भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

बाढ़ में बह गए 3500 करोड़ के बने पुल

  • जांच कमेटी गठित होने के बाद रिकॉर्ड गायब

भोपाल। ग्वालियर चंबल संभाग (Gwalior Chambal Division) में पार्वती, सिंध, सीप नदी (Parvati, Sindh, Seep River) में भीषण बाढ़ की वजह से शिवपुरी, दतिया, श्योपुर, ग्वालियर और भिंड (Shivpuri, Datia, Sheopur, Gwalior and Bhind) जिले में 6 पुल बह गए हैं। जिनमें से सिंध नदी पर बने 5 पुल ढह गए। इन पुलों का निर्माण 5 से 11 साल पहले ही हुआ है। पुलों की लागत 3500 करोड़ रुपए आई थी। पुलों के बहने के बाद लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव (Public Works Minister Gopal Bhargava) ने जांच कमेटी गठित की है। जो सात दिन के भीतर रिपोर्ट पेश करेगी। जांच शुरू होने से पहले ही पुलों के निर्माण से जुड़ा रिकॉर्ड गायब हो गया है।
बाढ़ की वजह से मंगलवार को सिंध नदी के तेज पानी में गोराघाट (Goraghat) के नजदीक लांच का पुल और रतनगढ़ वाली माता मंदिर का पुल टूट गए। बुधवार को दतिया जिले में सिंध नदी पर बना सेंवढ़ा पुल बह गया और इंदुर्खी पुल क्षतिग्रस्त हुआ है। इसके अलावा, नरवर-ग्वालियर को जोडऩे वाले पुल का एक हिस्सा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। इसी तरह, सीप नदी पर बने श्योपुर- मानपुर और श्योपुर-बडोदा मार्ग के 2 पुल बाढ़ में क्षतिग्रस्त हो गए हैं। मुख्य अभियंता (सेतु) संजय खांडे ने बाढ़ में क्षतिग्रस्त हुए पुलों की प्रारंभिक रिपोर्ट ऑफिस में बैठकर तैयार कर सरकार को सौंपी है। इसके मुताबिक दतिया-सेंवढ़ा को जोडऩे वाले सिंध नदी पर 1982 में बने पुल का कोई रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है। इसी तरह, श्योपुर जिले के गिरधरपुर-मानपुर पुल का निर्माण 1985 में हुआ था, लेकिन इसके निर्माण की फाइल भी गायब है। रिपोर्ट में कहा गया है कि बाढ़ का पानी कम नहीं हुआ है। ऐसे में क्षति का आकलन फिलहाल नहीं किया जा सकता है। सिंध नदी पर बने 3 पुल रतनगढ़ – बसई (2010), इंदरगढ़-पिछोर (2013) और गोरई-अडोखर (2017) बह गए हैं। इसी तरह श्योपुर-बड़ोदा को जोडऩे वाला सीप नदी पर बना एक पुल वर्ष 2013 में बना था।

पूर्व मंत्री ने उठाए सवाल… कमलनाथ ने की जांच की मांग
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी पुल और सड़क निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठाए हैं और उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। वहीं भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री अनूप मिश्रा ने कहा कि जिस पानी को डायवर्ट किया जा सकता था, ऐसा नहीं किया गया। उसी का परिणाम प्रदेश भुगत रहा है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि रोड धंस गए और बांध टूट गए हैं। पुराने पुल खड़े और नए पुल टूट रहे हैं।

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