस की आड़ में लगभग 40 प्लाट बेच दिए गए हैं। इनमें 9 मकान भी बन गए हैं। बडग़ोंदा में निसर्ग एवं राया फार्म की आड़ में निसर्ग द्वारा लगभग 3 हेक्टेयर जमीन पर 18 से 20 प्लाट काटकर बेच दिए गए हैं। इनमें से 9 पर मकान भी बन गए हैं। प्रशासन ने इसके डेवलपर्स महेंद्र पाटीदार को नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब किया। इसी प्रकार यहीं पर राया फार्मकी आड़ में 2.50 हेक्टेयर जमीन पर प्लाट काटकर बेच दिए गए हैं। नियमानुसार कृषि भूमि केवल खेती करने के लिए होती है। अगर इस पर कालोनी काटकर भूखंड विक्रय किए जाते हैं तो टाउन एंड कंट्री प्लानिंग से नक्शा पास कराने के बाद जिला प्रशासन की विकास अनुमति के साथ प्लाट काटे जा सकते हैं, लेकिन दोनों फार्म हाउस के मालिकों ने ऐसा नहीं करते हुए प्रशासन के नियमों की धज्जियां उड़ाई हैं। तहसीलदार रितेश जोशी ने बताया कि दोनों फार्म हाउस की जांच में गड़बड़ी मिली है। जांच अभी की जा रही है। एसडीएम के आदेश पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

भूखंड खरीदने वालों की नींद उड़ी
प्रशासन की जांच-पड़ताल से इन दोनों फार्म हाउसों में जिन लोगों ने भूखंड खरीदे हैं, उनकी नींद उड़ गई है। बताया जा रहा है कि कालोनाइजरों ने खरीदारों से भूखंड बेचने के पहले कई वादे किए। शानदार डेवलपमेंट के साथ ही गार्डन व 24 घंटे पानी-बिजली उपलब्ध करवाने का भी वादा किया है। इन्हीं सब लच्छेदार बातों में उलझकर लोगों ने भूखंड खरीद लिए, लेकिन प्रशासन की जांच से जब हकीकत पता चली है तो उनके होश उड़ गए। खरीदार अब पछता रहे हैं कि अपनी लाखों रुपए की जमा पूंजी लगाकर यहां भूखंड खरीदकर फंस गए।

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