भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

कागजों के बाहर नहीं आ पाए 7 मेडिकल कॉलेज

  • मप्र में 450 करोड़ के सात कॉलेजों को मिल चुका है अप्रूवल

भोपाल। मप्र में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के विस्तार के लिए वर्षों पूर्व 7 मडिकल कॉलेजों को अप्रूवल मिला था, लेकिन ये कॉलेज कागजों से बाहर नहीं आ सके हैं। इन सात कॉलेजों के लिए 450 करोड़ रूपए का बजट भी तय किया गया था। लेकिन अभी तक सरकार इन कॉलेजों की आधारशीला भी नहीं रख पाई है। अगर ये कॉलेज शुरू हो गए होते तो प्रदेश में चिकित्सा शिक्षा को मजबूत आधार मिलता और स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर होती।
गौरतलब है कि चिकित्सा शिक्षा को मजबूत बनाने के लिए हजारों करोड़ रुपए खर्च करने के बावजूद हैल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार नहीं आ रहा है। साल 2014 से लेकर वर्ष 2022 तक देश के विभिन्न राज्यों में 157 मेडिकल कॉलेजों को मंजूरी मिली थी। इनमें से अब तक मात्र 72 कॉलेज ही बन पाए हैं। इससे मप्र सहित देशभर में स्वास्थ्य सेवाएं सुधर नहीं पा रही हैं।



20,540 करोड़ रुपए आबंटित
आरटीआई में मिली जानकारी के अनुसार देशभर में बनने वाले 157 कॉलेजों के लिए केंद्र सरकार ने अलग-अलग चरणों में कुल 20,540 करोड़ रुपए आबंटित किए थे। आरटीआई एक्टिविस्ट विवेक पांडे की ओर से मांगी गई सूचना के बाद मिनिस्ट्री ऑफ हैल्थ एंड फैमिली अफेयर्स की ओर से दिए गए जवाब में बताया गया है कि सेंट्रल स्पॉन्सर्ड स्कीम के तहत पहले फेज में 58, दूसरे में 24 और तीसरे फेज में 75 कॉलेजों को मंजूरी दी गई है, लेकिन पहले फेज में 50, दूसरे में 8 और तीसरे फेज में मात्र 14 कॉलेज ही खुले हैं। खास बात यह है कि केंद्र से राशि मिलने के बाद राज्य सरकार के स्तर पर इन कॉलेजों के निर्माण में देरी हो रही है। मेडिकल कॉलेजों में सीट बढ़ाने के लिए नए कॉलेजों को मंजूरी दी गई थी।

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