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मंगल और केतु की युति से बना शुभ संयोग, इन 5 राशि को मिलेगा लाभ, देखें आपकी राशि

नई दिल्‍ली। मंगल और केतु 14 दिसंबर 2021 यानी मंगलवार के दिन वृश्चिक राशि में युति करेंगे। ये दोनों ग्रह इस राशि में एक साथ अनुराधा नक्षत्र में आने वाले हैं। अनुराधा नक्षत्र शनि(Anuradha Nakshatra Shani) द्वारा शासित नक्षत्र है और शनि मकर राशि (Capricorn) का शासक ग्रह है। यह राशि राशिचक्र की दसवीं राशि है, जिसकी वजह से आध्यात्मिक गतिविधियों में तेजी से वृद्धि देखने को मिल सकती है। हालांकि सामान्य रूप से मंगल और केतु की युति (ketu mangal yuti effect) को अर्थव्यवस्था और रोजगार के संबंध में बहुत अच्छा नहीं माना जाता है। समृद्धि में कुछ अवरोध देखने को मिल सकते हैं। आइये बताते हैं कि मंगल और केतु (Mars and Ketu) की ये युति आपके जीवन को कितना प्रभावित करेगी।

इन 5 राशियों के लिए शुभ
1- मिथुन (Gemini):
मिथुन का राशि (Gemini zodiac) चक्र में तीसरा स्थान होता है। इस राशि के लोगों के लिए मंगल छठे और ग्यारहवें भाव का स्वामी है और इस युति के दौरान केतु के साथ छठे भाव में स्थित है। अपने व्यवसाय के विस्तार और उत्थान के लिए यह समय बेहद शुभ रहने वाला है, हालांकि यह तभी संभव है जब आप प्रयास में कोई कमी ना रहने दें। पेशेवर मोर्चे पर मंगल और केतु की संयुक्त उपस्थिति के कारण आप नौकरी में पदोन्नति प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा, नौकरी के नए अवसर मिलने की प्रबल संभावना है। यदि आप व्यापार कर रहे हैं तो इस दौरान आपको अधिक मुनाफा मिलने की संभावना है।


2- कर्क (Cancer):
कर्क जल तत्व की स्त्री राशि है। इस राशि में जन्मे लोगों को यात्रा में रूचि होती है। ये लोग अपने काम को लेकर बेहद सजग रहते हैं। इस राशि के जातकों के लिए मंगल पांचवें और दसवें भाव का स्वामी है और इस समय केतु के साथ पंचम भाव में स्थित रहेगा। आध्यात्मिक कार्यों (spiritual works) में हिस्सा लेने और रुचि दिखाने के लिए यह समय अनुकूल रहने वाला है। पेशेवर मोर्चे पर बात करें, तो इस अवधि में आप अपने लक्ष्यों को प्राप्त करेंगे। आप अपने काम के दम पर प्रमोशन और अन्य प्रोत्साहन और अवार्ड प्राप्त कर सकते हैं। आर्थिक पक्ष के लिहाज से यह समय आपके लिए अनुकूल रहने वाला है। मंगल और केतु की युति के प्रभाव से आप अच्छा धन लाभ कमाने में सफल रहेंगे।

3- मकर (Capricorn):
इस राशि के जातक समय पर अपना काम पूरा करना पसंद करते हैं। इस राशि के जातकों के लिए मंगल चतुर्थ और ग्यारहवें भाव का स्वामी है और इस युति के दौरान केतु के साथ ग्यारहवें भाव में स्थित होगा। जिसकी वजह से आप अपने काम और प्रतिबद्धताओं को समय पर पूरा करने में कामयाब (successful) रहेंगे। इस समय अवधि में नई नौकरी के अवसर मिल सकते हैं। मौजूदा कार्यक्षेत्र में आप अपने सहकर्मियों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ अच्छे रिश्ते बनाने में कामयाब रहेंगे। आर्थिक पक्ष की बात करें तो इस दौरान आपको धन लाभ होने की संभावना है, जिसकी वजह से आप खुलकर धन खर्च करेंगे।

4- कुंभ (Aquarius):
इस राशि के जातक नया करने, खोज करने और रिसर्च करने में ज्यादा रुचि लेते हैं। इसके अलावा, समय पर कार्य पूरा करना भी इन्हें बेहद अच्छा लगता है। कुंभ राशि के जातकों के लिए मंगल तीसरे और दसवें भाव का स्वामी है और केतु के साथ युति के दौरान दसवें भाव में स्थित होगा, जिसके फलस्वरूप आप रिसर्च और अपने काम के प्रति पूरी तरह से समर्पित नजर आएंगे। पेशेवर जीवन की बात करें तो इस दौरान आपको नौकरी (job) में अच्छी ग्रोथ देखने को मिलेगी, जिसकी वजह से आप प्रमोशन आदि भी प्राप्त कर सकते हैं। आर्थिक जीवन के लिहाज से बात करें तो इस समय आपको वित्तीय लाभ होने की भी संभावना है।

5- मीन (Pisces):
मीन राशि (Pisces) के लिए मंगल दूसरे और नवम भाव का स्वामी है और केतु के साथ युति के दौरान नवम भाव में स्थित होगा। इस राशि के जातकों को आध्यात्मिक कारणों के चलते यात्रा करनी पड़ सकती है। पेशेवर जीवन में आपके जॉब में ग्रोथ मिलने की संभावना है। साथ ही प्रमोशन के लिए प्रबल योग बनते नजर आ रहे हैं। वहीं आर्थिक जीवन की बात करें तो कठिन परिश्रम और काम के दम पर आपको प्रमोशन और सम्मान प्राप्त होगा। इस समय अवधि में आप धन संचित करने में भी सफल रहेंगे।

ये 7 राशियां रहें सावधान
1- मेष (Aries):
मेष राशि के जातकों के लिए मंगल पहले और आठवें भाव का स्वामी है और इस दौरान केतु के साथ अष्टम भाव में स्थित होगा। कार्य क्षेत्र में आपको कुछ परेशानियां उठानी पड़ सकती हैं। इस दौरान आपके ऊपर काम का बोझ ज्यादा रहने वाला है और अपने काम को लेकर या अपनी नौकरी को लेकर संतुष्ट भी नहीं रहेंगे।

2- वृषभ (Taurus):
वृषभ राशि (Taurus) के जातकों के लिए मंगल सातवें और बारहवें भाव का स्वामी है और इस दौरान केतु के साथ सातवें भाव में स्थित है। समृद्धि के लिहाज से यह समय बहुत ज्यादा अनुकूल नहीं रहने वाला है। इस दौरान आपको कार्यक्षेत्र में अपने सीनियर्स के साथ अपनी गलती के चलते कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। व्यवसाय करने वाले जातकों को घाटा हो सकता है।

3- सिंह (Leo):
सिंह राशि (Leo sun sign) के जातकों के लिए मंगल चौथे और नवम भाव का स्वामी है और इस युति के दौरान केतु के साथ चतुर्थ भाव में स्थित होगा। यह समय कोई भी महत्वपूर्ण फैसला लेने के लिए शुभ नहीं रहने वाला है। इस समय अवधि में आपके परिवार में भी कुछ परेशानियां देखने को मिल सकती हैं। पेशेवर जीवन में आपको कार्यक्षेत्र में काम का ज्यादा बोझ उठाने को मिल सकता है।

4- कन्या (Virgo):
कन्या राशि के जातकों के लिए मंगल तीसरे और आठवें भाव का स्वामी है और इस युति के दौरान केतु के साथ तीसरे भाव में स्थित होगा। यह समय आपके लिए बहुत ज्यादा लाभकारी नहीं रहने वाला है। इस दौरान आपको अपने सहकर्मियों और अधीनस्थों का सहयोग नहीं मिलेगा इसलिए आपको अपने काम को बिना सहयोग के सुनियोजित तरीके से करने की सलाह दी जाती है।

5- तुला (Libra):
तुला राशि के जातकों के लिए मंगल दूसरे और सप्तम भाव का स्वामी है और इस युति के दौरान वृश्चिक राशि में दूसरे भाव में स्थित होगा। परिवार या पारिवारिक जीवन के लिए मंगल और केतु की ये युति अनुकूल नहीं कही जा सकती है। आपको अपनी मेहनत का मनमाफिक परिणाम नहीं मिलेगा। आपको अपने काम को सुचारु रूप से करने में कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

6- वृश्चिक (Scorpio):
इस राशि के जातकों के लिए मंगल प्रथम और छठे भाव का स्वामी है और इस युति के दौरान केतु के साथ प्रथम भाव में स्थित है। यह समय ज्यादा अनुकूल नहीं रहने वाला है। सीनियर्स के साथ आपका तालमेल थोड़ा नाजुक रहने वाला है। वहीं आर्थिक पक्ष के लिहाज से भी यह समय कुछ खास अच्छा नहीं रहने वाला है। इस दौरान धन हानि हो सकती है।

7- धनु (Sagittarius):
धनु राशि के जातकों के लिए मंगल पांचवें और बारहवें भाव का स्वामी है और इस युति के दौरान वृश्चिक राशि में केतु के साथ बारहवें भाव में स्थित होगा। आपके सहकर्मियों के साथ आपका विवाद होने की आशंका है। आर्थिक पक्ष के लिहाज से बात करें तो आप अपने बच्चों के स्वास्थ्य में ज्यादा धन खर्च करेंगे। यदि आपका पैसा कहीं अटका हुआ है या रुका हुआ है तो उसके चलते आपको कुछ काम या प्रतिबद्धताओं से जुड़ना भी पड़ सकता है।

नोट– उपरोक्त दी गई जानकारी व सूचना सामान्य उद्देश्य के लिए दी गई है। हम इसकी सत्यता की जांच का दावा नही करतें हैं यह जानकारी विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, धर्मग्रंथों, पंचाग आदि से ली गई है । इस उपयोग करने वाले की स्वयं की जिम्मेंदारी होगी ।

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