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अफगानिस्तान : भारत ने भूकंप प्रभावितों के लिए भेजी राहत सामाग्री, पहली खेप पहुंची काबुल

नई दिल्‍ली । भारत ने अफगानिस्तान (Afghanistan) के पूर्वी पक्तिका प्रांत में आए शक्तिशाली भूकंप (Earthquake) में काफी संख्या में लोगों के मारे जाने पर बुधवार को शोक प्रकट करते हुए मदद का वादा किया था.

भारत ने गुरूवार को ही जरूरत की इस घड़ी में वायुसेना के विमान से अफगानिस्तान में राहत सामाग्री भेज दी है. इसके बारे में ट्वीट करते हुए भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि विदेश अफगानिस्तान के लोगों के लिए भारत की भूकंप राहत सहायता की पहली खेप काबुल पहुंचा दी गई है. बाकी कि खेप भी आगे पहुंचा दी जाएगी.


अफगानिस्तान के पूर्वी पक्तिका प्रांत में आए भूकंप में करीब 1000 लोगों के मारे जाने की खबर आई है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट कर कहा कि भारत, अफगानिस्तान में आए भयावह भूकंप के पीड़ितों और उनके परिवारों और इससे प्रभावित होने वाले सभी लोगों के प्रति शोक और सहानुभूति प्रकट करता है.

उन्होंने कहा कि हम अफगानिस्तान के लोगों की पीड़ा को समझते हैं. जरूरत की इस घड़ी में हम उनको सहायता और समर्थन देने की प्रतिबद्धता दे चुके हैं. अफगानिस्तान की बख्तर समाचार एजेंसी के अनुसार अफगानिस्तान में बुधवार तड़के आये भूकंप में 1,000 लोगों की मौत हो गई और 1,500 अन्य लोग घायल हो गए हैं.

यह आपदा देश में ऐसे समय में आई है जब अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी के बाद तालिबान के देश को अपने नियंत्रण में लेने के मद्देनजर अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने अफगानिस्तान से दूरी बनाई हुई है.

इस स्थिति के कारण 3.8 करोड़ की आबादी वाले देश में बचाव अभियान को अंजाम देना काफी मुश्किल भरा होने का अंदेशा है. अफगानिस्तान के राजदूत फरीद मामुंदजई ने इस कठिन समय में एकजुटता और समर्थन प्रकट करने के लिये भारत की सराहना की.

उन्होंने ट्वीट किया इस कठिन समय में एकजुटता एवं समर्थन प्रकट करने के लिये भारत की सराहना करते हैं . अफगानिस्तान में मानवीय स्थिति पहले ही बद से बदतर होती जा रही है और ऐसे में भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदा से देश के काफी लोगों के जीवन पर बोझ असहनीय हो जायेगा .

मामुंदजई ने कहा कि मानवीय संकट और प्राकृतिक आपदा (Natural Calamity) के कारण हुए नुकसान से निपटने के लिये तत्काल अंतरराष्ट्रीय मदद (International help) की जरूरत है. उन्होंने कहा कि पक्तिका, खोश्त, नांगरहार के विभिन्न इलाकों में बचाव अभियान जारी है और इससे आंकड़े बढ़ सकते हैं.

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