भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

भदभदे को देखने हर हाल में पहुंचते थे भोपाली, वो आबशार अब कहां

आइये बारिशों का मौसम है
इन दिनों चाहतों का मौसम है

बस दो ढाई इंच बारिश ओर हो जाये खां… बाकी भदभदे के दरवाजे खुलने को बेताब हुए जा रय हेंगें। तालाब के फुल टैंक होने में बस 0.25 फीट पानी दरकार हे। खैर उसकी बात बाद में करेंगे। पेले बारिशों में भोपाल की बेपनाह खूबसूरती का जिकर हो जाए। भायान माफ कन्ना कोई कुच बी कहे बारिशों में भोपाल का हुस्न पूरे शबाब पे होता हे। कबी आपने शिमला हिल की नादिर कालोनी वाली साईट से बड़े तालाब का नज़ारा करा हे। नईं करा होए तो आज कल्लो। ऐसा मैसूस होएगा जैसे भोपाल नईं सुटजऱलेण्ड में पोंच गए हों। अशोका लेक व्यू होटल के पिछवाड़े वाली सड़क सीदे नादिर कालोनी तलक ही जाती हेगी। झां से आपको शहर को बरसते भिगोते बादलों का हुजूम नजऱ आएगा। देखते ही देखते छम छम करती हुई बारिश आपको भिगोते हुए निकल लेगी। सूरमा का दावा हेगा भाई मियां के वीआइपी रोड से बल्लियों उछलती तालाब की लहरों के मंजऱ के सामने बम्बई का मरीन ड्राइव फेल हेगा। फिर चाय आप बोट कलब से वन विहार वाली सड़क पे निकल्लो या फिर भदभदे से केरवा डेम के आखिर तलक चलेजाओ माशा अल्ला दिल लल्लनटॉप हो जाएगा। बाकी भाई मियां भदभदे से याद आया, ये वो दिन होते हेंगें जब हर भोपाली को भदभदा डेम के मोहरे खुलने का इंतज़ार रेता हेगा। पता चला हे मियां के इसके मोहरे खुलने के लिए फक़त 0.25 फ़ीट का लेवल ओर चाहिए। आज का लेवल 1666.55 फ़ीट है। मकसद ये साब के बड़ा तालाब अपने फुल टैंक लेवल 1666.80 के अनकऱीब एकदम टकाटक हुआ जा रिया हेगा। इसका लेवल सीहोर से आने वाली नदी कुलांस और केचमेंट एरिये की बारिश से बढ़ता हेगा। 4 जुलाई को इसका लेवल 1659 फ़ीट था।


इन 19 दिनों में इसमे साड़े सात फ़ीट का इजाफा हो गिया साब। ये जो भदभदे का जो डेम आप देख रय हें इसमे 11 लोहे के गेट हेंगें। सन 1963 में ये बना था। इसके पेले तालाब के लेवल में जऱा इज़ाफ़ा होता और इसका पानी आबशारों की शकल में डारिक कलियासोत में गिर जाता। अब डेम बनने के बाद इसका एफटीएल 1666.80 फ़ीट तय कर दिया गया है। वैसे एक बार अर्जुन सिंह साब ने उप राष्ट्रपति भैरोसिंह शेखावत साब को दिखाने के लिए भदभदा का एक गेट 1666 फ़ीट पेई खुलवा दिया था। साठ से नव्वे की दहाई के दौर में भदभदे के मोहरे खुलना भोपाल की सबसे बड़ी खबर होती थी। चोक से लेके जुमेराती तलक और बुधवारा से लेके इब्राहिमपुरा तलक मोहरे खुलने की खबर फेल जाती थी। भाई लोग पुरानी जीपों, बीएसए ओर जावा बाइकों, तांगों, पार्लियामा मोपेडों और सायकलों तक से भदभदा का नज़ारा करने पोंच जाते। भाँ पे मेले जैसा माहोल बन जाता। भोपाली बाकायदा पिकनिक और मछली पकडऩे की लग्गिएँ लेके निकलते। अब तो भदभदा पुल से आमद-ओ-रफ्त ही बंद हो गई है। लिहाज़ा डेम से गिरते आबशार कस वो नज़ारा ही नहीं दिखता। ब-हर-हाल उम्मीद की जानी चाहिए कि आजकल में भदभदे के मोहरे खुल जाएंगे।

Share:

Next Post

सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय बेंच ने छतरपुर में रेत खनन पर लगाई रोक

Sat Jul 23 , 2022
डिस्ट्रिक सर्वे रिपोर्ट फायनल होने तक नहीं होगा रेत खनन बारिश के मौसम में पहले से बंद है नदियों से रेत खनन भोपाल। छतरपुर जिले की खदानों से रेत निकालने पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। ऑक्शन के जरिए रेत की खदानों को दो ग्रुपों को आंवटन किए जाने के बाद डिस्ट्रिक सर्वे […]