इंदौर न्यूज़ (Indore News)

179 करोड़ के साथ 50 फीसदी ब्याज भी मिलेगा हुकमचंद मिल मजदूरों को

  • दीपावली से पहले 5895 मजदूरों के लिए आई खुश खबरी… वर्षों के संघर्ष के बाद देर रात शिवराज कैबिनेट ने लिया महत्वपूर्ण निर्णय, हाउसिंग बोर्ड करेगा 42 एकड़ मिल की जमीन विकसित

इंदौर, राजेश ज्वेल। सालों से संघर्ष के बाद हुकमचंद मिल मजदूरों की लगता है, इस बार दीपावली विधानसभा चुनाव के चलते अच्छी मन जाएगी। कल देर रात खत्म हुई शिवराज कैबिनेट की बैठक में हुकमचंद मिल मजदूरों के संबंध में भी महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया और उनकी मूल बची हुई 179 करोड़ की राशि के साथ 50 फीसदी ब्याज की राशि भी देने पर सहमति बनी। हाउसिंग बोर्ड मिल की 42 एकड़ जमीन विकसित करेगा और बदले में मिल मजदूरों को मूल और ब्याज की राशि चुकाएगा। मजदूरों ने हालांकि 88 करोड़ रुपए ब्याज राशि के भी मांगे थे, मगर अब इसमें से 50 फीसदी पर सहमति बन गई है और मजदूरों का भी कहना है कि हमें भी मंजूर है। आखिर कब तक कोर्ट-कचहरी और सरकार से लड़ते रहें।

मिल बंद होने के बाद से 5895 मजदूरों की जमा पूंजी उलझ गई थी। हालांकि कई मजदूरों की मौत भी हो चुकी है और उनकी पहली वारिस यानि पत्नी का भी इंतजार करते-करते लगातार मौतें हो रही हैं। सालों से हुकमचंद मिल के मजदूर हाई कोर्ट सहित सुप्रीम कोर्ट में भी लड़ाई लड़ते रहे हैं। अभी हालांकि कैबिनेट से लिए गए निर्णय को हाई कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा और फिर वहां से मंजूरी के बाद आगे की प्रक्रिया शुरू होगी। दरअसल पिछले कई दिनों से ब्याज की राशि को लेकर ही गतिरोध बना हुआ था। मूल राशि तो चुकाने के लिए हाउसिंग बोर्ड तैयार था, मगर मजदूर सुप्रीम कोर्ट फॉर्मूले से बने 88 करोड़ ब्याज के भी मांग रहे थे।


दरअल मिल मजदूरों की कुल जमा पूंजी 229 करोड़ रुपए बनती है, जिसमें से हाई कोर्ट आदेश पर ही कुछ वर्ष पूर्व शासन ने 50 करोड़ रुपए अंतरिम भुगतान के रूप में दे दिए थे और शेष बची 179 करोड़ की राशि दी जाना थी, जिसके साथ ब्याज की राशि जुडऩे के कारण यह मामला उलझा हुआ था। पिछले दिनों मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने मजदूरों के प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया था कि जल्द ही मामले का निराकरण कर दिया जाएगा। हुकमचंद मिल मजदूरों की ओर से संघर्षरत नरेन्द्र श्रीवंश ने कहा कि मुख्यमंत्री ने अपना वादा निभाया और मजदूर भी ब्याज राशि, जो कैबिनेट ने मंजूर की है, उस पर सहमत हो जाएंगे, क्योंकि कब तक संघर्ष करें। अब उम्मीद कर रहे हैं कि दीपावली के पहले मजदूरों को राशि मिलना शुरू हो, ताकि बड़ा त्योहार भी अच्छे से मन सके। दरअसल पिछले दिनों शासन ने हुकमचंद मिल की 42 एकड़ जमीन नीलाम करने के बजाय हाउसिंग बोर्ड को देना तय किया और बोर्ड ने भी इस पर सहमति जताई। हाउसिंग बोर्ड आयुक्त चंद्रमौली शुक्ला का कहना है कि मिल की जमीन पर अच्छा प्रोजेक्ट लाया जाएगा और कल रात कैबिनेट में जो निर्णय हुआ, उसे हाई कोर्ट में भी प्रस्तुत करेंगे और फिर बोर्ड बैठक में निर्णय लिया जाएगा। मूल राशि के अलावा हाउसिंग बोर्ड 50 फीसदी ब्याज की राशि भी कैबिनेट निर्णय के चलते मजदूरों को देगा।

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