बड़ी खबर व्‍यापार

सर्राफा कारोबारियों की आज की हड़ताल को लेकर उभरे मतभेद

ज्वेलरी कारोबारियों के संगठन एआईजेजीएफ के विरोध से हड़ताल में दो फाड़

नई दिल्ली। सोने के आभूषणों की अनिवार्य हॉलमार्किंग के विरोध में आज 23 अगस्त को प्रस्तावित एकदिवसीय हड़ताल को लेकर दो सरार्फा संगठनों के बीच मतभेद पैदा होने से इसकी सफलता पर सवालिया निशान लग गया है। अखिल भारतीय रत्न एवं आभूषण घरेलू परिषद (जीजेसी) के आह्वान पर आयोजित इस हड़ताल का सरार्फा कारोबार के शीर्ष संगठन ऑल इंडिया ज्वेलरी एवं गोल्डस्मिथ फेडरेशन (एआईजेजीएफ) ने कड़ा विरोध जताया है।

एआईजेजीएफ ने जीजेसी के 23 अगस्त को एक दिन की प्रस्तावित हड़ताल का विरोध करते हुए बेतुका और ज्वैलरी व्यापार को कलंकित करने वाला बताया है। एआईजेजीएफ ने जारी एक बयान में कहा कि अपने निजी स्वार्थों की पूर्ती के लिए जीजेसी के इस हड़ताल में देश के छोटे सरार्फा कारोबारियों का शीर्ष संगठन इस हड़ताल में शामिल नहीं है।


एआईजेजीएफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज अरोरा और महामंत्री राजीव रस्तोगी ने 23 अगस्त की प्रस्तावित इस हड़ताल का कड़े शब्दों में विरोध किया है। उन्होंने कहा कि ज्वेलरी कारोबार में 10 फीसदी बड़े एवं कॉरपोरेट ज्वेलर्स हैं, जिन्होंने अपने निहित स्वार्थ की खातिर छोटे ज्वेलर्स के कंधे पर बंदूक रखकर हड़ताल का आह्वान किया है।

अरोरा ने कहा कि जो लोग प्रस्तावित इस हड़ताल में शामिल हैं। वो देश के लाखों छोटे सर्राफा व्यापारियों को भ्रमित कर अनिवार्य हॉलमार्किंग एवं एचयूआईडी का विरोध कर रहे हैं, जो सरासर गलत है। हालांकि, अरोरा ने केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल से आग्रह किया की ज्वेलर्स के पास पड़े पुराने स्टॉक पर हॉलमार्किंग हासिल करने की अंतिम तिथि को 31 अगस्त, 2021 से एक वर्ष के लिए आगे बढ़ाया जाए।

एआईजेजीएफ के अध्यक्ष ने कहा कि देश में लगभग 6 लाख सरार्फा कारोबारी हैं, जिसमें 10 फीसदी बड़े यानी कॉर्पोरेट ज्वेलर्स हैं, जबकि अन्य देश के अन्य सभी राज्यों के बड़े एवं छोटे शहरों में काम करने वाले रिटेल ज्वेलर्स हैं। इस व्यवसाय में लगभग 20 लाख कारीगर भी काम करते हैं, जो सोने के गहने ध्याड़ी पर बनाकर सरार्फा कारोबारियों को देते हैं। उन्होंने कहा कि इनके पास औसतन 2 हजार से ज्यादा सोने के विभिन्न आभूषण हैं, जिनकी कुल संख्या लगभग 12 करोड़ बनती है। सरकार के आंकड़ों के मुताबिक लगभग 300 दिन इसके लिए चाहिए, तभी पुराने स्टॉक पर हॉलमार्किंग संभव है।

उल्लेखनीय है कि सोने की ज्वेलरी, रत्न एवं आभूषणों पर अनिवार्य हॉलमार्किंग उस उत्पाद की गुणवत्ता की सरकारी गारंटी है। हॉलमार्क का निर्धारण भारत की एकमात्र एजेंसी ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (बीआईएस) करती है। हॉलमार्किंग को अनिवार्य बनाने की चरणबद्ध प्रक्रिया के तहत पहले चरण में सोने के आभूषणों एवं कलाकृतियों की हॉलमार्किंग इस वर्ष 16 जून से लागू है। सरकार ने पहले चरण के अमल के लिए 28 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 256 जिलों की पहचान की है। (एजेंसी, हि.स.)

Share:

Next Post

Bengal के टुकड़े नहीं होने देगी तृणमूल कांग्रेस: पार्थ

Mon Aug 23 , 2021
कोलकाता। भारतीय जनता पार्टी के सांसद जॉन बार्ला (MP John Barla) के बाद प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष (State President Dilip Ghosh) के भी पृथक उत्तर बंगाल राज्य की मांग को जायज ठहराए जाने को लेकर तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) हमलावर हो गई है। भाजपा को जबाव देते हुए रविवार को राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी के […]