देश

रमजान माह में मुस्लिम पार्षदों ने पेश की भाईचारे की मिसाल, जानिए विस्तार से…

अंबिकापुर: इन दिनों देश में नवरात्र और रमजान (Navratri and Ramadan) की धूम है. हिंदू और मुस्लिम समुदाय के लोग एक साथ अपने महत्वपूर्ण पर्व (important festival) मना रहे हैं. ऐसे में छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर के 7 मुस्लिम पार्षदों ने कौमी एकता की मिसाल पेश की है. उन्होंने रमजान के पाक महीने में सरगुजा की आराध्य देवी मां महामाया का प्रवेश द्वार बनाने की पहल की है. इसके लिए उन्होंने पार्षद निधि से एक एक लाख रुपए देने की घोषणा की है.

निगम आयुक्त को सौंपा पत्र
श्रम कल्याण बोर्ड (labor welfare board) के अध्यक्ष व नगर निगम में एमआईसी मेंबर शफी अहमद की पहल 7 पार्षदों मां महामाया का प्रवेश द्वार बनवाने के लिए आगे आए हैं. उन्होंने नगर निगम आयुक्त को संयुक्त हस्ताक्षर वाला पत्र (joint signature letter) भी सौंप दिया है. अब अब्दुल हमीद सद्भावना चौक पर मां महामाया के मंदिर का भव्य स्वागत बनाया जाएगा. इसके लिए कांग्रेस पक्ष के अल्पसंख्यक पार्षदों ने पार्षद निधि से एक एक लाख रुपए देने की घोषणा की है.


मंदिर की भव्यता हमारी जिम्मेदारी
एमआईसी सदस्य शफी अहमद की पहल पर अल्पसंख्यक पार्षदों मेराज अंसारी (Minority Councilors Meraj Ansari), शमा कलीम, रूही गजाला, नुजहत फातिमा, फिरदौस हसन और फौजिया नाज ने पार्षद निधि से एक-एक लाख रुपये देने की सहमति जताई है. शफी अहमद ने कहा कि मां महामाया का मंदिर सरगुजा की आस्था का केंद्र है. हम महामाया मंदिर के आसपास के वार्डो से पार्षद हैं. ऐसे में हम सबकी जिम्मदारी है कि मंदिर की भव्यता बढाने की दिशा में प्रयास करें.

Share:

Next Post

MP के इस शहर में सबसे पहले फैला था कोविड 19, वही सबसे पहले हुआ कोरोना मुक्त

Thu Apr 7 , 2022
जबलुपर: मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में कोरोना फैलाने वाला शहर जबलपुर (city jabalpur) अब कोरोना मुक्त हो गया है. यही वह शहर है जहां दो साल पहले मार्च 2020 में मध्य प्रदेश में सबसे पहले कोरोना फैला था. फिर उसके बाद महामारी दूसरे शहरों में फैली. वही जबलपुर अब प्रदेश में सबसे पहला महानगर (Metropolitan) हो […]