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दिल्‍ली में बड़े आतंकी मॉड्यूल का पर्दाफाश, मस्कट के रास्ते पहुंचे थे पाकिस्‍तान

नई दिल्ली। दिल्ली में बड़े आतंकी मॉड्यूल(terrorist module) का पर्दाफाश होने के बाद कई अहम खुलासे हो रहे हैं. जांच के दौरान पता चला है कि पकड़े गए 6 आरोपियों में से ओसामा और जीशान मस्कट(Muscat) के रास्ते पाकिस्तान (Pakistan) पहुंचे थे, जहां उन दोनों को आतंकी ट्रेनिंग (terrorist training) दी गई थी. दोनों को ट्रेनिंग देने का काम किसी आतंकी ने नहीं बल्कि पाकिस्तानी फौज (Pakistani Army)के दो अफसरों ने किया था. उनके साथ एक अन्य पाकिस्तानी नागरिक भी वहां मौजूद था.
दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल को पूछताछ में पता चला कि इसी साल अप्रैल में ओसामा और जीशान ओमान के रास्ते पाकिस्तान के कराची पहुंचे थे. पहले वे ओमान से जियोनी गए थे और वहां से उन दोनों को कराची के पास भेजा गया था. सबसे बड़ी बात ये है कि इस काम को अंजाम देने में पाक एजेंसी आईएसआई का हाथ है. आईएसआई ने उन दोनों को ओमान से पाकिस्तान तक पहुंचाने के लिए पानी के रास्ते का इस्तेमाल किया और वे बोट से पाकिस्तान गए थे.
आईएसआई ने भारतीय एजेंसियों को चकमा देने के लिए उन दोनों को ओमान के रास्ते पाकिस्तान बुलाया था. पाकिस्तान में कराची के एक इलाके में दोनों को पाकिस्तानी सेना के दो अफसरों जब्बार और हमज़ा ने आतंकी ट्रेनिंग दी थी. वहां उन फौजी अफसरों के साथ आसिफ़ नाम का एक पाकिस्तानी शख्स और मौजूद था.



जानकारी के मुताबिक आरोपी ओसामा 22 अप्रैल, 2021 को सलाम एयर की फ्लाइट से लखनऊ से मस्कट, ओमान के लिए रवाना हुआ था. वो मस्कट पहुंचा, वहां उसकी मुलाकात प्रयागराज, यूपी के निवासी जीशान से हुई, जो पाकिस्तान में ट्रेनिंग हासिल करने के लिए भारत से वहां पहुंचा था.
उनके साथ 15-16 बांग्ला भाषी लोग भी शामिल थे, जो शायद बांग्लादेश से आए थे. उन्हें अलग-अलग ग्रुप में बांट दिया गया था. जीशान और ओसामा को एक ही ग्रुप में रखा गया था. इसके बाद अगले कुछ दिनों तक उनका सफर चलता रहा. कई छोटी समुद्री यात्राओं के बाद और कई बार नाव बदलने के बाद उन सभी को ग्वादर बंदरगाह, पाकिस्तान के पास जियोनी शहर में ले जाया गया, जहां उनका स्वागत एक पाकिस्तानी ने किया जो उन्हें पाकिस्तान के थट्टा में एक फार्म हाउस पर ले गया.
उस फार्म हाउस में तीन पाकिस्तानी नागरिक मौजूद थे. इनमें से दो जब्बार और हमजा ने उन्हें ट्रेनिंग दी. ये दोनों पाकिस्तानी सेना के अफसर थे, क्योंकि उन्होंने सेना की वर्दी भी पहनी हुई थी. वहां उन्हें दैनिक उपयोग की वस्तुओं की मदद से बम और आईईडी बनाने और आगजनी करने का प्रशिक्षण दिया गया.
साथ ही उन्हें छोटी बंदूकों, हथियारों और एके-47 को संभालने और उनका इस्तेमाल करने की ट्रेनिंग भी दी गई. आतंकी ट्रेनिंग लगभग 15 दिनों तक चली और इसके बाद, उन्हें उसी मार्ग से ओमान के मस्कट वापस ले जाया गया था.
ट्रेनिंग में उन लोगों को बताया गया कि कैसे स्पीलर सेल बनकर भारत में रहना है. कैसे टारगेट पर नजर रखनी है. कैसे विस्फोटक प्लांट करना है. कैसे रेकी करनी है. साथ ही उन लोगों को जेहाद के वीडियो भी दिखाए गए.
पता चला कि दूसरी तरफ अंडरवर्ल्ड भी इस वक्त दो खेमों में बंटा हुआ है. एक खेमा अनीस इब्राहिम और उसके गैंग मेंबर सम्भाल रहे हैं. दूसरा खेमा छोटा शकील और उसके शार्प शूटर संभाल रहे हैं. एजेंसियों के सूत्र बताते हैं कि इस ऑपरेशन में केवल अनीस इब्राहिम का गैंग शामिल था. छोटा शकील का इसमें कोई रोल नहीं था.
तफ्तीश में जानकारी सामने आई है कि पकड़े गए आतंकियों के पास से मोबाइल फोन भी बरामद हुए हैं. जिनसे कुछ और महत्वपूर्ण जानकारी एजेंसियों के हाथ लगी है. इन आरोपियों को हवाला के जरिए फंड कैश में मिला था. इसलिए उस फंड की जांच जारी है.
पकड़े गए आरोपियों में से एक समीर काला महाराष्ट्र का रहने वाला है. वह लम्बे वक्त से अंडरवर्ल्ड के लिए काम कर रहा था. वो पहले एक बार एक्सटेंशन के मामले में गिरफ्तार हो चुका है. ये प्लान तैयार करने के लिए उसी को पाकिस्तान से अंडरवर्ल्ड का आदेश आया था. जिसके बाद इन 6 लड़कों को तैयार किया गया.

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