आचंलिक

मुनि श्री प्रशम सागर जी का ससंघ किलेरामा में शुभ आगमन

आष्टा। धर्म आवरण की नही बल्कि आचरण की विषय वस्तु है । धर्म का प्रत्यक्ष सम्वन्ध प्राणी मात्र के कल्याण से जुड़ा हुआ है धर्म हमारी आत्मा के कल्याण का भी हेतुक है । निष्काम भक्ति में ही शक्ति होती है । यह संदेश पूज्य मुनि प्रशम सागर जी महाराज ने ग्राम किलेरामा में मंगल आशीर्वाद के रूप में दिया। साधु संतों को वर्षा ऋतु आगमन के पूर्व किसी एक स्थान पर पहुंच कर वर्षा वास् करना होता है यह अवधि चौमासा कहलाती है पहले सभी साधु संत इस धार्मिक नियम का पालन करते थे परंतु अब जैन साधु ही इस कठोर नियम का पालन कर पाते हैं।उस अवधि में जैन साधु संकल्पपूर्वक कठोर साधना करते हैं वहीं उनके सानिध्य में जैन श्रावक औऱ श्राविकाएं भी आत्म कल्याण के लिए व्रत उपवास एवम करते हुए धार्मिक गतिविधियों में सलग्न रहते हैं।



वर्षावास के पूर्व जैन सन्तो का आवागमन अपने निर्धारित गन्तव्य तक पहुंचने के लिए बढ़ जाता है । इसी क्रम में परम् पूज्य आचार्य विशुद्ध सागर जी महाराज के निर्देश पर उनके शिष्य मुनि श्री प्रशम सागर जी, मुनि श्री साध्य सागर जी तथा मुनि श्री संयत सागर जी का नगर प्रवेश हुआ ।ग्राम किलेरामा में उनका जैन परम्परा अनुसार स्वागत करते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव पूर्व नपाध्यक्ष कैलाश परमार, प्रभु प्रेमी संघ आष्टा के सक्रिय सदस्य एडवोकेट वीरेंद्र सिंह परमार आदि ने की चरण वंदना की । मुनि संघ ने ग्रामीणों को आशीष देकर सत्य अहिंसा के रास्ते पर चलने का आव्हान किया । इस अवसर पर चन्द्रप्रभ दिगम्बर जैन मंदिर समिति अरिहन्तपुरम के अध्यक्ष धर्मेंद्र जैन , अंशुल जैन , वैभव जैन आदि उपस्थित थे।

Share:

Next Post

नपाध्यक्ष ने किया निर्माण का भूमिपूजन

Tue Jun 13 , 2023
सड़क किनारे का अतिक्रमण भी हटाया जाएगा सीहोर। सोमवार को शहर के सबसे व्यस्ततम मार्ग कहे जाने वाले जिला अस्पताल चौराहे से कोतवाली चौराहे तक बनाए जाने वाले रोड का नगर पालिका अध्यक्ष प्रिंस राठौर ने भूमिपूजन करते हुए कहा कि सड़क किनारे जमा अतिक्रमण भी हटाया जाएगा और सड़क का चौड़ीकरण होने से यहां […]