नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार (Modi government at the center) आज देश भर के खाद्य मंत्रियों को सामुदायिक रसोई (community kitchen) और अन्य मुद्दों पर चर्चा करेगी जो उन लोगों के लिए राष्ट्रीय खाद्य ग्रिड का निर्माण करेंगे, जो भूख से लड़ने के लिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली और कुपोषण के दायरे से बाहर हैं।
यह बैठक केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल अपने मंत्रालय के तहत खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग द्वारा आयोजित बैठक की अध्यक्षता करेंगे।
बता दें कि सभी राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों के खाद्य मंत्रियों के साथ सामुदायिक रसोई और अन्य मुद्दों पर चर्चा करेंगे। इसमें कहा गया, “बैठक के दौरान जिन संभावित अहम मुद्दों पर चर्चा की जाएगी उनमें मॉडल सामुदायिक रसोई योजना, एक राष्ट्र एक राशन कार्ड के कार्यान्वयन की स्थिति, राशन कार्ड को आधार से जोड़ना, बायोमेट्रिक रूप से प्रमाणित उचित मूल्य की दुकानों के लेनदेन और अन्य शामिल हैं।
विदित हो कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि लोगों को भुखमरी से बचाना एक सरकार का कर्तव्य है। इस टिप्पणी के साथ कोर्ट ने केंद्र सरकार को राज्यों से बात कर सामुदायिक रसोई बनाने के लिए कहा है। कोर्ट ने योजना तैयार करने के लिए 3 हफ्ते का समय दिया है. चीफ जस्टिस एन वी रमना की अध्यक्षता वाली बेंच ने माना है कि इस तरह की योजना राज्यों के सहयोग और भागीदारी से ही चलाई जा सकती है।
यहां तक कि कोर्ट ने यह भी कहा कि इस मसले पर निर्णय को बहुत समय के लिए नहीं टाला जा सकता। कोर्ट ने केंद्र को 3 हफ्ते में ऐसी योजना बनाने के लिए कहा है जिस पर राज्य भी सहमत हों। याचिकाकर्ता ने उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा और बिहार में हुई इस तरह की मौतों की जानकारी देते हुए सामुदायिक रसोई की स्थापना को ज़रूरी बताया गया था। Share: