इस्लामाबाद। मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद को पाकिस्तान में आतंक-रोधी अदालत द्वारा 31 साल की कैद की सजा, एफएटीएफ से बचने के लिए सिर्फ एक चाल है। इस्राइली पत्रकार सर्जियो रेस्तेली ने टाइम्स आफ इस्राइल में लिखे अपने लेख में इस बात को तार्किक आधार पर रखा है।
रेस्तेली ने लिखा है कि पाकिस्तान ने मनी लान्ड्रिंग और आतंक-रोधी वैश्विक निगरानी संगठन (FATF) के कड़े प्रतिबंधों से बचने के लिए हाफिज सईद को सजा देने का नाटक रचा है। पाकिस्तान ने देश में चल रहे आतंकी वित्तपोषण पर अंकुश लगाने में अपनी गंभीरता साबित करने के लिए आतंकियों को सजा देने की अपनी पुरानी रणनीति का सहारा लिया है, जिन्हें बाद में उच्च न्यायालयों द्वारा आजाद कर दिया जाएगा।
रेस्तेली ने लिखा है कि 2008 के मुंबई हमलों के बाद कुख्यात आतंकी सरगना हाफिज सईद को कई मौकों पर सजा सुनाई गई लेकिन हर बार उच्च न्यायालय में चुनौती देने के बाद उसे बरी किया जाता रहा है। जबकि वह न सिर्फ वैश्विक आतंकी गुट लश्कर-ए-तैय्यबा का सरगना भी है और कई चैरिटी मोर्चों पर धन उगा रहा है।
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