विदेश व्‍यापार

BRICS बिजनेस फोरम में नहीं पहुंचे शी जिनपिंग, लेकिन US पर साधा निशाना

जोहान्सबर्ग (johannesburg)। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Chinese President Xi Jinping) ने बुधवार को ब्रिक्स समूह (brics group) के विस्तार में तेजी लाने की अपील की। उन्होंने इस समूह के देशों के बीच राजनीतिक और सुरक्षा सहयोग बढ़ाकर संयुक्त रूप से जोखिमों को दूर करने के प्रयासों की भी वकालत की। शी मंगलवार को ब्रिक्स बिजनेस फोर में शामिल नहीं हुए। लेकिन उन्होंने एक दिन बाद इस सम्मेलन में हिस्सा लिया।

मगलवार को बिजनेस फोर में अनुपस्थित रहने वाले वह एकमात्र नेता थे। चीनी वाणिज्य मंत्री वांग वेंताओं ने उनके स्थान पर उनका भाषण पढ़ा था, जिसमें स्पष्ट रूप से अमेरिका को लक्षित संदेश था। यह पूछे जाने पर कि शी ने फोरम में हिस्सा क्यों नहीं लिया, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने सवाल को टालते हुए बुधवार को बीजिंग में संवाददाताओं से कहा कि शी का भाषण दिया जा चुका है।

बिजनेस फोरम में अपने भाषण में उन्होंने अमेरिका पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘कुछ देश, जो अपना आधिपत्य बनाए रखने के लिए जुनूनी हैं, उभरते और विकासशील देशों को अपंग बनाने के लिए अपने रास्ते से चल रहे हैं। उन्होंने शिखर सम्मेलन में अपने भाषण में कहा कि ‘शीत युद्ध की मानसिकता अभी भी हमारी दुनिया को परेशान कर रही है, और भू-राजनीतिक स्थिति तनावपूर्ण हो रही है।

उन्होंने कहा कि विकास कुछ देशों के लिए आरक्षित विशेषाधिकार नहीं होना चाहिए, बल्कि सभी देशों के लिए एक अधिकार होना चाहिए, और उन्होंने ब्रिक्स में अधिक देशों को शामिल करने का समर्थन किया। शी ने कहा,’ब्रिक्स सहयोग में भागीदारी को लेकर विकासशील देशों के बढ़ते उत्साह को देखकर मुझे खुशी हो रही है और उनमें से कई ने शामिल होने के लिए आवेदन किया है, हमें ब्रिक्स परिवार में अधिक देशों को लाने के लिए ब्रिक्स विस्तार प्रक्रिया में तेजी लाने की आवश्यकता है।’



चीनी राष्ट्रपति ने आगे कहा, ब्रिक्स देशों को शांतिपूर्ण विकास की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए और ब्रिक्स रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करना चाहिए। सदस्यों को ब्रिक्स विदेश मंत्रियों की बैठक, राष्ट्रीय सुरक्षा और अन्य तंत्रों पर उच्च प्रतिनिधियों की बैठक का अच्छा उपयोग करना चाहिए और अपने संबंधित मूल हितों से जुड़े मुद्दों पर एक-दूसरे का समर्थन करना चाहिए और प्रमुख अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर समन्वय बढ़ाना चाहिए।

सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने उनके हवाले से कहा, ‘हमें महत्वपूर्ण मुद्दों पर अच्छा रुख अपनाने, राजनीतिक समाधान पर जोर देने और तापमान कम करने की जरूरत है।’ शी ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) विकास का एक नया क्षेत्र है, जो न केवल विकास के बड़े लाभ ला सकता है, बल्कि इसमें जोखिम और चुनौतियां भी शामिल हैं। ब्रिक्स देशों ने जल्द से जल्द एआई अध्ययन समूह शुरू करने पर सहमति व्यक्त की है।

उन्होंने कहा, हमें अध्ययन समूह को अपनी पूरी भूमिका निभाने, एआई पर सहयोग का विस्तार करने और सूचना आदान-प्रदान और तकनीकी सहयोग बढ़ाने में सक्षम बनाने की आवश्यकता है। शी ने कहा कि ब्रिक्स सदस्यों को संयुक्त रूप से जोखिमों को दूर करना चाहिए, सार्वभौमिक भागीदारी के लिए एक अंतरराष्ट्रीय तंत्र की स्थापना को बढ़ावा देना चाहिए, और व्यापक सहमति के साथ एआई शासन ढांचे और मानकों को विकसित करना चाहिए, ताकि एआई प्रौद्योगिकियों को लगातार अधिक सुरक्षित, विश्वसनीय, नियंत्रणीय और न्यायसंगत बनाया जा सके।

उन्होंने आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए ब्रिक्स देशों के बीच व्यापार और वित्तीय सहयोग को गहरा करने के प्रयासों का भी आह्वान किया। शी ने कहा कि विश्व आर्थिक सुधार अस्थिर बना हुआ है और विकासशील देशों के लिए चुनौतियां और भी विकट हैं, जिससे सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करने के उनके प्रयास बाधित हो रहे हैं। उन्होंने कहा,’विकास सभी देशों का अपरिहार्य अधिकार है, न कि कुछ लोगों के लिए आरक्षित विशेषाधिकार।’ उन्होंने ब्रिक्स देशों का आह्वान किया कि वे विकास और पुनरुद्धार की यात्रा में साथी बनें और आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान के साथ-साथ आर्थिक दबाव का विरोध करें।’

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