नई दिल्ली। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) (Confederation of All India Traders (CAIT)) ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ( Prime Minister Narendra Modi) के राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में ‘वोकल फॉर लोकल’ के आह्वान की सराहना की है। दरअसल, प्रधानमंत्री मोदी ने सौ करोड़ वैक्सीन डोज पूरा होने के अवसर पर एक बार फिर लोगों से इस दिपावली पर लोकल सामान खरीदने और खुदरा दुकानदारों को प्रोत्साहित करने की अपील की है।
कारोबारी संगठन कैट ने शुक्रवार को कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की ये अपील सम-सामयिक है, जो निश्चित रूप से लोगों को स्थानीय सामान खरीदने के लिए प्रोत्साहित करेगी। ऐसे में पीएम का ‘वोकल फॉर लोकल’ को मजबूत करने की आवश्यकता पर बल देना छोटे कारोबारियों को प्रोत्साहित करना है, जो एक सराहनीय कदम है।
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि पिछले वर्ष प्रधानमंत्री की अपील को सख्ती से अपनाते हुए कैट ने 10 जून, 2020 को एक आक्रामक राष्ट्रीय अभियान ‘चीनी उत्पादों का बहिष्कार’ का शंखनाद किया था। इसके परिणामस्वरूप व्यावसायिक समुदाय और देश के लोगों की मदद से चीन को रक्षा बंधन से नए साल के त्योहारी सीजन तक 70 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का व्यापार घाटा हुआ था।
खंडेलवाल ने कहा कि इस बार किसी भी भारतीय व्यापारियों ने चीन को दिपावली उत्सव के सामान से संबंधित कोई ऑर्डर नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि अगर चीन को भारत के त्यौहरी मौसम में बड़ा घाटा हुआ और देश के लोग भारतीय समान के प्रति जागरूक हुए हैं, तो इसमें कैट की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण रही है। कैट महामंत्री ने कहा कि कैट ने सबसे अधिक सक्रिय रूप से ‘वोकल फॉर लोकल’ पीएम मोदी के मिशन को बढ़ावा दिया है।
प्रवीण खंडेलवाल ने खेद व्यक्त करते हुए कहा कि पीएम की अपील के बावजूद सरकारी अधिकारी चाइनीज सामानों सहित विदेशी सामानों की बड़ी आमद को रोकने में विफल रहे हैं, जिन्हें अमेजन और फ्लिपकार्ट सहित कुछ अन्य ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर अब भी सस्ती दरों में बेचा जा रहा है। उन्होंने कहा कि अधिकारी उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे हैं, जबकि नियम यह है कि ई-कॉमर्स पोर्टल पर बेची जाने वाली हर सामग्री को मूल देश घोषित करना चाहिए। खंडेलवाल ने कहा कि सरकारी प्राधिकारियों को भी जागना चाहिए और वे सभी कार्य करने चाहिए, जो ‘लोकल पर वोकल’ मिशन को बढ़ावा दे सकें। (एजेंसी, हि.स.)
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