इंदौर। दो दिन पहले मेघदूत चौपाटी पर फिर से चलित दुकानें लगाए जाने को लेकर नगर निगम के रिमूवल अमले और दुकानदारों में खूब विवाद हुआ था। जैसे-तैसे मामला सुलझाया गया, लेकिन मेघदूत चौपाटी के बजाय मेरियट रोड के आगे नाले के समीप बड़ी संख्या में कई चलित दुकानें खड़ी कर दी गई थीं और आज सुबह-सुबह निगम का रिमूवल अमला भारी पुलिस के साथ वहां पहुंचा और सारी दुकानें ढहा दीं। कई दुकानों में फ्रिज से लेकर गैस चूल्हे और अन्य सामान रखा हुआ था। कुछ दुकानदार पहुंचे थे, लेकिन उन्हें न तो दुकानें हटाने का मौका मिला और न ही सामान निकालने का। जो दुकान वाले चलित दुकान लेकर दौड़ लगा रहे थे, उनकी भी दुकानें कार्रवाई की चपेट में आ गईं।
मेट्रो सबस्टेशन के लिए मेघदूत चौपाटी को खाली कराया गया था और वहां लगने वाली 250 से 300 दुकानों को हटाए जाने के निर्देश निगम की रिमूवल टीमों द्वारा दिए गए थे, जिसके चलते पांच-सात दिनों से मेघदूत चौपाटी के दुकानदार निगामयुक्त शिवम वर्मा से भी मिलकर अपनी पीड़ा जाहिर कर चुके थे। वहीं दूसरी ओर इस मामले को लेकर दुकानदारों ने धरना प्रदर्शन भी किया था और क्षेत्रीय विधायक रमेश मेंदोला के घर के बाहर धरना दिया था।
सभी जगह से उनके मामले में कार्रवाई की बात कही गई थी। परसों मेघदूत के दुकानदारों ने चौपाटी के आसपास फिर से दुकानें लगा ली थीं, जिसके चलते निगम का अमला पुलिस बल लेकर पहुंचा था और कार्रवाई की गई थी। इस दौरान दुकानदारों और निगमकर्मियों में जमकर हुज्जत हुई थी। यह मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि कई दुकानदारों ने चलित दुकानें मेरियट रोड के आगे नाले के समीप खड़ी कर दी थीं। बड़ी संख्या में वहां खड़ी की गई दुकानों की सूचना निगम के आला अधिकारियों को मिली तो आज सुबह निगम का रिमूवल अमला भारी पुलिस के साथ क्षेत्र में जा पहुंचा और दो से तीन जेसीबी की मदद से चलित दुकानें ढहा दी गईं। हालांकि सुबह-सुबह की गई कार्रवाई की भनक दुकानदारों को नहीं लगी थी, जिसके चलते मौके पर कोई नहीं पहुंच पाया था।
महंगी चलित दुकानें बनवाई थीं कुछ ही मिनट में हो गर्इं ध्वस्त
नगर निगम की रिमूवल टीम ने मौके पर लगी करीब 100 के आसपास चलित दुकानों को तोडऩे की कार्रवाई जेसीबी की मदद से की। चलित दुकानों को बनाने के लिए तीन से चार लाख रुपए की राशि खर्च होती है और उसमें तमाम सुविधाएं जुटाई गई थीं, जिनमें कुछ दुकानों में फ्रिज से लेकर कई सामान था। दुकानदारों का कहना है कि उन्हें इससे बड़ा नुकसान हुआ है और अचानक की गई कार्रवाई से वे सभी हैरान हैं।
कुछ को सूचना मिली तो ले भागे चलित दुकानें
कुछ लोगों को दुकानें तोडऩे की सूचना मिल गई थी और वे मौके पर पहुंचे तो देखा कि दुकानों को तोड़ा जा रहा है। इस दौरान कुछ लोग अपनी दुकानें लेकर दौड़ते हुए गलियों में भाग गए, जबकि जो पकड़ा गए, उनकी दुकानें भी तोड़ दी गईं।
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