जबलपुर। मध्यप्रदेश(Madhya Pradesh) के जबलपुर(Jabalpur) से ब्लैक और व्हाइट फंगस (Black and white fungus) के बाद अब क्रीम फंगस (Cream fungus) का मरीज सामने आया है. स्वास्थ्य महकमे के अनुसार प्रदेश का पहला ऐसा मामला है जहां ब्लैक फंगस(Black fungus) के साथ क्रीम फंगस (Cream fungus) का संक्रमण (Infection) पाया गया है. पीड़ित मरीज का इलाज नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज(Netaji Subhash Chandra Bose Medical College) के ईएनटी विभाग (ENT Department) द्वारा शुरू कर दिया गया है.
जबलपुर में प्रदेश का सबसे पहले कोरोना संक्रमण का मामला आया, उसके बाद ब्लैक फंगस, व्हाइट फंगस और अब क्रीम फंगस का मामला सामने आया है. कोविड-19 संक्रमित मरीजों का पॉजिटिविटी दर कम हो रही है तो वहीं दूसरी ओर ब्लैक फंगस सहित उसके अन्य प्रकारों के मामले तेजी से सामने आ रहे हैं. बात यदि वर्तमान हालातों की की जाए तो फंगस से पीड़ित मरीजों की संख्या का शतक लग चुका है. लिहाजा मेडिकल कॉलेज में 106 मरीज इलाजरत हैं जिनमे से 39 मरीजों का ऑपरेशन भी किया जा चुका है. इन्हीं मरीजो में से एक मरीज में क्रीम फंगस की पुष्टि हुई है जबकी 50 से अधिक ब्लैक फंगस के मरीज निजी अस्पतालों में इलाजरत हैं.
जानकारी के मुताबिक कोविड-19 संक्रमित मरीजों में एंटीबायोटिक दवाओं का अत्यधिक उपयोग शरीर के अंदर पेट में पाए जाने वाले सहजीवी बैक्टीरिया को खत्म कर रहा है क्योंकि इंसान के शरीर में सहजीवी बैक्टीरिया की मौजूदगी बेहद जरूरी होती है. यही बैक्टीरिया फंगस को खत्म करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है. लिहाजा एकाएक इन मामलों में व्रद्धि देखी जा रही है. क्षेत्रीय स्वास्थ्य संचालक डॉ. संजय मिश्रा के अनुसार कोविड होने के बाद भी मास्क को पहनना खुले में सहज रूप से पाए जाने वाले ब्लैक फंगस के संक्रमण को शरीर मे प्रवेश होने से रोक सकता है.
कोरोना के बाद महामारी बनकर उभरी ब्लैक फंगस के लिए आवश्यक जीवनरक्षक दवाओं की पूर्ति सभी मरीजों के लिए संभव हो सके, इसके लिए स्वास्थ्य विभाग हर स्तर पर प्रयास कर रहा है. जितने मरीजों का इलाज चल रहा है, उतनी मात्रा में इसके लिए आवश्यक लायपोसोमल एम्फोसिटीरिन-बी इंजेक्शन की आपूर्ति नही हो पा रही है. यही वजह है कि इस बीमारी का संक्रमण तेजी से फैलने लगा है जबकि उपचार की रफ्तार कम होती जा रही है. Share: