नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष (Congress President) पद की जिम्मेदारी संभालने के बाद मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) ने अपने लिए बेहद मुश्किल काम चुना है। अध्यक्ष के तौर पर पार्टी की पहली बैठक (First meeting) में गुजरात विधानसभा चुनाव (gujarat assembly elections) के लिए उम्मीदवारों के नाम तय करने के बाद अब खड़गे प्रदेश दौरों की शुरुआत भी गुजरात से कर रहे हैं। खड़गे 29 अक्तूबर को नवसारी में आदिवासियों की जनसभा को संबोधित करेंगे। आदिवासी विधानसभा करीब 40 सीट पर असर डालते हैं।
खड़गे का नवसारी में पहली जनसभा को संबोधित करना पार्टी की चुनाव रणनीति का हिस्सा है। पार्टी क्षत्रीय, हरिजन, आदिवासी और मुसलिम के साथ इस बार पटेल को भी जोड़ रही है। क्योंकि, दक्षिण गुजरात में आदिवासियों के साथ पटेल समुदाय की अच्छी खासी तादाद है। इसके साथ उत्तर भारतीयों की भी अच्छी खासी संख्या है। पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी दाहोद में 10 मई को आदिवासी रैली को संबोधित कर चुके हैं।
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अर्जुन मोढ़वाडिया कहते हैं कि भाजपा पिछले 27 साल से सत्ता में हैं। भाजपा के खिलाफ लोगों में रोष है। पार्टी इस नाराजगी को वोट में बदलने की कोशिश कर रही है। इसके लिए 31 अक्तूबर से पांच परिवर्तन यात्राएं शुरू कर रही है। यह यात्राएं सौराष्ट्र एक, सौराष्ट्र दो, उत्तर गुजरात, दक्षिण गुजरात और केंद्रीय गुजरात में निकाली जाएगी। करीब एक सप्ताह चलने वाली यह यात्राएं 175 विधानसभा क्षेत्रों से गुजरेगी।
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक, कांग्रेस ज्यादातर सीट पर उम्मीदवारों के नाम तय कर चुकी है। चुनाव तिथियों की घोषणा के साथ प्रत्याशियों के नाम का ऐलान कर दिया जाएगा। पार्टी ने टिकट बंटवारे में दलित, आदिवासी, ओबीसी और मुसलिम के साथ पटेल समुदाय को तरजीह दी है। चुनाव प्रचार की रणनीति भी इन्हें केंद्र में रखकर बनाई गई है। इसके साथ पार्टी शहर के मुकाबले ग्रामीण क्षेत्रों में प्रचार पर जोर देगी।
गुजरात में चुनाव अमूमन कांग्रेस और भाजपा के बीच होते रहे हैं। पर इस बार आम आदमी पार्टी भी किस्मत आजमा रही है। ऐसे में कांग्रेस ज्यादा सतर्क है। पार्टी के एक नेता के मुताबिक, आम आदमी पार्टी का पूरा फोकस शहरी मतदाताओं पर है। विधानसभा की 182 में से सौ से ज्यादा सीट ग्रामीण क्षेत्र में हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में आप पार्टी का बहुत असर नहीं है। ऐसे में कांग्रेस को उम्मीद है कि आप से बहुत नुकसान नहीं होगा।
बीटीपी और एनसीपी के साथ समझौता
गुजरात में कांग्रेस भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) और एनसीपी के साथ समझौता करने की तैयारी कर रही है। प्रदेश कांग्रेस के एक नेता के मुताबिक, बीटीपी और एनसीपी को चार-चार सीट छोड़ सकती है। वर्ष 2017 के चुनाव में बीटीपी को दो और एनसीपी को एक सीट मिली थी।
बिखर चुकी है तिगड़ी
वर्ष 2017 के चुनाव में भाजपा को सौ से कम सीट पर रोकने में हार्दिक पटेल, अल्पेश ठाकोर और जिग्नेश मेवाणी ने अहम भूमिका निभाई थी। अल्पेश ठाकोर और हार्दिक पटेल कांग्रेस का हाथ छोड़कर भाजपा का कमल थाम चुके हैं। पार्टी के पास युवा नेताओं की इस तिगड़ी में सिर्फ जिग्नेश मेवाणी हैं। वह पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष हैं।
अशोक गहलोत का भी दौरा
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी 28 अक्तूबर को गुजरात पहुंच गए हैं। गहलोत 31 अक्तूबर तक गुजरात में रहेंगे। इस दौरान वह करीब आधा दर्जन जनसभाओं को संबोधित करेंगे। इसके साथ मुख्यमंत्री नवसारी में होने वाली जनसभा में शामिल होंगे। पार्टी ने अशोक गहलोत गुजरात के मुख्य पर्यवेक्षक नियुक्त किया है।
खास बातें
– गुजरात विधानसभा में आदिवासियों के लिए 26 सीट आरक्षित हैं। वर्ष 2017 के चुनाव में कांग्रेस को 14 और भाजपा को नौ सीट मिली थी। जबकि दो सीट बीटीपी को हासिल हुई थी।
– वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 77 और भाजपा को 99 सीट मिली थी। एनसीपी को एक, बीटीपी को दो और अन्य को एक सीट मिली थी। जबकि तीन सीट पर निर्दलीय उम्मीदवारों की जीत हुई थी।