विदेश

रूस के हमले के बीच यूक्रेन को खल रही इस महिला की कमी, पुतिन को दिखाती थीं आंख


कीव: रूस के हमले के बीच यूक्रेन (Russia-Ukraine War) के लोगों को यूलिया तेमोसेंकोवा (Yulia Tymoshenko) की कमी खल रही है. यूलिया यूक्रेन की पहली महिला प्रधानमंत्री थीं. उन्होंने दो बार ये जिम्मेदारी संभाली और रूस के खिलाफ खुलकर बोलती रहीं. पश्चिमी देशों से बेहतर संबंधों की हिमायती यूलिया की कोशिश यूक्रेन NATO का हिस्सा बनाने की थी. हालांकि, उनके दौर में रूस कभी भी इस तरह का डर पैदा नहीं कर पाया.

गैस क्वीन कहलाती थीं यूलिया
यूलिया ने कई बार रूस (Russia) को खुली चुनौती दी थी. वे बिना लड़े एक इंच जमीन भी रूस को देने के लिए तैयार नहीं थीं. मौजूदा संकट में यूक्रेन के लोग अपनी बहादुर महिला प्रधानमंत्री को याद कर रहे हैं. उन्हें लगता है कि यदि यूलिया के हाथों में देश का नेतृत्व होता, तो स्थिति ऐसी नहीं होती. यूलिया को यूक्रेन में गैस क्वीन के नाम से जाना जाता था, क्योंकि उनका वहां गैस का बड़ा व्यापार था.

Russia को खुलेआम दी थी धमकी
यूलिया तेमोसेंकोवा की गिनती यूक्रेन की सबसे सफल बिजनेस वुमन के तौर पर होती थी. आगे चलकर उन्होंने राजनीति में आने का फैसला लिया और जल्द ही वे यूक्रेन की पहली महिला प्रधानमंत्री बन गईं. वे कुछ महीनों के लिए 2005 में और इसके बाद 2007 से 2010 तक यूक्रेन की प्रधानमंत्री रहीं. विपक्ष की नेता रहते हुए भी यूलिया के आक्रामक तेवर कभी कम नहीं हुए. वो रूस को खुलेआम धमकी देते हुए कहती थीं कि एक इंच जमीन भी नहीं लेने दूंगी.


Orange Revolution को मिला था समर्थन
2004 के चुनाव में रूस समर्थक राष्ट्रपति विक्टर यूश्नकोव की जीत हुई. यूलिया ने चुनाव परिणामों को मानने से इनकार करते हुए विक्टर पर धांधली का आरोप लगाया, जिसे लेकर देश में ‘ऑरेंज रिवोल्यूशन’ की शुरुआत हुई. दरअसल, यूलिया की पार्टी का झंडा ऑरेंज रंग का था और उनकी पार्टी रूस के करीब माने जाने वाले विक्टर का खुलकर विरोध कर रही थी. इसलिए इस आंदोलन को ‘ऑरेंज रिवोल्यूशन’ का नाम दिया गया. यूक्रेन में इस आंदोलन को काफी समर्थन मिला था.

भ्रष्टाचार के आरोप में भेज दिया जेल
यूलिया ने 2010 में राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ा. हालांकि, उन्हें जीत नसीब नहीं हुई. वो विक्टर यूश्नकोव से केवल 3.3% वोट से पिछड़ गईं. इसके बाद से उनके बुरे दिन शुरू हो गए. यूलिया के प्रधानमंत्री रहते हुए रूस के साथ हुए एक गैस डील में भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर राष्ट्रपति यूश्नकोव ने उन्हें जेल भेज दिया. वो 2011 से 2014 तक जेल में रहीं. जेल में उन्हें काफी यातनाएं भी दी गईं. बता दें कि 2005 में यूलिया को फोर्ब्स मैग्जीन ने दुनिया की सबसे ताकतवर महिलाओं की सूची में तीसरे नंबर पर रखा था. यूलिया यूक्रेन ही नहीं, बल्कि पूर्व सोवियत संघ के देशों में पहली महिला प्रधानमंत्री थीं.

Share:

Next Post

Income Tax Department ने जारी की चेतावनी! जान लीजिए वरना होगा बड़ा नुकसान

Thu Feb 24 , 2022
नई दिल्ली: बढ़ती महंगाई और रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचती बेरोजगारी से परेशान ऑगऑन के लिए नौकरी हासिल करना चुनौती बन गई है. लोगों की इस मजबूरी का कई जालसाज फायदा भी उठाते हैं. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने हाल ही में एक ट्वीट कर लोगों के लिए चेतावनी जारी की है. इनकम टैक्स विभाग ने कहा […]