इंदौर न्यूज़ (Indore News)

जनसुनवाई को नई ऊंचाई देने के साथ दिलों में भी जगह बना गए राजा

  • 13 महीने के छोटे कार्यकाल में निर्विवाद रहे

इंदौर। तबादला सूची की चपेट में डॉ. इलैयाराजा टी भी आए और मात्र 13 महीने कलेक्टरी करने के बाद उन्हें जाना पड़ा। हालांकि इस कम अंतराल में भी वे एक संवेदनशील और गरीबों के हितैषी कलेक्टर के रूप में नजर आए, जिन्होंने जनसुनवाई को एक नई ऊंचाई दी और 8 करोड़ रुपए से अधिक की आर्थिक सहायता गरीबों, जरूरतमंदों तक पहुंचाई और सभी के दिलों में जगह बनाई और वे वाकई नाम के अनुरूप राजा साबित भी हुए। विधानसभा चुनाव की चुनौतीभी बखूबी उनके द्वारा
निपटाई गई।


कलेक्टरों की तबादला सूची में इंदौर भी प्रभावित हुआ और डॉ. इलैयाराजा टी को भी जाना पड़ा। हालांकि जी-20 सम्मेलन से लेकर विधानसभा चुनाव सहित शहर से जुड़े हर मुद्दे पर वे सजग और सक्रिय रहे। उनकी सबसे बड़ी खासियत यह रही कि कलेक्टरी का रुतबा उन पर कभी भी नजर नहीं आया और वे जमीन से जुड़े आम आदमी की भावनाओं को समझने वाले कलेक्टर साबित हुए। यही कारण है कि हर मंगलवार को आयोजित होने वाली जनसुनवाई में जबरदस्त भीड़ उमड़ती रही और यह पहला मौका है जब दिव्यांगों को इतनी बड़ी संख्या में मोडिफाइड स्कूटियां बंटवाई गई। इतना ही नहीं, ईलाज से लेकर हर तरह की मदद उन्होंने गरीबों-जरूरतमंदों को दिलवाई और अपने इस 13 महीने के ही कार्यकाल में, जिसमें आचार संहिता के दो महीने भी शामिल रहे, में ही 8 करोड़ रुपए से अधिक की आर्थिक सहायता बंटवा दी। जनसुनवाई के अलावा भी रोजाना दफ्तर आने वाले हर जरूरतमंद से वे पूरी संवेदना के साथ मिलते और उसकी समस्या निवारण का प्रयास भी करते। वहीं भू-माफियाओं से लेकर बिगड़ैल यातायात को सुधारने, ओवरब्रिजों, मेट्रो सहित विकास कार्यों और शासन की योजनाओं का लाभ दिलवाने में भी उनकी भूमिका सराहनीय रही।

Share:

Next Post

काम के लिए रूस-यूक्रेन नहीं जा पाएंगे नेपाली, जंग नहीं, ये है वजह

Sat Jan 6 , 2024
नई दिल्ली: नेपाल (Nepal) की सरकार (Goverment) ने काम के सिलसिले में यूक्रेन और रूस (Ukraine and Russia) जाने वाले अपने लोगों पर प्रतिबंध लगा दिया है. इसकी वजह नेपाल की सरकार ने कुछ यूं बयान किया है कि काम के लिए जाने वाले कई लोगों को रूसी आर्मी में भर्ती कर लिया गया. फिर […]