- विधायक विरोधियों को मिली मंच पर आगे की कुर्सी
- पांच नंबर विधानसभा में विरोधियों को साधना शुरू
- बाबा ने अपने साथ बिठाया खिलाफत करने वाले नेताओं को
इंदौर (Indore)। पांच नंबर विधानसभा में शुरू हुई राजनीतिक उठापटक के बीच कल भाजपा के कार्यकर्ता सम्मेलन वे लोग भी नजर आए जो विधायक के खिलाफ बगावत का झंडा बुलंद किए हुए हैं। उन्हें मंच पर आगे की कुर्सी मिली। सम्मेलन में राज्य युवा आयोग के अध्यक्ष डॉ. निशांत खरे की उपस्थिति चौंकाने वाली रही। हालांकि संगठन की ओर से कहा गया कि उन्हें वक्ता के तौर पर भेजा गया था। दबी जुबान से यह भी कहा जा रहा है कि पांच नंबर में चेहरा बदलकर पार्टी खरे को टिकट दे सकती है।
विधायक महेंद्र हार्डिया को बाहरी बताकर भाजपा के ही कुछ नेताओं ने मोर्चा संभाल लिया है। इसको लेकर बैठकों का दौर भी शुरू हो चुका है। एक बड़ी बैठक पिछले दिनों हो चुकी है। पांच नंबर से पार्षद का टिकट नहीं मिलने वाले नेताओं ने बैठक की अगवानी की थी। हालांकि इस मामले में नगर संगठन ने अभी संज्ञान नहीं लिया है। कल एक मैरिज गार्डन में पांच नंबर विधानसभा का कार्यकर्ता सम्मेलन रखा गया था, जिसमें पूर्व एमआईसी सदस्य दिलीप शर्मा और प्रदीप नायर को छोडक़र सभी विरोधी मौजूद थे।
इसमें वरिष्ठ नेताओं में प्रताप राजोरिया, नानूराम कुमावत और मुकेश राजावत को मंच पर आगे की कुर्सी पर बिठाया गया। बाबा की खिलाफत करने वाले दूसरे नेताओं को भी सम्मेलन में तवज्जो मिली। संगठन की ओर से कार्यक्रम में युवा आयोग के अध्यक्ष डॉ. निशांत खरे, संगठन प्रभारी तेजबहादुरसिंह, मंत्री मोहन यादव, सांसद शंकर लालवानी, नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे सहित कई वरिष्ठ नेता भी मौजूद थे। खरे ने भी प्रभावी उद्बोधन दिया और लंबे समय तक बोले। इसको लेकर दूसरे नेता भी आश्चर्यचकित थे। खरे भी विधानसभा टिकट के दावेदार हैं और वे पांच तथा राऊ में संभावनाएं तलाश रहे हैं। बाबा को भी कल सम्मेलन में विकास कार्य गिनवाना पड़े। उन्होंने 2003 से लेकर अब तक किए गए बड़े कामों की जानकारी कार्यकर्ताओं को दी और कहा कि वे लोगों को इसकी जानकारी दें।
इधर सम्मेलन की सूचना नहीं मिलने से एक धड़ा और नाराज
कल पांच नंबर में हुए कार्यकर्ता सम्मेलन की सूचना नहीं मिलने से एक और धड़ा नाराज दिखाई दे रहा है। ये सभी इतने इमोशनल हो गए कि राष्ट्रीय नेतृत्व को अपने खून से अनदेखी करने का पत्र लिखने का मन बनाया है। इनमें बूथ और शक्ति केंद्र के राजा कोठारी, आकाश राठौर, अश्विन उज्जैनकर, राजेश जोशी आदि शामिल हैं। इनका कहना है कि जानबूझकर उन्हें दूसरे गुट का होने के कारण नजरअंदाज किया गया।