- गांजा, स्मैक और चरस बेचने वालों को भी पकड़ा गया- अब तक 72 आरोपी पुलिस की गिरफ्त में आए
उज्जैन। पिछले लगभग 10 महीनों से पुलिस ने नशे का अवैध कारोबार करने वालों के खिलाफ मुहिम छेड़ रखी है। इस अवधि में अब तक पुलिस एक करोड़ से अधिक का गांजा, चरस और स्मैक जब्त कर ली है। इसके साथ ही 72 नशा कारोबारियो को पकड़कर जेल भेजा जा चुका है। उल्लेखनीय है कि साल दर साल शहर और जिले में नशे का सेवन करने वाले लोगों की संख्या बढ़ रही है। इसकी चपेट में युवा अधिक आ रहे हैं। नशे की लत पूरी करने के लिए नशेड़ी चोरी चकारी करने से भी नहीं चूकते। पिछले महीने एसपी कार्यालय पर पुलिस अधिकारियों ने नशे के आदी हो चुके लोगों के परिजनों को समझाने के लिए बुलाया था। उस दौरान परिवार के लोगों से नशा करने वाले व्यक्ति के बारे में पूछताछ की गई थी, तब परिजनों ने पुलिस अधिकारियों के सवाल का जवाब देते हुए बताया था कि किसी का बेटा नशे की लत पूरी करने के लिए स्वयं के घर में चोरी करने से नहीं चूक रहा।
अन्य परिजनों ने भी इस तरह की कई बातें पुलिस को बताई थी। इधर पुलिस ने इस साल जनवरी से लेकर अब तक लगभग 10 महीने की अवधि में एक करोड़ से ज्यादा का गांजा, स्मैक और चरस जब्त किया है। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक पिछले 10 महीनों में अलग-अलग कार्यवाही में 248 किलोग्राम गांजा जब्त किया और नशा बेचन वालो को जेल भेजा गया। जबकि 100 ग्राम स्मैक और 240 ग्राम चरस भी बरामद की गई। अवैध रूप से मादक पदार्थों का कारोबार कर रहे 72 लोगों को पुलिस हिरासत में ले चुकी है और करीब-करीब सभी आरोपी न्यायालय के आदेश के बाद जेल भेज दिए गए हैं।
बच्चे और युवा हो रहे शिकार
नशे का सेवन करने वालों में युवाओं की संख्या सबसे ज्यादा है, वहीं कई नई उम्र के बच्चे भी मादक पदार्थों का सेवन करने लगे हैं। इतना ही नहीं ज्यादातर होने वाली लूट और चोरी की घटना में भी पुलिस को नशे का सेवन करने वाले लोग ही ज्यादा मिले हैं। इससे चोरी की घटनाओं में भी इजाफा होने लगा था। पुलिस का दावा है कि पिछले 10 महीनों में हुई कार्रवाई के बाद शहर में आप चोरी और अन्य अपराध का आंकड़ा नीचे आया है।
नशे के कारण हो रहे हैं गंभीर अपराध
स्मैक, ब्राउन शुगर और गांजा सहित चरस का नशा करने वाले लोग अपनी लत पूरी करने के लिए गंभीर घटनाओं को अंजाम दे देते हैं और कहीं से भी चोरी करने से नहीं चूकते। इसके अलावा नशे की हालत में युवा छेड़छाड़, हत्या, लूट जैसी गंभीर वारदातों को भी अंजाम दे देते हैं। नशे की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाए बगैर अपराधों पर काबू नहीं पाया जा सकता।
