इंदौर। रेलवे स्टेशनों (railway stations) के नाम बदलने को लेकर अब उज्जैन सांसद (ujjain MP) ने रेलमंत्री से फतेहाबाद रेलवे स्टेशन (fatehbad railway station) का नाम बदलकर चंद्रावतीगंज (chadravatiganj) करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि फतेहाबाद के साथ-साथ यहां उर्दू में स्टेशन का नाम नहीं लिखा जाना चाहिए।
पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (prime minister narendra modi) ने हबीबगंज रेलवे स्टेशन (habibganj railway station) का नाम बदलकर रानी कमलापति कर दिया था और उसी दौरान फतेहाबाद से उज्जैन की रेल लाइन का शुभारंभ हुआ था। इस पर अब दो जोड़ी मेमू ट्रेनें चलाई जा रही हैं। फतेहाबाद-चंद्रावतीगंज के नाम से जाने जाने वाले इस स्टेशन का नाम इंदौर और उज्जैन की सीमा पर बसे इन दोनों गांवों के कारण पड़ा है। तब से इस स्टेशन को इसी नाम से जाना जाता है, लेकिन उज्जैन सांसद (Ujjain MP) ने अब इस स्टेशन का नाम बदलने के लिए रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव (railway minister ashwini Vaishnav) को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि इस स्टेशन के नाम में से फतेहाबाद शब्द हटाया जाए और केवल उसे चंद्रावतीगंज ही लिखा जाए। फतेहाबाद शब्द का कोई महत्व नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने स्टेशनों के नाम केवल हिंदी में ही लिखने का सुझाव दिया है। वैसे रेलवे स्टेशनों के नाम हिंदी, अंग्रेजी और उर्दू में लिखता रहा है।
होलकर और सिंधिया का साम्राज्य रहा है यहां
गांव के पुराने लोगों के अनुसार यहां होलकर और सिंधिया का साम्राज्य रहा है। फतेहाबाद, जो उज्जैन जिले की सीमा में आता है, सिंधिया घराने के पास था, वहीं इंदौर जिले की सीमा में चंद्रावतीगंज आता है, जो होलकरों के पास था। यहां चुंगीकर नाका हुआ करता था। यह स्टेशन दोनों जिलों की सीमा पर है। Share: