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कर्नाटक में मजबूत हुआ येदियुरप्पा का खेमा, भाजपा नेता के रूप में चुने गए पूर्व सीएम अशोक

बेंगलुरु (Bengaluru) । पूर्व उपमुख्यमंत्री (former deputy chief minister) और सात बार के विधायक आर अशोक (R Ashok) को शुक्रवार को कर्नाटक विधानसभा (karnataka assembly) में भाजपा नेता (BJP leader) के रूप में चुना गया। नए प्रदेश अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र द्वारा बुलाई गई भाजपा विधायक दल की बैठक में 65 वर्षीय अशोक को सर्वसम्मति से चुना गया। वोक्कालिगा नेता का नाम पूर्व सीएम और उनके अच्छे दोस्त बसवराज बोम्मई ने प्रस्तावित किया। पूर्व मंत्री वी सुनील कुमार ने इसका समर्थन किया था। विधानसभा चुनावों के छह महीने बाद विपक्ष के नेता (एलओपी) का चुना गया है। हालांकि, भाजपा ने इसके जरिए संदेश देने की कोशशि की है।

अशोक को बीएस येदियुरप्पा (BS Yediyurappa) के खेमे का ही माना जाता है। उनके बेटे विजयेंद्र के कर्नाटक बीजेपी का अध्यक्ष बनने के बाद ही नेता प्रतिपक्ष के नाम का फैसला किया गया। इसके साथ ही पार्टी में लिंगायत नेताओं की धमक की वापसी हुई है। येदियुरप्पा को नजरअंदाज करने का खामयिजा बीजेपी को कर्नाटक की सत्ता से बेदखल होकर चुकाना पड़ा है।


शुक्रवार को भाजपा विधायक दल की बैठक से पहले भी मतभेद देखने को मिला। पूर्व केंद्रीय मंत्री बसवराज पाटिल यतनाल ने विरोध किया। वह भी नेता प्रतिपक्ष के दावेदार थे। वह प्रदेश अध्यक्ष भी बनने की तमन्ना पाले हुए थे। उन्होंने कहा, “ऐसा क्यों है कि उत्तर कर्नाटक से किसी को भी पार्टी में नेता नहीं बनाया जाता है? ऐसा क्यों है कि केवल दक्षिण के नेताओं को ही ये जिम्मेदारियाँ दी जाती हैं?”

विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने प्रदेश में पार्टी को येदियुरप्पा के नियंत्रण से बाहर निकालने की कोशिश की। हालांकि, इसका खामियाजा भुगतना पड़ा। पार्टी के राष्ट्रीय संगठन सचिव बीएल संतोष भी इसके पक्षधर थे। हालांकि चुनाव में मिली हार और आगामी लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए भाजपा ने पुनर्विचार किया।

अशोक अपनी वफादारी पहले भी सबाति कर चुके हैं। जब 2021 में भाजपा ने बोम्मई को सीएम बनाने के लिए येदियुरप्पा को सीएम पद से हटाने के लिए कहा तो उन्होंने घोषणा की थी कि वह येदियुरप्पा के साथ हैं।

नेता प्रतिपक्ष के रूप में येदियुरप्पा की पसंद 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए जद (एस) के साथ भाजपा के नए गठबंधन में भी मदद करेगी। अशोक को अपने पहले परिवार और राज्य के सबसे बड़े वोक्कालिगा नेताओं देवेगौड़ा के साथ अच्छे संबंध रखने के लिए जाना जाता है। अशोक दक्षिण बेंगलुरु के पद्मनाभनगर विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। यहीं पूर्व पीएम एचडी देवेगौड़ा भी रहते हैं। अशोक सात विधानसभा चुनावों से अपराजित रहे हैं।

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