इंदौर न्यूज़ (Indore News)

साकार कॉरिडोर, न्यू इंदौर टाउनशिप व महालक्ष्मी धाम की शिकायतें मिलीं

  • क्लॉथ मार्केट की दुकान किराएदार से खाली करवाने का आवेदन लेकर महिला भी पहुंची, प्रशासन ने कालोनाइजरों को दी दो टूक चेतावनी

इंदौर। ऑपरेशन भूमाफिया (operation land mafia) के तहत जहां पुलिस-प्रशसान (police administration) लगातार जहां जनता के साथ धोखाधड़ी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है, वहीं जनसुनवाई (Public Hearing) में भी लगातार शिकायतें मिल रही है। गृह निर्माण संस्थाओं (house building institutions) के पीडि़तों को भूखंड दिलवाने के साथ डायरी पर बिके भूखंडों (sold plots) के मामले में भी जांच और कार्रवाई जारी है। कल की जनसुनवाई में भी सुपर कॉरिडोर (super corridor) के बड़ा बांगड़दा स्थित साकार कॉरिडोर (Sakar Corridor), न्यू इंदौर टाउनशिप (New Indore Township) और लिम्बोदी स्थित महालक्ष्मी धाम (Mahalaxmi Dham in Limbodi) के पीडि़तों ने संबंधित कालोनाइजरों के खिलाफ शिकायतें दर्ज करवाई। इनमें एक महिला तो विदेश से आई हुई है। वहीं एक अन्य महिला ने क्लॉथ मार्केट में अपनी किराए की दुकान को खाली करवाने का भी अनुरोध अधिकारियों से किया। प्रशासन ने संबंधित कालोनइजरों को दो टूक चेतावनी दी कि अगर समयबद्ध विकास करते हुए पीडि़तों को कब्जे नहीं दिए तो लाइसेंस निरस्ती के साथ एफआईआर भी दर्ज करवाई जाएगी।

कलेक्टर मनीष सिंह (Collector Manish Singh) की सख्ती के चलते ही सैंकड़ों भूखंड पीडि़तों को अभी तक न्याय मिल चुका है। अयोध्यापुरी, पुष्प विहार, श्री महालक्ष्मी नगर में तो दो हजार से अधिक भूखंडों के कब्जे भी दिलवाए जा चुके हैं और अन्य गृह निर्माण संस्थाओं की जमीनों को भी भूमाफियाओं के चंगुल से छुड़वाकर पीडि़तों को भूखंड दिलवाए जा रहे हैं। कल की जनसुनवाई में आरआर केट के विज्ञानी नरेन्द्र कुमार ने भी शिकायत दर्ज करवाई कि उन्होंने द न्यू इंदौर टाउनशिप में 19 साल पहले भूखंड लिया था, मगर आज तक कब्जा नहीं मिला। इसी तरह अमेरिका रहने वाली नमिता शाह ने शिकायत दर्ज करवाई कि बड़ा बांगड़दा स्थित साकार कॉरिडोर में दो भूखंडों का भुगतान 7 साल पहले कर दिया, लेकिन अभी तक कब्जा नहीं मिला।


इस संबंध में अपर कलेक्टर राजेश राठौर (Rajesh Rathor) ने कालोनाइजर गोपाल गोयल (Gopal Goyal) को चेतावनी भी दी कि पीडि़तों को कब्जा दिया जाए। साथ ही कालोनी का विकास कार्य भी पूर्ण करें। इसी तरह की एक शिकायत महालक्ष्मी धाम कालोनी की भी मिली, जहां 50 से अधिक भूखंड पीडि़तों ने बताया कि 10 साल पहले पैसे दिए और कब्जे आज तक नहीं मिले। ऐसे 400 खरीददार कालोनाइजर की ठगी का शिकार हुए हैं। कलेक्टर मनीष सिंह ने भी साकार कॉरिडोर सहित उन सभी कालोनाइजरों को कड़ी चेतावनी दी है जिन्होंने समय सीमा में विकास कार्य नहीं किए।

कलेक्टर का स्पष्ट कहना है कि शपथ-पत्र (Affidavit) के आधार पर समय सीमा में विकास कार्य ना करवाने और पीडि़तों की रजिस्ट्री या कब्जा ना देने की शिकायतों के मद्देनजर कालोनाइजर लाइसेंस और दी गई अनुमतियों को निरस्त करने के साथ एफआईआर भी दर्ज करवाई जाएगी। उधर पुलिस ने भी महालक्ष्मी धाम और संतोष देवकॉन (Santosh Devcon) के सुनील मंदवानी को जेल भेज दिया है। वहीं जनसुनवाई में एक महिला ने भी शिकायत दर्ज करवाई कि उसकी क्लाथ मार्केट स्थित किराए की दुकान को खाली करवाया जाए। इस संबंध में भी अपर कलेक्टर राजेश राठौर द्वारा कार्रवाई की जा रही है। एक दिन पहले ही ब्रोकरों को भी सालभर के लिए बॉण्डओवर किया गया।

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