नई दिल्ली । भारत (India) और न्यूजीलैंड (New zealand) के बीच डब्ल्यूटीसी (WTC) का फाइनल साउथम्टपन में 18 से 22 जुलाई तक खेला जाएगा. इस टेस्ट के लिए टीम इंडिया (Team India) का भी ऐलान कर दिया गया है. हनुमा विहारी भी इस टीम का हिस्सा हैं. माना जा रहा है कि टीम इंडिया फाइनल के लिए दो जून को इंग्लैंड (England) रवाना होगी. टीम को टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल के बाद इंग्लैंड के ही खिलाफ पांच टेस्ट मैचों की सीरीज (Five test series) भी खेलनी है. इस बीच भारतीय टेस्ट टीम के खिलाड़ी हनुमा विहारी (Hanuma Vihari) ने कहा है कि न्यूजीलैंड जैसी मजबूत प्रतिद्वंद्वी होने के बावजूद टीम इंडिया आगामी वल्र्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में शानदार प्रदर्शन करने को लेकर आश्वस्त है.
हनुमा विहारी ने कहा है कि मैं डब्ल्यूटीसी फाइनल (WTC Final) और इंग्लैंड सीरीज के लिए हर तरीके से बेहतरीन तैयारी करने की कोशिश कर रहा हूं. यह सभी भारतीय प्रशंसकों के लिए रोमांचक होने जा रहा है क्योंकि यह डब्ल्यूटीसी का पहला संस्करण है. हम न्यूजीलैंड जैसी मजबूत टीम के खिलाफ खेलने जा रहे हैं. वहां की परिस्थितियां चुनौतीपूर्ण होने वाली है. हम सब यह जानते हैं, लेकिन भारतीय टीम शानदार चीजें कर सकती है. हनुमा विहारी चोट के कारण इंग्लैंड सीरीज के दौरान भारतीय टीम का हिस्सा नहीं थे. उन्हें आस्ट्रेलिया दौरे पर जनवरी में चोट लग गई थी. हालांकि उसके बाद से उन्होंने विजय हजारे ट्रॉफी में आंध्र के लिए सात मैच खेले हैं. उन्होंने कहा कि मैं इस बात को लेकर आश्वस्त हूं कि हम डब्ल्यूटीसी फाइनल में शानदार प्रदर्शन करेंगे. मैं डब्ल्यूटीसी फाइनल और इंग्लैंड सीरीज के लिए बेस्ट से बेस्ट तैयारी कर रहा हूं.
आपको बता दें कि 18 जून को ऐसा पहली बार होगा जब भारत और न्यूजीलैंड की टीमें किसी तीसरे देश में टेस्ट में आमने सामने होंगी. यानी इससे पहले जब भी टीम इंडिया और न्यूजीलैंड के बीच टेस्ट मैच हुआ है तो या तो भारत में हुआ है या फिर न्यूजीलैंड में. पहली बार इंग्लैंड में दोनों टीमें आमने सामने होंगी. इतना ही नहीं, टीम इंडिया पहली बार किसी न्यूट्रल वेन्यू पर टेस्ट खेलने जा रही है. फाइनल मुकाबला साउथैम्पटन में होगा, टीम इंडिया ने इस मैदान पर इससे पहले दो बार टेस्ट मैच खेला है. दोनों बार टीम इंडिया के सामने इंग्लैंड की टीम थी और दोनों बार टीम इंडिया को हार का ही सामना करना पड़ा है. यानी टीम इंडिया की जीत का प्रतिशत शून्य है. सबसे पहले टीम इंडिया ने इस मैदान पर 2014 में मैच खेला था, इसके बाद साल 2018 में भारत और इंग्लैंड का मैच हुआ था. दोनों ही मैचों में टीम इंडिया का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है.