- आधे से ज्यादा बस स्टॉप हुए बंद, लाखों की लागत से हुए था निर्माण कार्य
जबलपुर। शहर में चलने वाली मेट्रो बसों के लिए विभिन्न स्थानों पर बस स्टॉपों का निर्माण किया गया था, जिससे की यात्रियों को इन बस स्टॉपों से सफर करने में सुविधा हो सके। लाखों की लागत से बने इन बस स्टॉपों में एलईडी स्क्रीन भी लगाई गई थी। जिसमें यात्रियों को बसों के समय की जानकारी मुहैया हो सके। लेकिन जिम्मेदारों की उदासीनता और रखरखाव के आभाव के कारण मेट्रो बस स्टॉपों की स्थिति बड़ी ही दयनीय हो गई है। हालात यह है कि आधे से ज्यादा मेट्रो बस स्टॉप खस्ताहाल हो गए हैं।
जिससे की यात्रियों को भी असुविधाओं का सामना करना पड़ता है। बताया जा रहा है कि मेट्रो बसों के संचालन के समय पर लगभग 80 बस स्टॉपों का निर्माण कराया गया था। जिसमें कुछ के रखरखाव का जिम्मा निगम द्वारा जारी ठेका एजेंसियों और कुछ का जेसीटीएसएल द्वारा किया जाता था। जानकारी यह भी है कि निगम ने जिन ठेका एजेंसियों से अनुबंध किया था, उनका अनुबंध भी समाप्त हो चुका है। जिसके कारण बस स्टॉपों का मेंटनेंस कार्य नहीं हो पा रहा है और बस स्टॉप बदहाली की मार झेल रहे हैं।
गिने चुने बस स्टॉपों में ही रूकती है बसे
हालात यह है कि आधे से ज्यादा मेट्रो बस स्टॉप बंद हो गए हैं। जिससे की अब गिने चुने बस स्टॉपो में ही बसों का रूकना होता है। बताया जा रहा है कि 80 में से अब 25 से 30 बस स्टॉप ही यात्रियों के लिए चालू हैं। ।
आवारा तत्वों का जमावड़ा
लाखों रुपए खर्च कर बनाए गए बस स्टॉपों में मेट्रो बसें तो नहीं रुकती बल्की इनमें आसमाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता है। वहीं बहुत से स्टॉपों में सड़क पर गुजर-बसर करने वालों ने अपने आशियाने भी बना लिए हैं। अधिकांश जगहों पर रात के समय इन जर्जर और खस्ताहाल बस स्टॉपों में शराब और नशाखोरी नशेडिय़ों द्वारा की जाती है।