इंदौर न्यूज़ (Indore News)

जिंदा रहने के लिए 46 मरीजों ने अपनी आंखें निकलवा लीं

  • जान है तो जहान है.. ब्लैक फंगस ने छीन ली आंखों की रोशनी…

इंदौर, प्रदीप मिश्रा। ब्लैक फंगस (Black Fungus) के कारण इंफेक्शन आंख तक पहुंच चुका था। आंखों (Eyes) के जरिये यह इन्फेक्शन ब्रेन (Infection Brain) यानी मस्तिष्क तक पहुंच उनकी जान ले सकता था, इसलिए मरीजों (Patients) की जिंदगी बचाने के लिए उनकी आंखें निकालनी पड़ी । जिनकी आंखें निकाली गईं, उनमें 30 साल से लेकर 60 साल के मरीज शामिल हैं।
एमवाय अस्पताल (MY Hospital) में लगभग 6 माह से ब्लैक फंगस (Black Fungus) के मरीजों का इलाज जारी है। यहां अभी तक 789 मरीजों का इलाज किया गया है। इनमें से 32 मरीजों का इलाज अभी भी जारी है। ब्लैक फंगस (Black Fungus) के मरीजों का इंफेक्शन के हिसाब से इलाज किया जाता है। इंफेक्शन यदि दांत, मसूड़े यानी मुंह मे हुआ है तो इलाज नाक-कान गला विशेषज्ञ की देखरेख में किया जाता है। यदि इंफेक्शन आंखों तक पहुंच चुका है तो नेत्र विशेषज्ञ की निगरानी में इलाज किया जाता है।
जान है तो जहान है
ब्लैक फंगस (Black Fungus) के लगभग 100 मरीज ऐसे थे, जिनकी आंखों तक इंफेक्शन पहुंच चुका था। इनमें से 46 मरीज ऐसे थे, जिनमे इंफेक्शन तीसरी स्टेज पर पर था। इस वजह से मरीज के मस्तिष्क तक इंफेक्शन पहुंचने का खतरा पैदा हो गया था, जिसके कारण मरीज कोमा में जा सकता था या विक्षिप्त हो सकता था या फिर जान जा सकती थी । गौरतलब है कि ब्लैक फंगस के कारण अभी तक इलाज के दौरान 63 मरीजों की जान जा चुकी है। इसीलिए मरीज व उनके परिजनों की सहमति से ऑपरेशन कर के आंखें निकालनी पड़ी । तब जाकर मरीजों की जान बच पाई । जिनकी आंखें निकालनी पड़ी, उनमें युवा से लेकर साठ साल के मरीज शामिल थे।

ब्लैक फंगस का इलाज के मामले में रिकार्ड
ब्लैक फंगस (Black Fungus) का इलाज करने करने के मामले में एमवाय अस्पताल ने रिकार्ड बनाया है । मध्यप्रदेश के अन्य मेडिकल कॉलेज सम्बन्धित हॉस्पिटल से ज्यादा ब्लैक फंगस के मरीजों का इलाज महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज इंदौर के एमवाय अस्पताल में किया जा रहा है।

अन्य राज्य के मरीज भी शामिल
एमवाय अस्पताल को बड़ा अस्पताल क्यों कहा जाता है , यह इस बात से पता चलता है कि ब्लेैक फंगस का इलाज कराने वालों में ऐसे मरीज भी हैं, जो महाराष्ट्र, गुजरात के अलावा अन्य राज्य व जिलों से एमवाय में इलाज कराने आए थे।

मरीज को छोड़ परिजन भाग गए
एमवाय में ब्लैक फंगस के इलाज के दौरान कई दुखद बातें सामने आईं। 789 मरीजों में से कई मरीज ऐसे थे कि जिनके परिजन उन्हें भर्ती करा कर छोड़ कर गए तो फिर उन्होंने पलट कर ही नहीं देखा। जिन मरीजों की मृत्यु हो गई, उनका शव ले जाने के लिए उन्हें फोन कर के बुलाना पड़ा । इलाज कराने वालों में कुछ मरीज ऐसे थे, जो भर्ती होने ऑडी, मर्सडीज, बीएमडब्लू ( Audi, Mercedes, BMW) से आए थे ।

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