इंदौर न्यूज़ (Indore News) मध्‍यप्रदेश

श्वान पीडि़तों को 25 करोड़ की एंटीरैबिज वैक्सीन, वरना कई हो जाते मौत का शिकार

  • सरकार हर महीने इंदौर के श्वान पीडि़तों पर कर रही है लगभग ढाई करोड़ रु. खर्च
  • पिछले साल हो चुकी है 6 आइसोलेट मरीजों में से एक की मौत

इंदौर। प्रदीप मिश्रा. एमवायएच (MYH) के एंटीरैबिज (Anti-rabies) आइसोलेशन (isolation) वार्ड में पिछले साल 12 माह में 6 श्वान पीडि़तों (dog victims) को बहुत ज्यादा हालत बिगडऩे पर भर्ती किया गया था, जिनमें से 1 श्वान पीडि़त मरीज की मौत हो गई थी। इस साल अभी तक 4 महीनों में एक भी श्वान पीडि़त को आइसोलेशन वार्ड में भर्ती करने की नौबत नहीं आई है। डॉक्टर आशुतोष शर्मा का कहना है कि सरकार हर साल लगभग 24 करोड़ रुपए से ज्यादा एंटीरैबिज वैक्सीन ( vaccine ) पर खर्च कर रही है। इस वजह से श्वान पीडि़तों की जान बची हुई है, वरना इस शहर के हालात बहुत खराब होते ।


इस साल पिछले महीने अप्रैल में 4206 लोगों को आवारा श्वान अपनी बाइट का शिकार बना चुके हैं । पिछले साल 2023 में 43 हजार 976 रहवासियों को आवारा श्वानों ने अपनी बाइट का शिकार बनाया था । इसमें से जनवारी 2023 में 1, फिर अप्रैल में 1 , इसके बाद जुलाई , अक्टूबर ,नवंबर , दिसंबर माह में भी एक -एक करके कुल 6 श्वान पीडि़तों को भर्ती कराना पड़ा। इनमें से 1 श्वान पीडि़त की अप्रैल 2023 में मृत्यु हो चुकी है। एमवायएच के मेडिसिन विभाग के विशेषज्ञ डॉक्टर वीपी पांडे का कहना है कि आवारा श्वानों के आतंक की सरकार को भारी कीमत चुकाना पड़ रही है। एक तरफ हर साल करोड़ों रुपए इनकी नसबंदी पर खर्च करना पड़ रहे हैं, दूसरी तरफ इनके बाइट के शिकार पीडि़तों की वैक्सीन पर हर साल लगभग 25 करोड़ रुपए खर्च करना पड़ रहे हैं।

चार माह में 9 करोड़ 72 लाख से ज्यादा रुपए खर्च
इस तरह शहर के हुकमचंद पॉलीक्लिनिक लाल अस्पताल में इस साल पिछले 4 महीनों में 17 हजार 362 श्वान पीडि़तो ं को 9 करोड़ 72 लाख 27 हजार 200 रुपए की 69 हजार 448 मुफ्त वैक्सीन लगाई गई ।

पिछले साल में 24 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च
पिछले साल 2023 के 12 महीने में 43 हजार 976 श्वान पीडि़तों को 24 करोड़ 62 लाख 65 हजार रुपए की 1 लाख 75 हजार 904 मुफ्त वैक्सीन लगाई गई, तब कहीं जाकर श्वान पीडि़तों की जान बची।

2024 में 4 महीनों में श्वान पीडि़तों को लगाई गई वेक्सीन का हिसाब-किताब
जनवरी – पहला महीना
इस साल 2024 के पहले महीने में 4 हजार 907 श्वान पीडि़तों को 2 करोड़ 74 लाख 79 हजार 200 रुपए की 19 हजार 628 एंटीरैबिज वैक्सीन लगाई गई ।
फरवरी -दूसरा महीना
इस महीने में आवारा श्वानों ने 4 हजार 225 रहवासियों को काटा । इन सभी को 2 करोड़ 36 लाख 60 हजार रुपए की 16 हजार 900 वैक्सीन लगाई गई ।
मार्च- तीसरा महीना
इस साल के तीसरे माह में आवारा श्वानों ने 4 हजार 24 शहरवासियों को अपनी बाइट का शिकार बनाया । इन्हें 2 करोड़ 25 लाख 34 हजार 400 रुपए की 16 हजार 96 वैक्सीन लगाई गई।
अप्रैल – चौथा महीना
पिछले माह अप्रैल में 4 हजार 206 श्वान पीडि़तों को 2 करोड़ 35 लाख 53 हजार 600 रुपए की 16 हजार 824 वैक्सीन लगाई गई।

18 माह में 1 की मौत
एंटीरैबिज वैक्सीन के कारण कई श्वान पीडि़तों की जान बच रही है, वरना अभी तक शहर का बुरा हाल होता। पिछले साल छह मरीजों को आइसोलेट किया गया था, जिनमें से एक की मौत हो चुकी है।
वीपी पांडे, विशेषज्ञ मेडिसिन विभाग एमवायएच
नसबंदी-वैक्सीन पर करोड़ों खर्च
श्वान पीडि़तों के कारण सरकार पर आर्थिक मामलों में दोहरी मार पड़ रही है। जहां करोड़ों रु. श्वान की नसबंदी पर और वैक्सीन पर करोड़ों रु. खर्च करना पड़ रहे हैं।
डॉ. आशुतोष शर्मा हुकमचंद पॉलीक्लिनिक, इंदौर

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