भोपाल न्यूज़ (Bhopal News) मध्‍यप्रदेश

मप्र में 2020 की सबसे महत्वपूर्ण घटना रही सत्ता परिवर्तन 

भोपाल। मप्र में 2018 के विधानसभा चुनाव में कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बनी थी, लेकिन कांग्रेस के 22 विधायकों द्वारा इस्तीफा देने का कारण 15 महीने के कार्यकाल के बाद उनकी सरकार गिर गई और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनी। मप्र में 2020 की यह सबसे बड़ी घटना रही।
23 मार्च 2020 को शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के 19वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली और शपथ लेने के बाद सीधे मंत्रालय पहुँचकर कोरोना संबंधी बैठक ली। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 21 दिन के देशव्यापी लॉकडाउन के आव्हान पर प्रदेश के नागरिकों से पूरे सहयोग की अपील की। मुख्यमंत्री ने कोरोना सहायता के रूप में एक माह का वेतन देने की घोषणा की। इसके साथ ही इकबाल सिंह बैंस प्रदेश के मुख्य सचिव नियुक्त हुए।
25 मार्च को मुख्यमंत्री चौहान ने कोरोना प्रभावितों के लिए सहायता पैकेज की घोषणा की,‍ जिसमें दो माह की सामाजिक सुरक्षा पेंशन भुगतान, मजदूरों को एक-एक हजार रुपये की सहायता, विशेष पिछड़ी जनजाति परिवारों को दो-दो हजार रूपए की राशि, मध्यान्ह भोजन के लिए विद्यार्थियों को राशि, कोरोना के इलाज के लिए शासकीय एवं अनुबंधित प्रायवेट अस्पतालों में नि:शुल्क इलाज की व्यवस्था, ग्राम पंचायतों में पंच परमेश्वर की राशि का उपयोग कोरोना नियंत्रण एवं लोगों की भोजन, आश्रय व्यवस्था के लिए किए जाने की स्वीकृति, मध्यान्ह भोजन के लिए पीडीएस दुकानों के माध्यम से खाद्यान्न आदि शामिल हैं।
26 मार्च को कोरोना संकट से निपटने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा 01 लाख 70 हजार करोड़ के विशेष पैकेज की घोषणा, देश की 20.5 करोड़ महिलाओं के खातों में 500-500 रुपये प्रतिमाह की राशि, उज्जवला योजना में बीपीएल परिवारों को तीन महीने तक नि:शुल्क गैस सिलेण्डर फिलिंग तथा प्रधानमंत्री अन्न योजना में तीन माह तक 05 किलो अतिरिक्त गेहूं तथा चावल शामिल है। मुख्यमंत्री चौहान द्वारा अन्य राज्यों में फंसे मध्यप्रदेश के नागरिकों के लिए खान-पान, रूकने आदि व्यवस्था के निर्देश दिये गये।
28 मार्च को मुख्यमंत्री ने आगामी तीन माह के लिए नि:शुल्क उचित मूल्य राशन प्रत्येक गरीब को दिए जाने के निर्देश दिए। इसके साथ ही किसान क्रेडिट कार्ड, सम्पत्ति कर आदि जमा करने,सम्पत्ति क्रय-विक्रय के गाइड लाइन तथा फीस जमा करने की अंतिम तिथि 30 अप्रैल तक बढ़ाई गई। 30 मार्च को कोरोना में कार्य कर रहे शासकीय सेवकों को जो 31 मार्च 2020 को सेवानिवृत्त हो रहे थे की सेवानिवृत्ति तीन माह के लिए बढ़ाई गई। 31 मार्च को मुख्यमंत्री ने विभिन्न योजनाओं तथा छात्रवृत्ति योजनाओं की राशि ऑनलाइन ट्रांसफर की।
इसके बाद प्रदेश के हित में शिवराज सरकार ने कई अहम निर्णय लिये गये। मुख्यमंत्री द्वारा कोरोना से निपटने के लिए सालभर 30 प्रतिशत वेतन देने की घोषणा। अन्य मंत्रियों द्वारा भी ऐसी घोषणा की गई। गेहूँ का समर्थन मूल्य 1950 रुपये क्विंटल निर्धारित कर कोरोना नियंत्रण के लिए आई.आई.टी.टी. अर्थात आईडेंटेफाई, आयसोलेट, टैस्ट एण्ड ट्रीट की रणनीति पर कार्य की योजना लागू की गई। कोविड सहायता कोष के लिए प्रत्येक शासकीय सेवक द्वारा एक-एक दिन का वेतन दिए जाने की घोषणा। मुख्यमंत्री द्वारा कोरोना कार्य में लगे निजी चिकित्सका कर्मियों को भी स्वास्थ्य बीमा लाभ दिए जाने की घोषणा। राज्य सरकार ने फसल बीमा योजना की प्रीमियम राशि 2200 करोड़ रुपये जमा करवाई, 15 लाख किसानों को बीमा के 2990 करोड़ रुपये मिले। मनरेगा में प्रदेश की 19 हजार 500 ग्राम पंचायतों में 04 लाख 50 हजार मजदूरों को रोजगार दिया गया। इसके अलावा राज्य सरकार ने सभी वर्गों के हित में कई निर्णय लिये और उन्हें राहत पहुंचाई।
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